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Bulandshahar News: जिस भी लड़की को दिल देता हूं मोहब्बत में, वही ईवीएम की तरह बेवफा निकलती है...
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चौक बाजार में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा में कविता पेश करते कवि। स्रोत: आयोजक
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बुलंदशहर। कांग्रेस की ओर से रविवार की देर रात पं. जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की स्मृति में नेहरू पार्क में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा आयोजित किया गया। इसमें बनारस से आए दमदार बनारसी ने पढ़ा कि सही खबर भी गलत हर दफा निकलती है। मुझी से क्यों मेरी किस्मत खफा निकलती है। मैं जिस भी लड़की को दिल देता हूं मोहब्बत में, वही ईवीएम की तरह बेवफा निकलती है रचना पढ़कर महफिल लूट ली।
कार्यक्रम की शुरूआत कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी, जिलाध्यक्ष जिया-उर्र-रहमान, सुभाष गांधी, राजकुमार पंडित, वीरेंद्र शर्मा और नरेंद्र चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी ने कहा कि ऐसे आयोजन मोहब्बत का संदेश देते हैं और लोगों के ऊर्जा भरने का काम करते हैं। कवि डॉ. आदित्य जैन ने वाह रे, कमलू प्यारे, औरो की सीटों पे नजरे सारे, हमको मालूम है राजा का तोता कहा, इवीएम के अंदर छुपाकर रखा है पढ़ा तो लोगों ने जमकर तालियां बजाई। शायर मोहन मुन्तजिर ने पढ़ा मसरूफियत से खुद को अकेला निकालकर, आजा कभी तो वक्त जरा सा निकालकर पर दर्शकों ने जमकर दाद दी।
कवि हेमा पांडे ने आगाज मुहब्बत का कर रही हूं शान से, मंदिर व मस्जिदों की आरती अजान से, सब लोग अपने दिल से नफरतों को त्याग दें, मेरी है प्रार्थना यही हिंदोस्तान से पढ़कर जमकर वाहवाही लूटी। चिराग शर्मा ने तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक है । मेरी तरह उसे भी किताबों का शौक है। मुंबई से आए जमील असगर ने चरागे आरजू मेरा बुझके, परेशान फिरते हैं झोंके हवा के, सितम ये है वही गद्दार निकला, जो कहता था बहुत किस्से वफा के पढ़कर दर्शकों का दिल छू लिया।
हाथरस के युवा कवि शिवम आजाद ने जग हंसाई हमें नहीं आती। दिल में खाई हमें नहीं आती। आशनाई के हम पुजारी हैं, बेवफाई हमें नहीं आती पढ़कर वाहवाही लूटी। कानपुरी से आई लतिका पांडे ने दीवारों पर नाम लिखा, और गया जिनको रातों में, रूठे तो मनुहार किया, भीगे संग बरसातों में, वक्त के सांचे में ढलकर हो गए पराए वो भी अब, जिनसे अनबन हो जाती थी थोड़ी-थोड़ी बातों में पढ़ा तो दर्शक झूम उठे।
इसके अलावा कवि उत्तम लयकार, हिमांशु भावसार, फहीम कमालपुरी, नवाजिश नजर शामली, शिखा दीप्ति, एनमीम कौसर, मंसूर पहासवी, सतीश शर्मा, कपिल शर्मा, लियाकत कमालपुरी व निजाम राही आदि ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष सुभाष गांधी, नरेंद्र चौधरी, वीरेंद्र शर्मा, मनीष चतुर्वेदी, प्रशांत बाल्मिकी आदि मौजूद रहे।
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कार्यक्रम की शुरूआत कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी, जिलाध्यक्ष जिया-उर्र-रहमान, सुभाष गांधी, राजकुमार पंडित, वीरेंद्र शर्मा और नरेंद्र चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। राष्ट्रीय सचिव विदित चौधरी ने कहा कि ऐसे आयोजन मोहब्बत का संदेश देते हैं और लोगों के ऊर्जा भरने का काम करते हैं। कवि डॉ. आदित्य जैन ने वाह रे, कमलू प्यारे, औरो की सीटों पे नजरे सारे, हमको मालूम है राजा का तोता कहा, इवीएम के अंदर छुपाकर रखा है पढ़ा तो लोगों ने जमकर तालियां बजाई। शायर मोहन मुन्तजिर ने पढ़ा मसरूफियत से खुद को अकेला निकालकर, आजा कभी तो वक्त जरा सा निकालकर पर दर्शकों ने जमकर दाद दी।
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कवि हेमा पांडे ने आगाज मुहब्बत का कर रही हूं शान से, मंदिर व मस्जिदों की आरती अजान से, सब लोग अपने दिल से नफरतों को त्याग दें, मेरी है प्रार्थना यही हिंदोस्तान से पढ़कर जमकर वाहवाही लूटी। चिराग शर्मा ने तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक है । मेरी तरह उसे भी किताबों का शौक है। मुंबई से आए जमील असगर ने चरागे आरजू मेरा बुझके, परेशान फिरते हैं झोंके हवा के, सितम ये है वही गद्दार निकला, जो कहता था बहुत किस्से वफा के पढ़कर दर्शकों का दिल छू लिया।
हाथरस के युवा कवि शिवम आजाद ने जग हंसाई हमें नहीं आती। दिल में खाई हमें नहीं आती। आशनाई के हम पुजारी हैं, बेवफाई हमें नहीं आती पढ़कर वाहवाही लूटी। कानपुरी से आई लतिका पांडे ने दीवारों पर नाम लिखा, और गया जिनको रातों में, रूठे तो मनुहार किया, भीगे संग बरसातों में, वक्त के सांचे में ढलकर हो गए पराए वो भी अब, जिनसे अनबन हो जाती थी थोड़ी-थोड़ी बातों में पढ़ा तो दर्शक झूम उठे।
इसके अलावा कवि उत्तम लयकार, हिमांशु भावसार, फहीम कमालपुरी, नवाजिश नजर शामली, शिखा दीप्ति, एनमीम कौसर, मंसूर पहासवी, सतीश शर्मा, कपिल शर्मा, लियाकत कमालपुरी व निजाम राही आदि ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष सुभाष गांधी, नरेंद्र चौधरी, वीरेंद्र शर्मा, मनीष चतुर्वेदी, प्रशांत बाल्मिकी आदि मौजूद रहे।