यदु चीनी मिल घोटाला: कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने कराई जांच, सल्फर की बेहिसाब खपत से पकड़ी गई धांधली
कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई थी। जांच में यदु चीनी मिल का बड़ा घोटाला सामने आया। कमिश्नर के आदेश पर मिल के एमडी कुणाल यादव, अध्यासी सुरेश चंद्र जौहरी और जीएम विजय कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

विस्तार
बदायूं में बिना पर्ची गन्ना खरीद कर पेराई करने में फंसी यदु चीनी मिल में सल्फर की खपत भी कागजों में गन्ना पेराई से मेल नहीं खाई। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर जांच करने पहुंची टीम ने सल्फर की अधिक खपत देख कर गन्ना पेराई का अनुमान लगाया और शीरा उत्पादन के आंकड़े से तुलना कर असल घोटाला पकड़ लिया।

यदु चीनी मिल में चीनी बनाने के दौरान सल्फर का प्रयोग होता है। कितनी पेराई पर कितनी सल्फर खपत होगी, यह सब एक नियम के अनुसार होता है। चीनी मिल में गन्ना पेराई से लेकर शीरा उत्पादन, सल्फर खपत सब अलग-अलग दर्ज होता है। जब कमिश्नर की जांच कमेटी यदु चीनी मिल में छानबीन करने पहुंची तो बहुत से आंकड़े बताए ही नहीं गए।
कंप्यूटर तो दिखाया ही नहीं था और न ही जांच में कोई सहयोग किया था। इससे कमेटी को जांच करना मुश्किल हो रहा था लेकिन इसी दौरान कमेटी को सल्फर खपत का रजिस्टर प्राप्त हो गया। फिर क्या पूरा चीनी मिल का घोटाला सामने आ गया और कमेटी अपनी जांच पड़ताल करती चली गई। सारे अनुमान आसानी से लगा लिए गए।
ऐसे पकड़ा गया घोटाला
जांच कमेटी के अनुसार इस सत्र में 1848.62 क्विंटल सल्फर प्रयोग की गई। चीनी प्रोसेसिंग में करीब 0.08 फीसदी सल्फर की खपत दर्शायी गई। मिल के आंकड़ों के अनुसार 08.08 फीसदी की दर से 1493.06 क्विंटल सल्फर का प्रयोग होना चाहिए था लेकिन मिल के रजिस्टर में 1848.62 क्विंटल सल्फर का प्रयोग दर्शाया गया। यानी चीनी मिल ने 355 क्विंटल ज्यादा सल्फर का प्रयोग हुआ था।
इसी से पूरा मामला पकड़ा गया और गन्ना पेराई का अनुमान लगाया गया। यहां बता दें कि इस मामले में कमिश्नर द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट पर बिसौली कोतवाली पुलिस यदु शुगर मिल के एमडी कुणाल यादव, अध्यासी सुरेश चंद्र जौहरी और जीएम विजय कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की कर चुकी है।
गन्ना सेंटरों को छोड़कर भागे बिचौलिये
जिले में केवल यदु चीनी मिल ही नहीं अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए गन्ना सेंटरों पर भी तमाम बिचौलिया काम कर रहे थे। उनमें कई बिचौलिया सीधे चीनी मिल से जुड़े थे तो तमाम स्थानीय बिचौलिया भी किसानों से कम मूल्यों पर गन्ना खरीदकर वहीं बेच देते थे।
जब यदु चीनी मिल का मामला पकड़ा गया तो सभी बिचौलिया गन्ना सेंटरों को भी छोड़कर भाग गए। जिले में सबसे बड़ा गन्ना मंडी गुलड़िया और लखनपुर, आमगांव पर लगती आई है। यहां हर साल बिचौलिया लाखों का धंधा करते हैं लेकिन यह मामला पकड़े जाने के बाद से बिचौलिया गायब हैं।
अब किसानों को बुलाकर दी जा रही पर्ची
जब से यदु शुगर मिल का मामला पकड़ा गया है और एमडी कुणाल यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। तब से किसानों को बुला बुलाकर पर्ची दी जा रही है। अब चीनी मिल किसानों को लगातार पर्ची उपलब्ध करा रही है। जिस दिन से यह मामला पकड़ा गया है। उस दिन से गन्ना की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ा है।
ग्लोबल कंपनी तक जांच
फैजगंज बेहटा थाने की एक पुलिस टीम ईसीएसओ ग्लोबल कंपनी के अधिकारियों की तलाश में दिल्ली गई है। सात जनवरी को वाहन चेकिंग के दौरान फैजगंज बेहटा थाना पुलिस ने ओरछी चौराहे से अविनाश सिंह, शिखर अग्निहोत्री और रजत चौधरी को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 38.44 लाख रुपये बरामद हुए थे।
उन्होंने पूछताछ में बताया कि वह ईसीएसओ ग्लोबल कंपनी के तहत काम करते हैं। उनकी कंपनी के मालिक आगम खरे और प्रतीक रावत हैं। उनके सहयोग और चीनी मिल के सहयोग से वह गन्ने की खरीदारी करा रहे थे। इसमें थाना पुलिस अविनाश, शिखर और रजत को जेल भेज चुकी है। कंपनी के मालिकों की तलाश में एक टीम दिल्ली गई है।
बिसौली कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बाद यदु शुगर मिल से अभिलेख मांगे हैं। इसके अलावा मामले की जांच करने वाले अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है लेकिन अभी चीनी मिल ने कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए हैं।
यदु चीनी मिल के एमडी ने रिसीव नहीं की कॉल
यदु चीनी मिल के मामले में एमडी कुणाल यादव को कॉल की गई थी लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं की। उन्हें करीब चार बार कॉल की गई।
एसपी देहात राममोहन सिंह ने बताया कि यदु चीनी मिल के दोनों मुकदमों की अलग-अलग विवेचना कराई जाएगी। दोनों थानों की पुलिस उसमें कार्रवाई करेगी। इसमें पुलिस को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
यदु चीनी मिल के एचआर हेड बीसीएम त्रिपाठी ने बताया कि यदु चीनी मिल से इस तरह का कोई काम नहीं किया गया है। बाहर कोई यदि गन्ना खरीद रहा है तो हम क्या कह सकते हैं। जांच के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।