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हुलासनगरा क्रॉसिंगः फिर लिया ब्लॉक, न जाने कब पूरा होगा फर्राटा भरने का सपना
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शाहजहांपुर की हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग पर बृहस्पतिवार को दोपहर रेलवे से लिए गए ब्लॉक के कारण लख?
- फोटो : SHAHJAHANPUR
शाहजहांपुर/मीरानपुर कटरा। लखनऊ/दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की हुलासनगरा क्रॉसिंग पर निमार्णाधीन ओवरब्रिज पर गर्डर रखने के लिए बृहस्पतिवार को करीब दो घंटे ब्लाक लिया गया। इससे लखनऊ और बरेली की ओर जाने वाले वाहनों का यातायात थम गया। जाम लगने पर पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से वाहनों को मोड़ना शुरू किया। यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसी उम्मीद थी कि ग्यारह साल से चले आ रहे इस सिलसिले का मार्च में अंत हो जाएगा। लेकिन निराशा हाथ लगी।
ओवरब्रिज निर्माण का ठेका लेने वाली नई पीआरएल कंपनी ने क्रॉसिंग के दोनों ओर एप्रोच रोड। पहुंच मार्ग बनाने का काम कई माह पहले निपटा लिया था। इसके बाद ओवरब्रिज के ऊपर रखे जाने वाले गर्डर को लेकर पेंच फंस गया। चूंकि ओवरब्रिज निर्माण का पहले काम करा रही ऐरा कंपनी द्वारा लाए गए गर्डर कई सालों तक जमीन पर पड़े-पड़े खराब हो गए। इसीलिए रेल अधिकारियों ने नई पीआरएल कंपनी को नए गर्डर बनवाने का आदेश दिया था। क्रॉसिंग की डाउन लाइन के ऊपर बनाए स्पैन (दो गर्डर के बीच की दूरी) पर गर्डर रखे जा चुके हैं।
इसी कड़ी मेें क्रॉसिंग की अपलाइन के ऊपर गर्डर रखने के लिए रेल विभाग से ब्लॉक की अनुमति मिली। बृहस्पतिवार को अपलाइन पर दो गर्डर रखने का काम किया गया। दो घंटे में क्रेन के सहारे गर्डर कंक्रीट के पिलर्स पर पहुंचाने के बाद शाम चार बजे क्रॉसिंग पर रेल/सड़क यातायात खोल दिया। अधिकारियों के अनुसार आखिरी स्पैन के गर्डर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ से रवाना होकर एक सप्ताह में हुलासनगरा पहुंचेंगे। ओवर ब्रिज कब पूरा होगा। अब भी कुछ कहा नहीं सकता। रेलवे का पेंच फंसा है।
उम्मीद: नवरात्र में शुरू हो सकती है एक लेन
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की कार्यदायी संस्था पीआरएल कंपनी ने ओवरब्रिज की लखनऊ से बरेली की ओर जाने वाले वाहनों के लिए एक लेन तैयार कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि नवरात्र में किसी भी दिन इस लेन पर यातायात शुरू करा दिया जाएगा।
रेलवे की ओएचई लाइन की कम की ऊंचाई
अधिकारियों के अनुसार क्रॉसिंग की अपलाइन के ऊपर गर्डर पहुंचाने के काम में रेलवे की ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन आड़े आने लगी। इस काम के लिए वहां क्रेन लाने पर ज्यादा जगह नहीं बची। कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक ने रेल अधिकारियों से संपर्क साधकर मदद मांगी। बाद में रेलवे विद्युत अनुभाग के अभियंताओं की टीम ने लाइन में करंट का प्रवाह बंद कराकर उसके तार नीचे कराए और इसके बाद ही गर्डर स्पैन पर टिकाए जा सके।
कब क्या हुआ : एक नजर में
-11 वर्ष पहले हाईवे के बरेली/सीतापुर खंड को फोरलेन के साथ क्त्रसॅसिंग पर पुल बनाने की मंजूरी मिली।
- एनएचएआई ने नोएडा की एरा इंफ्रा कांस्ट्रक्शन्स कंपनी को निर्माण कार्य का ठेका दिया।
- दो वर्ष बाद ठेका लेने वाली ऐरा कंपनी ने खुद को दिवालिया करार देकर निर्माण कार्य छोड़ा।
- वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने पर एनएचएआई ने अन्य कार्यदायी संस्थाएं तय कीं।
- वर्ष 2017 तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर जन प्रतिनिधियों ने प्रयास तेज किए।
- केंद्र और प्रदेश के अधिकारियों के हस्तक्षेप करने पर रेलवे की तकनीकी टीम सक्त्रिस्य हुई।
- वर्ष 2021 की अंतिम तिमाही में तकनीकी टीम ने पुल निर्माण को पुराने गर्डर अस्वीकृत किए।
- अक्तूबर 2021 से रायपुर ।छत्तीसगढ़ध् इस्पात कारखाना में नए गर्डर का निर्माण शुरू हुआ।
- दिसंबर 2021 से नए गर्डर की खेप हुलासनगरा क्त्रसॅसिंग पहुंचनी शुरू हुई।
- गत जनवरी के अंतिम सप्ताह में एनएचएआई ने गर्डर रखने की रेल प्रशासन से अनुमति मांगी।
ओवरब्रिज पर अब सिर्फ आखिरी स्पैन के कुल चार गर्डर रखे जाने थेख जिनमें बृहस्पतिवार को दो गर्डर रखवा दिए गए। ओवरब्रिज पर एक साइड का लिंटर डाला जा चुका है। अभी रेलवे विभाग की टीम ओवरब्रिज का निरीक्षण करेगी। रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद ही ओवरब्रिज पर एक साइड का ट्रैफिक चालू हो सकेगा। उम्मीद है कि नवरात्र के दौरान पुल पर एक साइड का यातायात चालू हो जाएगा। -टीके शर्माख महाप्रबंधक, पीआरएल कंपनी (एनएचएआई की कार्यदायी संस्था)
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ओवरब्रिज निर्माण का ठेका लेने वाली नई पीआरएल कंपनी ने क्रॉसिंग के दोनों ओर एप्रोच रोड। पहुंच मार्ग बनाने का काम कई माह पहले निपटा लिया था। इसके बाद ओवरब्रिज के ऊपर रखे जाने वाले गर्डर को लेकर पेंच फंस गया। चूंकि ओवरब्रिज निर्माण का पहले काम करा रही ऐरा कंपनी द्वारा लाए गए गर्डर कई सालों तक जमीन पर पड़े-पड़े खराब हो गए। इसीलिए रेल अधिकारियों ने नई पीआरएल कंपनी को नए गर्डर बनवाने का आदेश दिया था। क्रॉसिंग की डाउन लाइन के ऊपर बनाए स्पैन (दो गर्डर के बीच की दूरी) पर गर्डर रखे जा चुके हैं।
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इसी कड़ी मेें क्रॉसिंग की अपलाइन के ऊपर गर्डर रखने के लिए रेल विभाग से ब्लॉक की अनुमति मिली। बृहस्पतिवार को अपलाइन पर दो गर्डर रखने का काम किया गया। दो घंटे में क्रेन के सहारे गर्डर कंक्रीट के पिलर्स पर पहुंचाने के बाद शाम चार बजे क्रॉसिंग पर रेल/सड़क यातायात खोल दिया। अधिकारियों के अनुसार आखिरी स्पैन के गर्डर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ से रवाना होकर एक सप्ताह में हुलासनगरा पहुंचेंगे। ओवर ब्रिज कब पूरा होगा। अब भी कुछ कहा नहीं सकता। रेलवे का पेंच फंसा है।
उम्मीद: नवरात्र में शुरू हो सकती है एक लेन
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की कार्यदायी संस्था पीआरएल कंपनी ने ओवरब्रिज की लखनऊ से बरेली की ओर जाने वाले वाहनों के लिए एक लेन तैयार कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि नवरात्र में किसी भी दिन इस लेन पर यातायात शुरू करा दिया जाएगा।
रेलवे की ओएचई लाइन की कम की ऊंचाई
अधिकारियों के अनुसार क्रॉसिंग की अपलाइन के ऊपर गर्डर पहुंचाने के काम में रेलवे की ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन आड़े आने लगी। इस काम के लिए वहां क्रेन लाने पर ज्यादा जगह नहीं बची। कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक ने रेल अधिकारियों से संपर्क साधकर मदद मांगी। बाद में रेलवे विद्युत अनुभाग के अभियंताओं की टीम ने लाइन में करंट का प्रवाह बंद कराकर उसके तार नीचे कराए और इसके बाद ही गर्डर स्पैन पर टिकाए जा सके।
कब क्या हुआ : एक नजर में
-11 वर्ष पहले हाईवे के बरेली/सीतापुर खंड को फोरलेन के साथ क्त्रसॅसिंग पर पुल बनाने की मंजूरी मिली।
- एनएचएआई ने नोएडा की एरा इंफ्रा कांस्ट्रक्शन्स कंपनी को निर्माण कार्य का ठेका दिया।
- दो वर्ष बाद ठेका लेने वाली ऐरा कंपनी ने खुद को दिवालिया करार देकर निर्माण कार्य छोड़ा।
- वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने पर एनएचएआई ने अन्य कार्यदायी संस्थाएं तय कीं।
- वर्ष 2017 तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर जन प्रतिनिधियों ने प्रयास तेज किए।
- केंद्र और प्रदेश के अधिकारियों के हस्तक्षेप करने पर रेलवे की तकनीकी टीम सक्त्रिस्य हुई।
- वर्ष 2021 की अंतिम तिमाही में तकनीकी टीम ने पुल निर्माण को पुराने गर्डर अस्वीकृत किए।
- अक्तूबर 2021 से रायपुर ।छत्तीसगढ़ध् इस्पात कारखाना में नए गर्डर का निर्माण शुरू हुआ।
- दिसंबर 2021 से नए गर्डर की खेप हुलासनगरा क्त्रसॅसिंग पहुंचनी शुरू हुई।
- गत जनवरी के अंतिम सप्ताह में एनएचएआई ने गर्डर रखने की रेल प्रशासन से अनुमति मांगी।
ओवरब्रिज पर अब सिर्फ आखिरी स्पैन के कुल चार गर्डर रखे जाने थेख जिनमें बृहस्पतिवार को दो गर्डर रखवा दिए गए। ओवरब्रिज पर एक साइड का लिंटर डाला जा चुका है। अभी रेलवे विभाग की टीम ओवरब्रिज का निरीक्षण करेगी। रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद ही ओवरब्रिज पर एक साइड का ट्रैफिक चालू हो सकेगा। उम्मीद है कि नवरात्र के दौरान पुल पर एक साइड का यातायात चालू हो जाएगा। -टीके शर्माख महाप्रबंधक, पीआरएल कंपनी (एनएचएआई की कार्यदायी संस्था)
शाहजहांपुर की हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग की अप लाइन के ऊपर ओवरब्रिज के लिए क्रेन से रखा जा रहा गर्?- फोटो : SHAHJAHANPUR