UP: बुलंदशहर में हुई थी 119 गोवंशों की हत्या, कोर्ट ने 25 दोषियों को सुनाई सात साल की सजा, अर्थदंड भी लगाया
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि असलम और उसका साथी इलियास गोकशी के काम के लिए लोगों को लेकर आए थे। असलम और इलियास ही गोमांस और अन्य सामान का अवैध व्यापार करते थे और माल को ट्रकों में भरकर बाहर भेजते थे।
विस्तार
देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव अकबरपुर और कमालपुर के जंगल में मई 2005 में गोमांस तस्करी के लिए 119 गायों का वध करने वाले 25 दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) चंद्रविजय श्रीनेत के न्यायालय ने सात-सात वर्ष का कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 15,050 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक योगेश कुमार और अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि दो मई 2005 को देहात कोतवाली पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि गांव अकबरपुर और कमालपुर के जंगल में लगभग 30 अज्ञात व्यक्ति गोकशी कर रहे हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिए। इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। पुलिस ने घटनास्थल पर कटी हुई गायों का मांस, खाल और अवशेष बड़ी मात्रा में बरामद किए थे। पुलिस ने मौके से आरोपी इमरान, इरफान, यामीन और सलीम को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से गोकशी के उपकरण, तमंचा, कारतूस, छुरी, कुल्हाड़ी और रस्सी बरामद हुई। मौके से कुल 119 कटी हुई गायों के अवशेष भी बरामद हुए, जिनमें 85 की गर्दन काटी हुई थी, 34 गायें हलाल की हुई मृत और बिना खाल के मौके पर पड़ी हुई थीं, जबकि 9 जवान गाय जिंदा थीं।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि असलम और उसका साथी इलियास गोकशी के काम के लिए लोगों को लेकर आए थे। असलम और इलियास ही गोमांस और अन्य सामान का अवैध व्यापार करते थे और माल को ट्रकों में भरकर बाहर भेजते थे। इस घटना के आधार पर थाना कोतवाली देहात में दो मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें एक पुलिस पर जानलेवा हमले का और दूसरा मुकदमा पशु क्रूरता अधिनियम, 25 आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में दर्ज किया गया था। साथ ही विवेचना के दौरान, 17 मई 2005 को सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 की बढ़ोतरी की गई।
पुलिस जांच पूरी करने के बाद कुल 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दी गई थी। साथ ही इस मामले में अभियोजन पक्ष ने कुल 14 गवाह प्रस्तुत किए। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद गत 14 नवंबर को न्यायालय ने 25 अभियुक्तों को गोकशी, गैंगस्टर एक्ट और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था, साथ ही सोमवार यानि 17 नवंबर की तारीख सजा के लिए नियत की थी। इसी के चलते सोमवार को सभी 25 दोषियों को न्यायालय में पेश किया गया। दिन में हुई सजा के सवाल पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोपहर करीब तीन बजे सभी 25 दोषियों को सात-सात वर्ष का कारावास व प्रत्येक दोषी पर 15,050 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
एक की मौत और चार की पत्रावली पृथक
इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने 30 लोगों को आरोपी बनाया था। मामले के विचारण के दौरान आरोपी हनीफ की मृत्यु होने व शेष की पत्रावली प्रथक की गई है। लोके अभियोजक ने बताया कि आरोपी इब्राहिम, युसूफ, वाजिद, हबीब की पत्रावली पृथक की गई है। ये चारों आरोपी जमानत पर आने के बाद से फरार है, इनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश भी दिए गए हैं।
इन 25 दोषियों को हुई सजा
अकबरपुर निवासी तीन सगे भाई असलम, कल्लन, मोहम्मद उमर, इसी गांव के निवासी हनीफ उर्फ भूरा के दो पुत्र कफील और फराहीम, युनूस, युनूफ, रफीक, अब्दुल सलाम, मेहरबान और कदीम हैं। इसके अलावा गांव दरियापुर निवासी यामीन, शकूर का पुत्र यामीन और यासीन, छोटा उर्फ भूरा, लियाकत, समयदीन, फारूख और फराहीम हैं। इनके अलावा कमालपुर निवासी अहसानउल्ला के दो पुत्र इमरान और इरफान, नगर के मोहल्ला कसाईवाड़ा निवासी सलीम, गढ़मुक्तेश्वर के अटसैनी निवासी जाहिद और खुर्जा के मोहल्ला तरीनान निवासी इसराइल को दोषसिद्ध किया गया है।