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Banda News: दो करोड़ से होगा नागरीय प्रचारणीय पुस्तकालय का नवनिर्माण
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Sun, 14 Sep 2025 12:28 AM IST
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फोटो- 16 कचहरी के पास स्थित जर्जर नागरीय प्रचारणीय पुस्तकालय। संवाद
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बांदा। 126 साल पुराने नागरीय प्रचारणीय पुस्तकालय का नवनिर्माण होगा। विकास प्राधिकरण ने खाका तैयार कर लिया है। दो करोड़ की लागत से जल्द इसका निर्माण होगा। निर्माण का दायित्व लोक निर्माण विभाग खंड-1 को सौंपा गया है। पुस्तकालय भवन बनने के बाद छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। हिंदी, इतिहास सहित सामान्य ज्ञान की किताबें होगी।
शहर के बांदा-महोबा रोड पर कचहरी के पास वर्ष 1899 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय ने नागरीय प्रचारणीय पुस्तकालय की स्थापना कराई थी। उसी समय बलखंडी नाका स्थित अनाथालय की स्थापना की गई थी। रख-रखाव के अभाव में दोनों जीर्ण-शीर्ण हो गए है। सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी मुन्नी लाल बताते हैं उस समय का जिले का पहला पुस्तकालय था जहां पर छात्र-छात्राएं बैठ कर पुस्तकों के जरिए ज्ञान अर्जित करते थे। पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं की हिंदी की कहानी, उपन्यास, इतिहास की किताबों का बड़ा संग्रह था। पुरानी किताबें नष्ट होने के बाद नई नहीं आई। इस कारण धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं ने आना कम कर दिया। पिछले एक दशक से यह पूरी तरह से बंद चल रहा है।
समाजसेवियों की मांग पर हाल ही में विकास प्राधिकरण बोर्ड बैठक में नागरीय प्रचारिणी पुस्तकालय भवन के नव निर्माण की सहमति बनी। डीएम के आदेश पर दो मंजिला पुस्तकालय भवन का नक्शा व प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसे स्वीकृति के लिए शासन भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि पुस्तकालय अत्याधुनिक बनाया जाएगा। शिक्षा व सांस्कृतिक विकास का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इससे संबंधित हाल भी में प्रकाशित हिंदी, इतिहास, उपान्यास, कहानी संग्रह के साथ ही कुछ प्रतियोगी किताबें होगी। छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए भवन में दो हाल होंगे। प्रत्येक हाल में करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही चार कक्ष भी होंगे। बिजली, पानी व बैठने के लिए बेहतर फर्नीचर होगा।
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अमीर खुसरो व रानी केतकी की किताबें भी होंगी उपलब्ध
डीआईओएस दिनेश कुमार ने बताया कि पुस्तकालय के निर्माण के बाद एक कमेटी बनाई जाएगी। जोकि किताबों के संग्रह का काम करेगी। जोकि तय करेगी किन-किन किताबों का संग्रह किया जाए। बताया कि नई किताबों के अलावा अपने लिटरेचर की पुस्तकें भी रहेंगी। इसमें अमीर खुसरो व रानी केतकी जैसी पुस्तकें शामिल हैं।
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शोध कार्य की भी होगी विशेष सुविधा
विकास प्राधिकरण के सचिव मदन मोहन का कहना है कि भवन बनने के बाद पुस्तक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डीआईओएस दिनेश कुमार की होगी। प्रयास होगा कि पुस्तकालय में हिंदी, कहानी संग्रह, इतिहास के साथ ही प्रतियोगी पुस्तकें ज्यादा हों। ताकि छात्र-छात्राएं यहीं पर प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित तैयारी कर सके। शोध कार्य की भी सुविधा होगी।
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पुस्तकालय ज्ञानार्जन का सशक्त मंच
जिलाधिकारी जे. रीभा का कहना है कि संकट मोचन मंदिर धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। पुस्तकालय निर्माण से मंदिर का महत्व बढ़ जाएगा। इसमें छात्रों व युवाओं के अध्ययन के लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। पुस्तकालय शहरवासियों के लिए अध्ययन और ज्ञानार्जन का एक मजबूत सशक्त मंच साबित होगा।

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शहर के बांदा-महोबा रोड पर कचहरी के पास वर्ष 1899 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय ने नागरीय प्रचारणीय पुस्तकालय की स्थापना कराई थी। उसी समय बलखंडी नाका स्थित अनाथालय की स्थापना की गई थी। रख-रखाव के अभाव में दोनों जीर्ण-शीर्ण हो गए है। सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी मुन्नी लाल बताते हैं उस समय का जिले का पहला पुस्तकालय था जहां पर छात्र-छात्राएं बैठ कर पुस्तकों के जरिए ज्ञान अर्जित करते थे। पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं की हिंदी की कहानी, उपन्यास, इतिहास की किताबों का बड़ा संग्रह था। पुरानी किताबें नष्ट होने के बाद नई नहीं आई। इस कारण धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं ने आना कम कर दिया। पिछले एक दशक से यह पूरी तरह से बंद चल रहा है।
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समाजसेवियों की मांग पर हाल ही में विकास प्राधिकरण बोर्ड बैठक में नागरीय प्रचारिणी पुस्तकालय भवन के नव निर्माण की सहमति बनी। डीएम के आदेश पर दो मंजिला पुस्तकालय भवन का नक्शा व प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसे स्वीकृति के लिए शासन भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि पुस्तकालय अत्याधुनिक बनाया जाएगा। शिक्षा व सांस्कृतिक विकास का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इससे संबंधित हाल भी में प्रकाशित हिंदी, इतिहास, उपान्यास, कहानी संग्रह के साथ ही कुछ प्रतियोगी किताबें होगी। छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए भवन में दो हाल होंगे। प्रत्येक हाल में करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही चार कक्ष भी होंगे। बिजली, पानी व बैठने के लिए बेहतर फर्नीचर होगा।
अमीर खुसरो व रानी केतकी की किताबें भी होंगी उपलब्ध
डीआईओएस दिनेश कुमार ने बताया कि पुस्तकालय के निर्माण के बाद एक कमेटी बनाई जाएगी। जोकि किताबों के संग्रह का काम करेगी। जोकि तय करेगी किन-किन किताबों का संग्रह किया जाए। बताया कि नई किताबों के अलावा अपने लिटरेचर की पुस्तकें भी रहेंगी। इसमें अमीर खुसरो व रानी केतकी जैसी पुस्तकें शामिल हैं।
शोध कार्य की भी होगी विशेष सुविधा
विकास प्राधिकरण के सचिव मदन मोहन का कहना है कि भवन बनने के बाद पुस्तक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डीआईओएस दिनेश कुमार की होगी। प्रयास होगा कि पुस्तकालय में हिंदी, कहानी संग्रह, इतिहास के साथ ही प्रतियोगी पुस्तकें ज्यादा हों। ताकि छात्र-छात्राएं यहीं पर प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित तैयारी कर सके। शोध कार्य की भी सुविधा होगी।
पुस्तकालय ज्ञानार्जन का सशक्त मंच
जिलाधिकारी जे. रीभा का कहना है कि संकट मोचन मंदिर धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। पुस्तकालय निर्माण से मंदिर का महत्व बढ़ जाएगा। इसमें छात्रों व युवाओं के अध्ययन के लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। पुस्तकालय शहरवासियों के लिए अध्ययन और ज्ञानार्जन का एक मजबूत सशक्त मंच साबित होगा।