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Budaun News: आउट ऑफ स्कूल विद्यार्थियों को फिर मुख्यधारा से जोड़ेंगे सेवनिवृत्त शिक्षक
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बदायूं। जिले में शिक्षा से वंचित रह गए विद्यार्थियों को दोबारा पढ़ाई की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने नई पहल शुरू की है। योजना के तहत आउट ऑफ स्कूल विद्यार्थियों को परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने की जिम्मेदारी सेवानिवृत्त शिक्षकों को सौंपी जाएगी। रिटायर्ड शिक्षक अपने अनुभव और ज्ञान से इन विद्यार्थियों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करेंगे, ताकि वे फिर से नियमित पढ़ाई के योग्य बन सकें।
जिले में ऐसे कई विद्यार्थियों हैं जो आर्थिक तंगी, पारिवारिक जिम्मेदारियों, मौसमी पलायन, बीमारी या अन्य सामाजिक कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं। ऐसे विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें परिषदीय विद्यालयों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए स्कूलों में विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाएगा, जहां बच्चों को अक्षर ज्ञान, गणित की बुनियादी समझ और सामान्य विषयों की शिक्षा दी जाएगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सेवानिवृत्त अध्यापक शिक्षण अनुभव के साथ-साथ बच्चों को भावनात्मक सहयोग भी दे सकेंगे। लंबे समय से पढ़ाई से दूर रहे विद्यार्थियों के लिए यह मार्गदर्शन बेहद जरूरी होता है। रिटायर्ड शिक्षक विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता के अनुसार पढ़ाई कराएंगे, जिससे वे धीरे-धीरे अपनी आयु के अनुरूप कक्षा में समायोजित हो सकें।
योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल नामांकन तक सीमित न रखते हुए उन्हें नियमित शिक्षा से जोड़े रखना है। इसके साथ ही उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करना, स्कूल का वातावरण अपनाने में मदद करना और आत्मविश्वास बढ़ाना भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। शिक्षा विभाग की ओर से समय-समय पर इन कक्षाओं की समीक्षा भी की जाएगी।
शासन की इस पहल से ड्रॉपआउट की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकेगा। साथ ही शिक्षा के सार्वभौमिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। - वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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जिले में ऐसे कई विद्यार्थियों हैं जो आर्थिक तंगी, पारिवारिक जिम्मेदारियों, मौसमी पलायन, बीमारी या अन्य सामाजिक कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं। ऐसे विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें परिषदीय विद्यालयों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए स्कूलों में विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाएगा, जहां बच्चों को अक्षर ज्ञान, गणित की बुनियादी समझ और सामान्य विषयों की शिक्षा दी जाएगी।
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शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सेवानिवृत्त अध्यापक शिक्षण अनुभव के साथ-साथ बच्चों को भावनात्मक सहयोग भी दे सकेंगे। लंबे समय से पढ़ाई से दूर रहे विद्यार्थियों के लिए यह मार्गदर्शन बेहद जरूरी होता है। रिटायर्ड शिक्षक विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता के अनुसार पढ़ाई कराएंगे, जिससे वे धीरे-धीरे अपनी आयु के अनुरूप कक्षा में समायोजित हो सकें।
योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल नामांकन तक सीमित न रखते हुए उन्हें नियमित शिक्षा से जोड़े रखना है। इसके साथ ही उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करना, स्कूल का वातावरण अपनाने में मदद करना और आत्मविश्वास बढ़ाना भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। शिक्षा विभाग की ओर से समय-समय पर इन कक्षाओं की समीक्षा भी की जाएगी।
शासन की इस पहल से ड्रॉपआउट की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकेगा। साथ ही शिक्षा के सार्वभौमिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। - वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
