बरेली जेल में मौत का मामला: इस वजह से गई थी आदेश तिवारी की जान, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बरेली जेल में स्मैक तस्करी के आरोपी आदेश तिवारी की मौत वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हो गई। पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।

विस्तार
बरेली में इज्जतनगर थाना पुलिस की कार्रवाई में बुधवार को जेल भेजे गए स्मैक तस्करी के आरोपी आदेश तिवारी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। आदेश के शव का बृहस्पतिवार रात तीन बजे दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। इसमें हृदय में रक्त भरा मिला। अन्य परीक्षण से पुष्ट हुआ कि मौत की वजह हार्टअटैक है। आदेश के शव का सुबह परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया।

यहां बता दें कि बृहस्पतिवार सुबह जब आदेश के भाई और भाभी उससे मुलाकात करने जेल गए थे, तभी उसकी हालत बिगड़ गई थी। मामला हार्ट अटैक से मौत लग रहा था। आदेश के भाई ने एसओजी पर दस लाख रुपये वसूलने और जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस पर पिटाई से आदेश की मौत हुई है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।
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यह था पूरा मामला
फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के मनकरी गांव निवासी आदेश तिवारी (28) को बुधवार दोपहर बाद जिला जेल (केंद्रीय जेल-2) भेजा गया था। आदेश और उसके पांच अन्य साथियों को गिरफ्तार कर इज्जतनगर पुलिस व एसओजी ने गुडवर्क दिखाया था। एसपी सिटी मानुष पारीक की प्रेसवार्ता में सभी आरोपी मीडिया के सामने पेश किए गए थे। उस वक्त सबके चेहरों पर मास्क लगे थे।
उसके भाई अंशुल तिवारी ने एसओजी टीम पर गंभीर आरोप लगाए। बताया कि एसओजी ने आदेश को 29 जून को उनके घर से उठाया था और दो जुलाई को जेल भेज दिया। एसओजी ने उनसे दस लाख रुपये की मांग की। हमने प्लॉट बेचकर रुपये दिए। तय हुआ था कि एसओजी उसे छोड़ देगी। एसओजी ने कुछ और लोगों को भी इसी तरह रुपये लेकर छोड़ा था।
आरोप- पिटाई से बिगड़ी थी हालत
अंशुल ने बताया कि बाद में एसओजी के सदस्य आनाकानी करने लगे। फिर कहा कि पिटाई नहीं लगेगी और हल्की धारा में कम स्मैक दिखाकर जेल भेजा जाएगा। ये वादा भी टूट गया। इज्जतनगर पुलिस ने भारी मात्रा में स्मैक साथ में दिखाई और पिटाई भी की। इससे आदेश की हालत बिगड़ गई। उसे जेल भेजा गया तो जेल प्रशासन ने भी इलाज पर ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से भाई की मौत हो गई।
जेल में जान गंवाने वाले आदेश तिवारी की दो महीने बाद ही शादी होने वाली थी। अब उसके घर में मातम है। पुलिस के रिकाॅर्ड में आदेश तिवारी की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान थी। जिला अस्पताल की मोर्चरी पर आदेश तिवारी के परिजन बिलख रहे थे। उसकी मां सरस्वती व भाभी गौरी ने एसओजी पर उसे जानबूझकर फंसाने का आरोप लगाया। गौरी ने बताया कि आदेश सीधा-सादा युवक था। पहले देहरादून पुलिस ने उस पर फर्जी केस लदवा दिए। अब बरेली एसओजी ने उसे फंसा दिया।
उन्होंने बताया कि आदेश की शादी तय हो गई थी और दो महीने बाद बरात जानी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। सभी लोग खुश थे और खरीदारी में जुटे थे। अब उनके घर में मातम है। मां सरस्वती ने बताया कि उनके तीन बेटे हैंे। इनमें सबसे बड़े अंशुल की शादी हो चुकी है। दूसरा बेटा आदेश था और तीसरा अंकुुर है।