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UP: घर से थाने लेकर गई थी पुलिस...हो गई मौत, परिजनों ने लगाया पिटाई का आरोप- हंगामा; थानाध्यक्ष लाइन हाजिर
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती
Published by: रोहित सिंह
Updated Thu, 27 Mar 2025 12:59 PM IST
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सार
इससे पहले बुधवार को शव का तीन डॉक्टरों के पैनल की देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने शव को सुपुर्दगी में लेने से इन्कार कर दिया। वे कहने लगे कि जब तक पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तब तक वे शव को नहीं ले जाएंगे। एडीएम प्रतिपाल सिंह, एएसपी ओपी सिंह सहित अन्य अधिकारी शाम करीब सवा छह बजे तक मान-मनौव्वल करते रहे।

कलेक्ट्रेट की सीढि़यों पर धरना देते स्वर्गीय आदर्श उपाध्याय के परिजन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
दुबौलिया थानाक्षेत्र के उभाईं निवासी आदर्श उपाध्याय (17) की मौत के मामले में रात पौने नौ बजे तक डीएम आवास पर धरना प्रदर्शन चलता रहा। भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र के धरने के समर्थन में पहुंचने के बाद एसपी अभिनंदन ने दुबौलिया के थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया।
साथ ही दो आरोपी आरक्षियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। डीएम रवीश गुप्ता ने पूरे मामले का मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। इसके बाद परिवार के लोग पोस्टमार्टम हाउस पर शव लेने गए। उधर, कलेक्ट्रेट की सीढि़यों और गेट पर सदर विधायक महेंद्र नाथ यादव, कप्तानगंज विधायक कवींद्र चौधरी के अलावा एवीवीपी और कांग्रेस पार्टी के लोग देर रात तक डटे रहे।
इससे पहले बुधवार को शव का तीन डॉक्टरों के पैनल की देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने शव को सुपुर्दगी में लेने से इन्कार कर दिया। वे कहने लगे कि जब तक पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तब तक वे शव को नहीं ले जाएंगे।

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साथ ही दो आरोपी आरक्षियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। डीएम रवीश गुप्ता ने पूरे मामले का मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। इसके बाद परिवार के लोग पोस्टमार्टम हाउस पर शव लेने गए। उधर, कलेक्ट्रेट की सीढि़यों और गेट पर सदर विधायक महेंद्र नाथ यादव, कप्तानगंज विधायक कवींद्र चौधरी के अलावा एवीवीपी और कांग्रेस पार्टी के लोग देर रात तक डटे रहे।
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इससे पहले बुधवार को शव का तीन डॉक्टरों के पैनल की देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने शव को सुपुर्दगी में लेने से इन्कार कर दिया। वे कहने लगे कि जब तक पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तब तक वे शव को नहीं ले जाएंगे।

पीएम हाउस पर पहुंचे गोसेवा आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश शुक्ल ने परिजनों को सांत्वना दी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एडीएम प्रतिपाल सिंह, एएसपी ओपी सिंह सहित अन्य अधिकारी शाम करीब सवा छह बजे तक मान-मनौव्वल करते रहे। उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए शव को एम्बुलेंस में ही छोड़कर डीएम कार्यालय पर धरना देने पहुंच गए। हालांकि पोस्टमार्टम में पिटाई से मौत की पुष्टि नहीं हुई है मगर परिवार के लोग और उस परिवार के शुभचिंतक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस की पिटाई के चलते ही आदर्श उपाध्याय की मौत हुई।
इसलिए पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती तब तक वे लोग शव की सुपुर्दगी नहीं लेंगे। इससे पहले पोस्टमार्टम हाउस पर गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा, हर्रैया विधायक अजय सिंह, सदर विधायक महेन्द्र यादव, पंडित सरोज मिश्र आदि ने पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी, साथ ही प्रकरण में उचित कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
उधर, मंगलवार रात पुलिस ने गांव के अशोक गुप्ता की तहरीर पर आदर्श के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कर लिया। माना जा रहा है कि पुलिस अपनी गर्दन बचाने के लिए मृतक के नाम केस दर्ज कर लिया।
इसलिए पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती तब तक वे लोग शव की सुपुर्दगी नहीं लेंगे। इससे पहले पोस्टमार्टम हाउस पर गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा, हर्रैया विधायक अजय सिंह, सदर विधायक महेन्द्र यादव, पंडित सरोज मिश्र आदि ने पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी, साथ ही प्रकरण में उचित कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
उधर, मंगलवार रात पुलिस ने गांव के अशोक गुप्ता की तहरीर पर आदर्श के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कर लिया। माना जा रहा है कि पुलिस अपनी गर्दन बचाने के लिए मृतक के नाम केस दर्ज कर लिया।
बता दें कि सोमवार को पुलिस मारपीट के मामले में आदर्श उपाध्याय को पकड़कर ले गई थी। परिजनों का आरोप है कि हिरासत में लेने के बाद हुई पिटाई से आदर्श की तबीयत बिगड़ी और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया ले जाया गया। यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी।
इसके बाद परिजनों ने सीएचसी पर ही शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। परिजनों ने दो सिपाहियों पर पिटाई का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की। देर रात दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मर्चरी के लिए भेजा था।
इसके बाद परिजनों ने सीएचसी पर ही शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। परिजनों ने दो सिपाहियों पर पिटाई का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की। देर रात दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मर्चरी के लिए भेजा था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं
तीन डॉक्टरों के पैनल से कराए गए पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि बिसरा प्रिजर्व किया गया है। इसकी पूरी वीडियोग्राफी कराई गई। साथ ही मृत किशोर के परिवार से भी एक व्यक्ति को पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहा। बताया जा रहा है कि शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं।
14 साल पहले भी दुबौलिया थाने के लॉकअप में हुई मौत
कप्तानगंज। दुबौलिया थाना क्षेत्र के विशुनदासपुर गांव के रहने वाले नागेंद्र सिंह की भी पुलिस हिरासत के दौरान
15 मई वर्ष 2011 को दुबौलिया थाने पर पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। जब नागेंद्र सिंह की मौत हो गई तो पुलिस उसे आनन फानन में इलाज के लिए सीएचसी कप्तानगंज ले गये वहां पर डॉक्टरों ने नागेंद्र को मृत घोषित करते हुए अस्पताल में भर्ती करने से इंकार कर दिया था।
तीन डॉक्टरों के पैनल से कराए गए पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि बिसरा प्रिजर्व किया गया है। इसकी पूरी वीडियोग्राफी कराई गई। साथ ही मृत किशोर के परिवार से भी एक व्यक्ति को पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहा। बताया जा रहा है कि शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं।
14 साल पहले भी दुबौलिया थाने के लॉकअप में हुई मौत
कप्तानगंज। दुबौलिया थाना क्षेत्र के विशुनदासपुर गांव के रहने वाले नागेंद्र सिंह की भी पुलिस हिरासत के दौरान
15 मई वर्ष 2011 को दुबौलिया थाने पर पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। जब नागेंद्र सिंह की मौत हो गई तो पुलिस उसे आनन फानन में इलाज के लिए सीएचसी कप्तानगंज ले गये वहां पर डॉक्टरों ने नागेंद्र को मृत घोषित करते हुए अस्पताल में भर्ती करने से इंकार कर दिया था।
पुलिस कर्मियों ने नागेंद्र को लेकर जिला अस्पताल ले गये तो वहां पर डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया और मामला उजागर हो गया। मामले में कप्तानगंज के पूर्व विधायक राणा कृष्ण किंकर सिंह ने पीड़ित परिवार का सहयोग करते हुए केस दर्ज कराया था। मामले में एसआई छोटकन यादव, कांस्टेबल प्रभू नाथ यादव, ओम प्रकाश यादव के ऊपर परिजनों ने केस दर्ज कराया था। जबकि हेड मोहर्रिर दुर्गा प्रसाद सिंह मामले में बच गए थे। तीनों पुलिस कर्मी कई सालों तक जेल काटे थे।
दुबौलिया थाने के उभाई गांव के आदर्श उपाध्याय का सोमवार को गांव के अशोक गुप्ता से तंबाकू मांगने को लेकर विवाद हो गया था। सूचना मिलने पर गांव से 24 मार्च को डायल 112 की पुलिस ने पकड़कर दुबौलिया थाने की पुलिस को सौंपा था। थाने के सिपाही शिवम सिंह, अन्य पुलिस कर्मियों के सहयोग से आदर्श उपाध्याय को बिना लिखा पढ़ी के दूसरी मंजिल के बैरक पर ले जाकर पिटाई कर दिया।
सूत्रों की मानें तो जिले की एक टीम के लोग उसे चोरी के मामले में मुलजिम बनाना चाह रहे थे। सभी लोगों ने आदर्श की पिटाई की और हालत बिगड़ने पर उसे आनन फानन में परिजनों के हवाले करके अपने बचाव में जुट गये। रास्ते में परिजनों से आदर्श ने भी बताया था कि पुलिस वालों ने रातभर पिटाई किया है।
सीओ एलआईयू ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला
पुलिस की पिटाई से आर्दश उपाध्याय की मौत के बाद जिले भर की पुलिस कर्मियों का हाथ पांव फूल गया।घटना की सूचना पर मंगलवार को रात 10 बजे सीओ एलआईयू दुबौलिया थाने पर पहुंचे और थाने पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। घटना के बाद अधिकतर पुलिस कर्मी थाने से गायब हो गए। लगभग 2 घण्टे तक जांच पड़ताल में करने के बाद सीओ वापस हुए।
दुबौलिया थाने के उभाई गांव के आदर्श उपाध्याय का सोमवार को गांव के अशोक गुप्ता से तंबाकू मांगने को लेकर विवाद हो गया था। सूचना मिलने पर गांव से 24 मार्च को डायल 112 की पुलिस ने पकड़कर दुबौलिया थाने की पुलिस को सौंपा था। थाने के सिपाही शिवम सिंह, अन्य पुलिस कर्मियों के सहयोग से आदर्श उपाध्याय को बिना लिखा पढ़ी के दूसरी मंजिल के बैरक पर ले जाकर पिटाई कर दिया।
सूत्रों की मानें तो जिले की एक टीम के लोग उसे चोरी के मामले में मुलजिम बनाना चाह रहे थे। सभी लोगों ने आदर्श की पिटाई की और हालत बिगड़ने पर उसे आनन फानन में परिजनों के हवाले करके अपने बचाव में जुट गये। रास्ते में परिजनों से आदर्श ने भी बताया था कि पुलिस वालों ने रातभर पिटाई किया है।
सीओ एलआईयू ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला
पुलिस की पिटाई से आर्दश उपाध्याय की मौत के बाद जिले भर की पुलिस कर्मियों का हाथ पांव फूल गया।घटना की सूचना पर मंगलवार को रात 10 बजे सीओ एलआईयू दुबौलिया थाने पर पहुंचे और थाने पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। घटना के बाद अधिकतर पुलिस कर्मी थाने से गायब हो गए। लगभग 2 घण्टे तक जांच पड़ताल में करने के बाद सीओ वापस हुए।