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MSME For Bharat: बुलंदशहर के उद्यमियों ने उठाईं समस्याएं, जानें डीएम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा

माई सिटी रिपोर्टर, बुलंदशहर Published by: अनुज कुमार Updated Thu, 18 Sep 2025 11:13 PM IST
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सार

MSME Bharat Conclave: बुलंदशहर जिले में अमर उजाला की ओर से एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव का आज आयोजन किया गया। एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में बुलंदशहर के उद्यमियों ने छोटे-बडे़ उद्यमियों के लिए उनके वर्ग के हिसाब से नीतियां बनाने की मांग की।

MSME Bharat Conclave Today Entrepreneurs raised problems and officials assured to resolve them
एमएसएमई फॉर भारत - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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उद्यमी देश की रीढ़ हैं। शासन, प्रशासन के स्तर से एमएसएमई के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सुरक्षा मिलेगी और अगर कोई परेशान करेगा तो उसे घुटने पर लाया जाएगा। उद्यमियों को ये आश्वासन बृहस्पतिवार को मेरठ रोड स्थित शांतिदीप रिसॉर्ट में हुए अमर उजाला की ओर से आयोजित एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में जिलाधिकारी श्रुति और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने दिए।

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जिलाधिकारी श्रुति ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों व उद्यमियों की मूल समस्याओं पर काम किया जा रहा है। बिजली, पानी, सड़क समेत सभी पहलुओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उद्यमियों को सीधा सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसे भी सुनिश्चित किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि उद्योग बंधु की बैठक में उठने वालीं समस्याओं पर भी पड़ताल कराने के बाद उनके समाधान पर काम किया जा रहा है। यहां भी जो समस्याएं सामने आई हैं, उनका भी जल्द समाधान कराया जाएगा।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि उद्योगों व उद्यमियों के लिए प्रदेश में सुरक्षा का माहौल बनाया गया है। अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है और उसका ही पालन किया जाता है। अपना कमाएं और खाएं। परजीवी बनकर किसी दूसरे को परेशान करने वालों को घुटनों पर लेकर आया जाएगा। कारोबारी बिना किसी परेशानी के काम करें, पुलिस उनकी मदद के लिए है। किसी को भी कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

कार्यक्रम में एसपी सिटी शंकर प्रसाद सिंह, उपायुक्त जीएसटी जयंत कुमार सिंह व अनमोल कपूर, उपायुक्त उद्योग आशुतोष सिंह, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी संजय श्रीवास्तव, यूपीसीडा प्रबंधक हरिओम, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी विमल कुमार और मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप शर्मा मौजूद रहे। वहीं, अपनी समस्याओं और चुनौतियों के बारे में अधिकारियों को जानकारी देने के लिए विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से बड़ी संख्या में उद्यमी पहुंचे और उन्होंने मंच से अपनी बातों को जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाया।

समस्याओं को लखनऊ तक लेकर जाएंगे : विधायक
कॉन्क्लेव में मौजूद सिकंदराबाद के विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने उद्यमियों की समस्याओं का व्यक्तिगत स्तर से प्रयास करके समाधान कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां जो भी समस्याएं सामने आई हैं, उन्हें लखनऊ तक पहुंचाया जाएगा। समस्याओं का समाधान भी कराया जाएगा। जो समस्याएं जिला स्तर पर हल हो सकती हैं, उन पर फौरन काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख अंग है। उद्यमी अपनी समस्याओं को उन तक सीधे भी पहुंचा सकते हैं। वह अधिकारियों से बात करके उनका समाधान कराएंगे। विधायक ने कहा कि सरकार के स्तर से भी उद्यमियों की समस्याओं काे दूर कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री खुद उद्योग जगत के उत्थान के लिए प्रयासरत हैं।

उद्योग बंधु के प्रस्तावों में शामिल होंगी उद्यमियों की मांगें
उद्यमियों ने समस्याएं उठाकर समाधान की मांग की तो अधिकारियों ने भी उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया। एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में जिलाधिकारी श्रुति ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके प्रस्ताव उद्योग बंधु की बैठक में शामिल किए जाएंगे। सम्मेलन के मंच से अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी उद्यमियों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर विभागीय पक्ष रखा। कुछ समस्याओं के समाधान बताए और बाकी बिंदुओं का निराकरण कराने का आश्वासन दिया।

कोई परेशान करे तो दें जानकारी
एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने कहा कि उद्यमियों ने बताया है कि कुछ स्थानीय लोग उन्हें परेशान करते हैं। ऐसे मामले में फौरन पुलिस को सूचना दें। पुलिस उद्यमी और व्यापारी प्रकोष्ठ की बैठक करती है। उसमें अपनी परेशानियों को खुलकर रख सकते हैं। सुरक्षा से जुड़ीं जो भी समस्याएं होंगी, उन्हें दूर किया जाएगा।

उद्यमियों को दी जाएगी योजनाओं की जानकारी
उपायुक्त उद्योग आशुतोष सिंह ने कहा कि कई उद्यमियों ने जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ न मिलने की बात कही है। विभाग की तरफ से समय-समय पर इस प्रकार की जानकारी दी जाती है। आगे इसे और बेहतर तरीके से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम सभी प्रकार के उद्योगों में सरकार की तरफ से 10 से 20 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए सिर्फ अग्निशमन और संबंधित विभाग की एनओसी की जरूरत होती है। उन्होंने सभी उद्यमियों से जरूरी एनओसी हासिल करने का आग्रह किया।

जीएसटी के बदलाव से होगा सुधार
उपायुक्त जीएसटी जयंत सिंह ने कहा कि जीएसटी उद्यमियों के लिए राहत देने वाला है। कुछ छोटे उद्यमियों को पांच साल बाद नोटिस आने की समस्या पर कहा कि 20 लाख पर लाइसेंस की जरूरत नहीं है। विभाग उद्यमियों के साथ बैठक कर उन्हें सभी नियमों के बारे में जानकारी देता है। अगर किसी उद्यमी को दिक्कत आती है तो वह संपर्क कर सकता है, पूरी जानकारी दी जाएगी।

काम चलाऊ नहीं दुरुस्त रखें अग्निशमन यंत्र
अग्निशमन विभाग की एनओसी मिलने में आने वाली दिक्कतों के सवाल पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। एक बार आदत बनने पर नियमों में राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कई बार सिर्फ एनओसी के लिए लोग अपने संस्थान पर लगे अग्निशमन यंत्र में कामचलाऊ व्यवस्था के तहत 100 रुपये से पाउडर भरवा लेते हैं। ऐसा करने से आग बुझेगी नहीं, बढ़ जाएगी। इसलिए यंत्र दुरुस्त रखें। उन्होंने एनओसी देने की व्यवस्था को उद्यमियों के लिए बेहतर करने की बात कही।

तीन गुना अधिक दिया लोन
उद्योग के लिए लोन मिलने में होने वाली परेशानियों पर जिला ग्रामोद्योग अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा प्रयास सरलता से लोन दिलाना है। हाल में पहले की तुलना में तीन गुना अधिक लोन दिया गया है। साथ ही उद्यमियों को ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) के तहत लोन दिए जा रहे हैं। व्यवस्था को और सरल किया जाएगा।

कई समस्याएं दूर हुईं, आगे भी होगा सुधार
यूपीसीडा के प्रबंधक हरिओम ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया जा रहा है। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में पानी, सड़क की दिक्कत को दूर करने पर काम किया जा रहा है। साथ ही यहां गेट, दिशा सूचक बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। उद्यमियों की जो समस्याएं यहां सामने आई हैं, उनका भी समाधान किया जाएगा।

प्रदूषण विभाग से एनओसी मिलने में नहीं आएगी दिक्कत
एनओसी मिलने में समस्या होने की शिकायत पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी विमल कुमार ने कहा कि किसी भी उद्यमी को बोर्ड से जुड़ी एनओसी लेने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी। वह खुद इसे सुनिश्चित करेंगे।

उद्यमियों ने उठाईं समस्याएं... अधिकारियों ने दिया हल कराने का आश्वासन
कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों से आए उद्यमियों ने अपनी समस्याओं पर अधिकारियों से सवाल भी किए। अधिकारियों ने उनकी समस्याओं का जल्द निराकरण का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी की मौजूदगी में सवालों का दौर चला। आइए जानते हैं किसने क्या उठाया मुद्दा।

1. उद्यम के संचालन के लिए फाइल डीआईसी से पास होने के बाद लोन के लिए बैंक जाती है, लेकिन बैंक फाइल को पास नहीं करता। इसके लिए उद्यमियों को चक्कर लगाने पड़ते है। बैंक जल्द लोन देने की सुविधा दे तो उद्यमियों को राहत मिले।-दीपू गर्ग
2. एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2023 में निजी औद्योगिक पार्क विकास योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत निजी भूमि को औद्योगिक भूमि में परिवर्तित करने का प्रावधान था। मेरे पास 10 एकड़ कृषि भूमि उपलब्ध है लेकिन तीन साल से लैंड यूज चेंज कराने के लिए दाैड़ रहा हूं। शासन-प्रशासन इसमें सहयोग करे तो एक साल में इंडस्ट्री तैयार कर सकूंगा।- विकास शर्मा
3. औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले पानी की निकासी को लेकर उचित व्यवस्था नहीं है। यूपीसीडा व ग्रामीण क्षेत्र के सहयोग से पानी निकासी की व्यवस्था की जाए।- राजीव बंसल
4. उद्योग चलाने में सबसे ज्यादा परेशानी सामान भेजने के बाद रुपये आने की होती है। कुछ व्यापारी उद्यमियों के सामान का पैसा वापस नहीं करते तो कुछ काफी समय तक लटकाए रखते हैं। व्यापारियों से समय से पैसा निकल सके, इसके लिए कोई कानून बने।- जयप्रकाश अग्रवाल, उद्यमी
5. उद्यमियों को भूमि महंगी दर पर मिलती है। सस्ती दर पर भूमि देने का प्रावधान किया जाए या एक या दो एकड़ जमीन खरीदने पर इंडस्ट्री में लैंड यूज चेंज किया जाए।- एसपी दादो, उद्यमी
6. एमएसएमई के उत्पादों की ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स को भी एमएसएमई में शामिल किया जाए। क्योंकि ट्रेडर्स पर एमएसएमई के नियम लागू न होने पर वह समय से भुगतान नहीं करता और उद्यमी को नुकसान होता है।- वैभव गुप्ता, उद्यमी

 

उद्यमी बोले...बनें ऐसी नीतियां जिनसे हर वर्ग को मिले लाभ
एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव में बुलंदशहर के उद्यमियों ने छोटे-बडे़ उद्यमियों के लिए उनके वर्ग के हिसाब से नीतियां बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ नीतियां एक वर्ग के लिए आसान तो दूसरे वर्ग के उद्यमियों के लिए कठिन हैं। उन्होंने अवस्थापना सुविधाओं से जुड़ीं क्षेत्रीय समस्याओं का निराकरण कराए जाने की मांग भी उठाई। साथ ही विभिन्न विभागों के स्तर से होने वालीं अड़चनों पर बात की। यही नहीं उद्यमियों ने एमएसएमई के भविष्य को भी उज्ज्वल बताया।

सूक्ष्म और लघु के लिए हो अलग योजना
सिकंदराबाद इंडस्ट्रीज वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई में सूक्ष्म, लघु और मध्यम वर्ग के उद्योग में भिन्नता है। इसलिए लघु व सूक्ष्म वर्ग को मध्यम वर्ग के साथ समान रूप से न देखा जाए। सरकार को लघु व सूक्ष्म उद्योगों के लिए अलग-अलग मानक तैयार करने होंगे। अभी एनओसी लेने के साथ ही अन्य मानक एक करोड़ से 200 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले सभी उद्यमियों के लिए एक जैसे हैं। भविष्य में अलग-अलग मानक बनें तो एमएसएमई सेक्टर को लाभ मिलेगा।

650 उद्योग लेकिन यूपीसीडा का ऑफिस नहीं
सिकंदराबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव बृजमोहन पांडेय ने कहा कि जिले में सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र महत्वपूर्ण उद्योग खंड है। यहां पर 650 से ज्यादा इकाइयां हैं। इसके बावजूद यूपीसीडा का कोई भी कार्यालय नहीं है। समस्याओं के समाधान के लिए उद्यमियों को गाैतमबुद्धनगर के कासना तक जाना पड़ता है। प्राधिकरण को इसके लिए अपने छोटे-छोटे कार्यालय सभी औद्योगिक क्षेत्रों में खोलने चाहिए। इसके अलावा सिकंदराबाद का भूजल स्तर भी रेड जोन में आ गया है। इसको लेकर भी कुछ करने की जरूरत है। कई छोटे उद्यमियों को पांच साल बाद नोटिस मिलते हैं। ऐसी स्थिति में जीएसटी विभाग को उन्हें जागरूक करना चाहिए। एमएसएमई में भविष्य तभी संवरेगा जब ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक होंगे।

प्रशिक्षित मानव संसाधन की जरूरत
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मंडल चेयरमैन नितिन जैन ने कहा कि उद्योगों में बेहतर तकनीक और आधुनिक मशीनों को चालू करने के लिए बहुत सारी प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ती हैं। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। प्रशिक्षित मानव संसाधन की भी जरूरत है। जीएसटी विभाग की ओर से हाल ही में नई दरों की घोषणा की गई, जिसमें कच्चे माल पर अभी 18 प्रतिशत कर है और तैयार उत्पाद पर केवल 5 प्रतिशत ही कर है। इसको लेकर उद्यमी चिंतित हैं। इसके अलावा यदि कोई एक विभाग ऋण की अनुमति देता है तो दूसरा विभाग उस जमीन पर आसानी से निवेश नहीं होने देता है। इस दिक्कत का भी समाधान होना चाहिए।

पॉटरी उद्यम क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण केंद्र की जरूरत
खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के संरक्षक राजीव बंसल ने कहा कि खुर्जा में दो अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें जंक्शन मार्ग और जीटी मार्ग शामिल हैं। जंक्शन मार्ग पर जल निकासी की सबसे बड़ी समस्या है। मुख्य मार्ग पर नाला नहीं है। इससे औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की समस्या रहती है। इसके अलावा लोगों को जोड़ने के लिए कनेक्टिविटी नहीं है। लोग जंक्शन औद्योगिक क्षेत्र की ओर जा नहीं पाते। एनएच 34 और जेवर रोड को जोड़ने वाला बाईपास बनने से राहत मिल सकती है। वहीं कूड़ा निस्तारण केंद्र नहीं होने से यहां काफी गंदगी रहती है। उसका बनना जरूरी है।

जल निकासी बड़ी समस्या
चोला इंडस्टि्रयल एंड ट्रेड्स एसोसिएशन के महामंत्री विजयपाल सिंह ने कहा कि उनके यहां की मुख्य समस्याएं नाली और सड़क की हैं। क्षेत्र में पानी की निकासी नहीं होने से जलभराव की स्थिति बनी रहती है। बरसात के मौसम में यहां से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा पुलिस विभाग से मांग उठाई कि यदि किसी उद्यमी के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो पहले उचित जांच की जाए। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज हो क्योंकि एक उद्यमी से एक उद्योग और हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा होता है।

ओवरलोडिंग से होते हैं फॉल्ट
रामा डेयरी के संचालक सुनील रामा ने कहा कि एक औद्योगिक क्षेत्र से लाखों परिवार जुड़े रहते हैं। दूध का कारोबार वर्तमान में मुख्य रूप से खुर्जा और स्याना रोड पर है। वहां की सड़कें काफी खराब हैं। वाहनों का निकलना भी मुश्किल होता है। जिम्मेदार विभागों को सड़क निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। वहीं खुर्जा स्थित धरपा विद्युत उपकेंद्र में ओवरलोडिंग के कारण आए दिन फॉल्ट रहता है। इससे औद्योगिक क्षेत्र में काफी समस्या होती है और उत्पादन प्रभावित होता है।

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