अपराजिता: बोर्ड परीक्षा में कैसे करें समय प्रबंधन और तैयारी, मनोवैज्ञानिक काउंसलर ने छात्राओं को दिए सुझाव
बरेली में बदायूं रोड स्थित शांति कुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज में अमर उजाला की ओर से बृहस्पतिवार को अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी और समय प्रबंधन पर सवाल पूछे। काउंसलर ने जवाब देने के साथ छात्राओं को कई सुझाव भी दिए।
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बोर्ड परीक्षाओं के दौरान अनावश्यक तनाव से कैसे बचें, जो याद किया है वो भूल तो नहीं जाएंगे, पेपर बाहर से तो नहीं आएगा आदि परीक्षाओं से संबंधित सवाल छात्राओं ने अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित अपराजिता कार्यक्रम में पूछे। अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन बृहस्पतिवार को बरेली के शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज में किया गया। जिसका विषय बोर्ड परीक्षा में तनाव व समय प्रबंधन रहा।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मंडलीय मनोवैज्ञानिक केंद्र की प्रवक्ता व काउंसलर डॉ. यशिका वर्मा पहुंचीं। उन्होंने छात्राओं के मन में उठने वाले बोर्ड परीक्षा से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए। साथ ही तनाव प्रबंधन के टिप्स भी दिए। यशिका ने कहा कि हमें पहले से पता होता है कि परीक्षाएं कब होनी हैं। इसी के अनुसार अपनी तैयारी को नियंत्रित करना चाहिए। क्योंकि जितनी अच्छी तैयारी होगी उतनी अच्छी परीक्षा होगी। इसलिए सर्वप्रथम स्वयं की तैयारी का आंकलन करना सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि तैयारी के लिए दिसंबर व जनवरी के दिन शेष हैं, वहीं एक फरवरी से परीक्षा तक का समय केवल रिवीजन के लिए छोड़ना है। इस दौरान जो टॉपिक बिलकुल नहीं छुए उन्हें भी पढ़ना है। हर विद्यार्थी अलग है पढ़ने के तरीके और याद रखने की क्षमता अलग है। इसलिए स्वयं की क्षमता को पहचाने उसी के अनुसार तैयारी में आगे बढ़े।
अनसॉल्वड पेपर से कर सकते हैं अभ्यास
छात्रा पारुल यादव ने पूछा कि हमें यह डर रहता है यदि परीक्षा में बिना पढ़े सवाल आ गए, तब समस्या होगी। जवाब देते हुए काउंसलर यशिका ने बताया कि यदि चुनिंदा सवाल पढ़े तो ये टेंशन बनी रहेगी, लेकिन यदि पहले कांसेप्ट स्पष्ट है तो सवाल कहीं से भी हो हल आपके पास रहेगा। वहीं रिवीजन के लिए अनसॉल्वड पेपर से अभ्यास कर सकते हैं। जिससे अंदाजा लगेगा कि सवाल परीक्षा में आते कैसे हैं और हमें जवाब कैसे देना है। वहीं समूह चर्चा(ग्रुप डिस्कशन) भी रिवीजन का अच्छा तरीका, जिसमें कक्षा में ही सभी विद्यार्थी एक टॉपिक पर चर्चा करें, जिससे यदि कोई बिंदु नहीं पता है तो उनके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।
इस दौरान कई छात्राओं ने सवालों के जवाब भी दिए, जिसमें 12 वीं की छात्रा दिव्या भारद्वाज ने बताया कि पढ़ाई का समय सुबह चार से छह और रात को सात बजे से दस बजे तक होता है, जिसमें हमें ब्रेक भी लेना चाहिए। लंबे समय तक पढ़ने के लिए ब्रेक जरूरी है, ब्रेक के बाद हमेशा नया टॉपिक पढ़ने के लिए उठाएं। पढ़ने के लिए यदि टाइम स्लॉट बनाएंगे तो अच्छे से तैयारी होगी। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने प्रेरक गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य राधिका चंद, निदेशक डॉ.वीके शर्मा, शिक्षका रेनु, सुची, काजल, अजय, अवधेश, देवदत्त, किरन लता,प्रिया, प्रियंका यादव, जानकी, प्राची त्यागी, पुष्पांजलि व अन्य उपस्थित रहे।
