UP News: बरेली में कोहरे के कारण घटी दृश्यता, तीन दिन में दूसरी बार मुंबई की फ्लाइट निरस्त; कल भी संशय
बरेली में शुक्रवार को दिनभर कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण दृश्यता कम रही, जिससे हवाई यातायात पर असर दिखा। मुंबई-बरेली और बरेली-मुंबई की उड़ान को दृश्यता कम होने के कारण निरस्त करना पड़ा।
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बरेली में घना होता कोहरा उड़ानों को भी प्रभावित कर रहा है। शुक्रवार को तीन दिन में दूसरी बार मुंबई-बरेली और बरेली-मुंबई की उड़ान को दृश्यता कम होने के कारण निरस्त करना पड़ा। मंगलवार को भी दोनों ओर से उड़ानों को निरस्त कर दिया गया था। इससे पहले 12 दिसंबर को बरेली-बंगलूरू की उड़ान को निरस्त और बंगलूरू-बरेली की उड़ान को दिल्ली डायवर्ट करना पड़ा।
बरेली-मुंबई के बीच ट्रेनों की संख्या सीमित है। जो गाड़ियां संचालित की जा रही हैं, उनमें नो रूम हैं। बरेली-बंगलूरू के बीच कोई ट्रेन नहीं है। एक विशेष गाड़ी का संचालन किया जा रहा था। उसे भी पिछले माह अनिश्चितकाल के लिए निरस्त कर दिया गया। ऐसे में बरेली-मुंबई और बरेली-बंगलूरू के लिए लोग हवाई यात्रा को तरजीह दे रहे हैं। कोहरे के कारण उड़ानें भी निरस्त किए जाने के कारण यात्रियों को समस्या हो रही है।
सिविल एन्क्लेव के निदेशक अवधेश अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को मुंबई से बरेली के लिए और बरेली से मुंबई के लिए उड़ान नहीं हो सकी। शनिवार को बंगलूरू की उड़ान को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अगर दृश्यता में सुधार नहीं होता है तो इस उड़ान पर भी विचार किया जाएगा।
रोडवेज की एसी बसों में घटे यात्री
सर्दी में बसों और ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घट गई है। रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या 35-40 फीसदी तक कम हो गई है। इस कारण रात्रिकालीन सेवाओं को निरस्त करना पड़ रहा है। कम से कम 25 यात्री होने पर ही बस को रवाना किया जा रहा है। रोजाना औसतन तीन एसी बसों को निरस्त करना पड़ रहा है। सामान्य बसों में भी यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। इस कारण सामान्य बसों के फेरों में भी कटौती की गई है।
बरेली परिक्षेत्र के बरेली, रुहेलखंड, पीलीभीत और बदायूं डिपो के पास अब तक 32 एसी बसें थीं। दो माह पहले मुख्यालय ने परिक्षेत्र को 25 और लग्जरी एसी बसें उपलब्ध कराई हैं। इन बसोंं में ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा भी मिलती है। क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी ने बताया कि मुख्यालय के निर्देशानुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। यात्रियों की संख्या कम होने के कारण फेरों में कटौती और बसों को निरस्त कर यात्रियों को समायोजित भी किया जा रहा है।
