Nepal Protest: बदायूं के लोगों की हुई वतन वापसी, तिरंगा लहराकर जताई खुशी; नेपाल में फंस गए थे 23 लोग
सात सितंबर से नेपाल में फंसे बदायूं के 23 श्रद्धालुओं में 14 लोगों का पहला जत्था शुक्रवार को दिल्ली पहुंचा गया। दूसरा जत्था दोपहर करीब दो बजे वहां से रवाना हो गया है। वतन वापसी होने पर लोगों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर तिरंगा लहराकर खुशी जताई।

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बदायूं के 23 श्रद्धालुओं में से 14 लोगों की वतन वापसी हो गई है। ये लोग नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच वहां फंस गए थे। इन 14 लोगों को लेकर काठमांडू से पहली फ्लाइट ने सुबह 10.30 बजे उड़ान भरी। यह फ्लाइट दोपहर करीब 12.30 बजे दिल्ली पहुंची। वतन वापसी होने पर लोगों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर तिरंगा लहराकर खुशी जताई। दूसरा जत्था दोपहर दो बजे रवाना होकर शाम करीब चार बजे दिल्ली पहुंच जाएगा।

ये श्रद्धालु बीते सात सितंबर को हवाई जहाज से नेपाल पहुंचे थे। वहां पशुपतिनाथ मंदिर, जनकपुरी तथा मुक्तिधाम के दर्शन के लिए काठमांडू गए थे। हिंसक प्रदर्शन होने के कारण वहां फंस गए थे। उन्होंने कठिन समय गुज़ारा। अब भारत सरकार, भारतीय दूतावास और नेपाल प्रशासन की मदद से उनकी सकुशल वापसी की व्यवस्था की गई। जिसके बाद उनको वहां से सुरक्षित रवाना किया गया।
श्रद्धालुओं को दिल्ली से घर तक लाने के लिए बदायूं से भाजपा नेता अपने-अपने वाहनों से दिल्ली पहुंच गए हैं। वहां से श्रद्धालुओं को लेकर इस्लामनगर के लिए रवाना होंगे। परिजन अपनों के आने का इंतजार व स्वागत करने की तैयार कर रहे हैं।

जेल का ताला तोड़ कैदियों को निकाला गया
श्रद्धालुओं ने फोन पर परिजनों को बताया कि वह काठमांडू के मेरिडियन होटल में रुके। यह होटल जिस इलाके में हैं, उसी के पास संसद भवन और कुछ राष्ट्राध्यक्षों के आवास भी हैं। समीप की एक बड़ी जेल से उपद्रवियों ने कैदियों को निकालने का प्रयास किया। जेल का ताला तोड़कर कैदियों को बाहर लाया गया और फिर पूरे इलाके में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई।
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उपद्रव के कारण यह लोग (श्रद्धालु) भयभीत होकर होटल में ही दुबके रहे। होटल स्टाफ ने उपद्रवियों को अंदर घुसने से रोकने का हरसंभव प्रयास किया। पास के एक अन्य होटल में आगजनी होते देख वह लोग भयभीत हो गए थे। सभी ने हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना की कि वे सकुशल अपने घर लौट जाएं। उधर, नेपाल में अशांति के बीच जिले के बिनावर के चार और दातागंज के दो लोग फंसे हुए हैं।
आठ सितंबर को शुरू हुई थी हिंसा
श्रद्धालुओं ने बताया कि वह लोग सात सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। अगले दिन आठ सितंबर से हिंसा शुरू हो गई। उपद्रव बढ़ने से उसी दिन होटल की बिजली काट दी गई और खाना बनाने वाला स्टाफ तक भाग गया। श्रद्धालुओं को एक दिन तो अपने स्तर पर खाने-पीने की व्यवस्था करनी पड़ी। बाद में दूतावास की पहल पर दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान पहुंचाया गया। धीरे-धीरे बिजली-पानी और भोजन की व्यवस्था बहाल की गई।
प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाया भयावह अनुभव
नेपाल में फंसे श्रद्धालु संजय शंखधार ने बताया कि होटल के बाहर तांडव मचा था। उपद्रवी हर चीज लूट रहे थे, रोकने वालों के साथ मारपीट कर रहे थे। पुलिस भी मौके से भाग गई थी। बाद में सेना ने हालात संभाले। पेट्रोल पंप स्वामी वीरेंद्र बॉबी ने कहा कि एक पल को तो लगा अब सब खत्म हो जाएगा। मगर भगवान की कृपा से सभी सकुशल रहे।