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Budaun News: रोडवेज पर निजी बस संचालकों का कब्जा, विभाग को प्रतिदिन दो लाख का नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Thu, 27 Nov 2025 12:07 AM IST
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रोडवेज स्टैंड के सामने से डग्गामार बसों का हो रहा संचालन, यात्रियों के इंतजार में खड़ी बसें। सं
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बदायूं। रोडवेज के पास निजी बस संचालकों का कब्जा है। रोडवेज स्टैंड के पास ही निजी बसों के संचालक बे-रोकटोक बसों में यात्रियों काे बैठाकर बरेली से लेकर अन्य शहरों के लिए दाैड़ लगा रहे हैं। इससे परिवहन निगम को प्रतिदिन दो लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
नियम तो है कि रोडवेज परिसर के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में कोई निजी बस स्टैंड नहीं होना चाहिए। यहां तो रोडवेज के पास 50 मीटर के दायरे में निजी बस स्टैंड चल रहा है। इन दिनों यातायात माह भी चल रहा है। फिर भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हाल यह है कि रोडवेज के सामने से ही निजी बस संचालक बस खड़ी करके यात्रियों को बैठा रहे हैं। रोडवेज प्रशासन के रोकटोक करने पर निजी बस संचालक झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। यही कारण है कि रोडवेज को प्रतिदिन दो से तीन लाख का नुकसान हो रहा है।
रोडवेज स्टैंड से दिल्ली, लखनऊ, कौशांबी, गाजियाबाद, देहरादून, चंदौसी, बिसौली, मुरादाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज आदि शहरों के लिए बसें संचालित होती हैं। परिवहन निगम के बेड़े में 150 बसें हैं। इसमें 106 निगम की और 44 बसें अनुबंंधित हैं। प्रतिदिन 10 हजार यात्री रोडवेज की बसों से सफर करते हैं। प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपये की आमदनी होती है। पुलिस प्रशासन सख्ती के नाम पर कुछ बसों का चालान करके खानपूरी कर लेता है। कुछ दिन बाद फिर से निजी बसों का संचालन होने लगता है।
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भोर में चार से सुबह 10 बजे तक सबसे अधिक मनमानी
निजी बस संचालक भोर में चार से सुबह 10 बजे तक सबसे अधिक मनमानी करते हैं। सुबह के समय सड़कों पर यातायात का दबाव कम रहता है। रोडवेज गेट के पास बसों को लाकर खड़ा करते हैं। फिर यात्रियों को बैठाना शुरू कर देते है। रोडवेज के कर्मचारी उनको बस हटाने के लिए कहते हैं तो निजी बस संचालक झगड़ा करने लगते हैं।
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दोपहर में निजी बसों के बेतरतीब खड़े होने से लगता है जाम
निजी बस संचालक दोपहर में यात्रियों को बैठाने के लिए रोडवेज के पास तिराहे पर बस को बेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते हैं। इससे आवागमन प्रभावित होता है। इसी तिराहे के पास पुलिस चौकी भी है। इसके बाद भी निजी बस यहां खड़ी होती है। पुलिस चुपचाप देखती है। यह हाल तब है जब यातायात माह चल रहा है।
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कोट,
रोडवेज के पास में ही निजी बस स्टैंड है। इसके अलावा कुछ डग्गामार बसें भी संचालित हो रहीं हैं। पुलिस को कई बार अवगत कराया गया है। उच्चाधिकारियों का पत्र भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।-राजेश पाठक, एआरएम, बदायूं
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नियम तो है कि रोडवेज परिसर के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में कोई निजी बस स्टैंड नहीं होना चाहिए। यहां तो रोडवेज के पास 50 मीटर के दायरे में निजी बस स्टैंड चल रहा है। इन दिनों यातायात माह भी चल रहा है। फिर भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हाल यह है कि रोडवेज के सामने से ही निजी बस संचालक बस खड़ी करके यात्रियों को बैठा रहे हैं। रोडवेज प्रशासन के रोकटोक करने पर निजी बस संचालक झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। यही कारण है कि रोडवेज को प्रतिदिन दो से तीन लाख का नुकसान हो रहा है।
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रोडवेज स्टैंड से दिल्ली, लखनऊ, कौशांबी, गाजियाबाद, देहरादून, चंदौसी, बिसौली, मुरादाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज आदि शहरों के लिए बसें संचालित होती हैं। परिवहन निगम के बेड़े में 150 बसें हैं। इसमें 106 निगम की और 44 बसें अनुबंंधित हैं। प्रतिदिन 10 हजार यात्री रोडवेज की बसों से सफर करते हैं। प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपये की आमदनी होती है। पुलिस प्रशासन सख्ती के नाम पर कुछ बसों का चालान करके खानपूरी कर लेता है। कुछ दिन बाद फिर से निजी बसों का संचालन होने लगता है।
भोर में चार से सुबह 10 बजे तक सबसे अधिक मनमानी
निजी बस संचालक भोर में चार से सुबह 10 बजे तक सबसे अधिक मनमानी करते हैं। सुबह के समय सड़कों पर यातायात का दबाव कम रहता है। रोडवेज गेट के पास बसों को लाकर खड़ा करते हैं। फिर यात्रियों को बैठाना शुरू कर देते है। रोडवेज के कर्मचारी उनको बस हटाने के लिए कहते हैं तो निजी बस संचालक झगड़ा करने लगते हैं।
दोपहर में निजी बसों के बेतरतीब खड़े होने से लगता है जाम
निजी बस संचालक दोपहर में यात्रियों को बैठाने के लिए रोडवेज के पास तिराहे पर बस को बेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते हैं। इससे आवागमन प्रभावित होता है। इसी तिराहे के पास पुलिस चौकी भी है। इसके बाद भी निजी बस यहां खड़ी होती है। पुलिस चुपचाप देखती है। यह हाल तब है जब यातायात माह चल रहा है।
कोट,
रोडवेज के पास में ही निजी बस स्टैंड है। इसके अलावा कुछ डग्गामार बसें भी संचालित हो रहीं हैं। पुलिस को कई बार अवगत कराया गया है। उच्चाधिकारियों का पत्र भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।-राजेश पाठक, एआरएम, बदायूं