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Bijnor News: धरातल पर नहीं फर्म और व्यापार कागजों में करोड़ों का कारोबार
संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर
Updated Sun, 14 Dec 2025 12:20 AM IST
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बिजनौर। जीएसटी विभाग ने कागजों में चल रहे करोड़ों के कारोबार को पकड़ा है। बोगस फर्म के जरिए खरीद फरोख्त दिखाते हुए आईटीसी क्लेम किया गया तो मामला पकड़ में आया। विभाग ने अब पांच फर्म के मालिकों पर केस दर्ज कराया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
शहर कोतवाली में राज्य कर खंड एक के सहायक आयुक्त अभिनव सोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि जया पुत्री सुंदरलाल भारती निवासी पश्चिम विहार दिल्ली ने बिजनौर में आवास विकास का पता दर्शाते हुए पेपर के कारोबार के लिए फर्म साल 2019 में रजिस्टर्ड कराई थी। इस फर्म के जरिए साल 2019 में 3 करोड़ 40 लाख रुपये की खरीद फरोख्त दिखाते हुए 41 लाख रुपये की आईटीसी क्लेम की गई। टीम ने पते पर पहुंच कर जांच की तो मकान मालिक ने बताया कि उक्त फॉर्म को कभी भवन तक किराए पर नहीं दिया। इस फर्म ने राजस्थान की सागर ट्रेडर्स से पेपर खरीद दिखाई गई थी, वह भी अस्तित्व में नहीं मिली।
इसके अलावा प्रवेश शर्मा निवासी रामविहार जीवनपुर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली ने आराध्य सेल्स कॉरपोरेशन के नाम से फर्म का पंजीकरण कराया था, जिसका पता बिजनौर में साईं पुरम झालू रोड दिखाया गया। टीम ने तस्दीक किया तो मौके पर कोई व्यापार होता नहीं मिला। इस फर्म ने भी करीब 3 करोड़ 65 लाख रुपये की बिक्री घोषित की है। उधर खंड दो के राज्य कर अधिकारी सुभाष चंद्र ने भी मो. शहजाद निवासी बक्शी वाला बिजनौर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मो. शहजाद ने भी ए वन इंटरप्राइजेज के नाम से फार्म का रजिस्ट्रेशन 2022 में कराया था।
कागज में ही माल का आदान-प्रदान करते हुए पोर्टल पर 87 लाख की आईटीसी अपलोड की गई। इनके अलावा बिजनौर के मोहल्ला खत्रियान निवासी मो. अरमान के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अरमान ने अरमान इंटरप्राइजेज के नाम से साल 2021 में पंजीकरण कराया था। टीम की जांच में सामने आया कि जो पता दिखाया गया था उसे पर कोई व्यापारिक गतिविधि कभी नहीं हुई। किरायानामा में चस्पा भवन स्वामी का फोटो भी फर्जी था। इस फार्म के जरिए भी सात करोड़ 29 लाख रुपये की आईटीसी को कैरी फॉरवर्ड किया गया।
इसके अलावा एशियाई इंटरप्राइजेज गंज रोड बिजनौर की फॉर्म स्वामी सुशीला देवी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस फर्म का पंजीकरण साल 2018 में कराया गया था। फर्म स्वामी सुशीला देवी ने अपना पता शिवाजी नगर बाबरपुर अजीतमल जनपद औरैया दर्शाया था। इस फर्म ने भी 3 करोड़ 74 लाख रुपये की आईटीसी को कैरी फॉरवर्ड किया है।
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शहर कोतवाली में राज्य कर खंड एक के सहायक आयुक्त अभिनव सोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि जया पुत्री सुंदरलाल भारती निवासी पश्चिम विहार दिल्ली ने बिजनौर में आवास विकास का पता दर्शाते हुए पेपर के कारोबार के लिए फर्म साल 2019 में रजिस्टर्ड कराई थी। इस फर्म के जरिए साल 2019 में 3 करोड़ 40 लाख रुपये की खरीद फरोख्त दिखाते हुए 41 लाख रुपये की आईटीसी क्लेम की गई। टीम ने पते पर पहुंच कर जांच की तो मकान मालिक ने बताया कि उक्त फॉर्म को कभी भवन तक किराए पर नहीं दिया। इस फर्म ने राजस्थान की सागर ट्रेडर्स से पेपर खरीद दिखाई गई थी, वह भी अस्तित्व में नहीं मिली।
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इसके अलावा प्रवेश शर्मा निवासी रामविहार जीवनपुर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली ने आराध्य सेल्स कॉरपोरेशन के नाम से फर्म का पंजीकरण कराया था, जिसका पता बिजनौर में साईं पुरम झालू रोड दिखाया गया। टीम ने तस्दीक किया तो मौके पर कोई व्यापार होता नहीं मिला। इस फर्म ने भी करीब 3 करोड़ 65 लाख रुपये की बिक्री घोषित की है। उधर खंड दो के राज्य कर अधिकारी सुभाष चंद्र ने भी मो. शहजाद निवासी बक्शी वाला बिजनौर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मो. शहजाद ने भी ए वन इंटरप्राइजेज के नाम से फार्म का रजिस्ट्रेशन 2022 में कराया था।
कागज में ही माल का आदान-प्रदान करते हुए पोर्टल पर 87 लाख की आईटीसी अपलोड की गई। इनके अलावा बिजनौर के मोहल्ला खत्रियान निवासी मो. अरमान के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अरमान ने अरमान इंटरप्राइजेज के नाम से साल 2021 में पंजीकरण कराया था। टीम की जांच में सामने आया कि जो पता दिखाया गया था उसे पर कोई व्यापारिक गतिविधि कभी नहीं हुई। किरायानामा में चस्पा भवन स्वामी का फोटो भी फर्जी था। इस फार्म के जरिए भी सात करोड़ 29 लाख रुपये की आईटीसी को कैरी फॉरवर्ड किया गया।
इसके अलावा एशियाई इंटरप्राइजेज गंज रोड बिजनौर की फॉर्म स्वामी सुशीला देवी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस फर्म का पंजीकरण साल 2018 में कराया गया था। फर्म स्वामी सुशीला देवी ने अपना पता शिवाजी नगर बाबरपुर अजीतमल जनपद औरैया दर्शाया था। इस फर्म ने भी 3 करोड़ 74 लाख रुपये की आईटीसी को कैरी फॉरवर्ड किया है।
