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Budaun News: डीएम, एसडीएम व मंडी सचिव को कोर्ट ने जारी किया नोटिस
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Wed, 19 Nov 2025 12:03 AM IST
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बदायूं। डीएम, एसडीएम व उझानी मंडी सचिव को स्थायी लोक अदालत ने नोटिस जारी किया है। उझानी के बहादुरगंज की रहने वाली रिंकी पाल ने 12 नवंबर को वाद दायर किया था। इस मामले में अदालत ने 12 दिसबंर को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद वाद का निस्तारण किया जाएगा।
रिंकी पाल ने बताया कि उसके पति वीरपाल की 26 जुलाई 2024 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उसके पति जिरौली निवासी मालाराम की जमीन बटाई पर लेकर 2015 से लगातार खेती करते आ रहे थे। खेती करके ही पति परिवार का पालन पोषण करते थे। पति की मौत के बाद उसके सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई।
उसने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बारे में हल्का लेखपाल, तहसीलदार सदर से एक नवंबर 2025 को कार्यालय जाकर जानकारी ली तो बताया गया कि उसका आवेदन 10 मई को ही निरस्त कर दिया गया है। आवेदन जिलाधिकारी कार्यालय से अस्वीकृत आदेश में एसडीएम सदर ने जांच की और लिखा कि मृतक के पास अपनी भूमि नहीं है।
हादसे से पहले वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। बटाई पर कृषि कार्य नहीं करते थे। जबकि भू-स्वामी मालाराम ने शपथपत्र देकर उनके पति को जमीन बटाई पर देने की बात कही। इसके बाद भी उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया। रिंकी ने बीमा राशि के साथ ही 15 हजार रुपये अधिवक्ता खर्चा भी दिलाने की मांग की है। वाद दायर हाेने के बाद अदालत ने नोटिस जारी कर 12 दिसंबर को अपना पक्ष रखने की तिथि निर्धारित की है।
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लोक अदालत ने जो नोटिस जारी किया है उसका जवाब दे दिया जाएगा। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, यदि महिला पात्र निकलेगी तो उसको योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
अवनीश राय, डीएम
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रिंकी पाल ने बताया कि उसके पति वीरपाल की 26 जुलाई 2024 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उसके पति जिरौली निवासी मालाराम की जमीन बटाई पर लेकर 2015 से लगातार खेती करते आ रहे थे। खेती करके ही पति परिवार का पालन पोषण करते थे। पति की मौत के बाद उसके सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई।
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उसने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बारे में हल्का लेखपाल, तहसीलदार सदर से एक नवंबर 2025 को कार्यालय जाकर जानकारी ली तो बताया गया कि उसका आवेदन 10 मई को ही निरस्त कर दिया गया है। आवेदन जिलाधिकारी कार्यालय से अस्वीकृत आदेश में एसडीएम सदर ने जांच की और लिखा कि मृतक के पास अपनी भूमि नहीं है।
हादसे से पहले वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। बटाई पर कृषि कार्य नहीं करते थे। जबकि भू-स्वामी मालाराम ने शपथपत्र देकर उनके पति को जमीन बटाई पर देने की बात कही। इसके बाद भी उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया। रिंकी ने बीमा राशि के साथ ही 15 हजार रुपये अधिवक्ता खर्चा भी दिलाने की मांग की है। वाद दायर हाेने के बाद अदालत ने नोटिस जारी कर 12 दिसंबर को अपना पक्ष रखने की तिथि निर्धारित की है।
लोक अदालत ने जो नोटिस जारी किया है उसका जवाब दे दिया जाएगा। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, यदि महिला पात्र निकलेगी तो उसको योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
अवनीश राय, डीएम