बदायूं में बाढ़ का खतरा: कछला में उफान पर बह रही गंगा नदी, खतरे के निशान के करीब पहुंचा जलस्तर
बदायूं जिले में गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कछला में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। इसको देखते हुए बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है।

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नरौरा बैराज से मंगलवार को 1.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा में उफान आ गया। इससे बदायूं के कछला में गंगा नदी का जलस्तर मीटर गेज पर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इससे जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया है।

सोमवार को कछला घाट पर गंगा का जलस्तर 162.33 मीटर था। इसी दिन 78 हजार क्यूसेक पानी नरौरा बैराज से छोड़ा गया था। कछला में खतरे का निशान 162.50 मीटर पर है। मंगलवार को सुबह नरौरा बैराज से 1.22 लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है। जिससे गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी खतरे के निशान के पास बह रही है।
पिपरौल बाढ़ खंड चौकी पर बाढ़ से निपटने की तैयारियां की गई हैं। कछला ननाखेड़ा रोड पर बहोरा नगला और चौसिंगा के सामने से गुजर रही सड़क के मुख्य मार्ग पर पानी भरने के बाद आवागमन प्रभावित होने की संभावना है। इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पानी बढ़ने के साथ ही गंगा किनारे के गांवों में लोग सतर्क हो गए हैं।
गंगा-महावा बांध के करीब पहुंचा गंगा का पानी
गंगा-महावा बांध के उस पार बसे भमरौलिया, वीर सहाय नगला, खागी नगला आदि गांवों के पास भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। हालांकि किसी गांव में अभी पानी नहीं भरा है। बहाव तेज होने के कारण जामनी गांव के सामने कटान शुरू हो गया। बाढ़ खंड के अधिकारियों का कहना है कि इससे अभी बांध व तटबंधों को कोई खतरा नहीं है। ईख की फसल में पानी भर गया है। एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने बताया कि अभी कहीं खतरे की स्थिति नहीं है।
आसपास के गांव के लोग सतर्क
ककादरचौक में ननाखेड़ा और पलिया की ओर से गंगा का पानी आ जाता है। इसमें भैंसोर नदी के भदरौल इलाके में मिलकर खेतों और गांवों में फैल जाता है। इसलिए हाल ही में छोड़े गए पानी को देखते हुए आसपास गांव के लोग सतर्क हो गए हैं। खुड़वारा से राम सहाय नगला तक जमीराना बांध है। वह पहले तीन लाख क्यूसेक क्षमता का था।
उसकी क्षमता 2014 में पांच लाख क्यूसेक तक की कर दी गई है। यहां गंगा का पानी भैंसोर नदी के पानी से मिलने के बाद क्षेत्र जलमग्न हो जाता है और गनियाई, जैतपुर, कौआनगला, खुड़वारा गांव में पानी भरने लगता है। इस तरफ अभी बाढ़ खंड का कोई ध्यान नहीं है। गंगा में पानी बढ़ने के साथ ही इन चार गांवों के लोग दहशत में हैं।
गंगा किनारे के गांवों में किए गए बाढ़ से बचाव के इंतजाम
उसहैत क्षेत्र में गंगा का करीब आठ किलोमीटर का तट है। पिछले चार महीने से बाढ़ खंड बाढ़ बचाव की तैयारियों में जुटा हुआ था। भुंडी गांव के पास स्पर व पैचिंग का कार्य व कटरा के पास भी स्पर का काम किया गया था। स्पर गंगा के पानी के तेज बहाव को मोड़ने का कार्य करता है। बाढ़ खंड के जेई राधे श्याम ने बताया कि दो दिनों से पानी बढ़ रहा है, लेकिन अभी किसी भी गांव में पानी का खतरा नहीं है।
अटैना पुल पर लगे मीटर गेज में पानी 162 मीटर पर चल रहा है, जो खतरे के निशान से नीचे है। आज नरौरा बैराज से पानी छोडे़ जाने के बाद यहां बु़धवार की सुबह तक पहुंचने की उम्मीद है। बाढ़ खंड सतर्क है और किसी भी तरह की स्थिति के लिए नजर बनाए हुए हैं।