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Chandauli News: पांच साल बाद अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में हुई बारिश
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कंदवा क्षेत्र में लेटी फसल। संवाद
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चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से जिले में तीसरे दिन भी मौसम बदला रहा। पूरे दिन बादल छाए रहे और रुक-रुककर बारिश होती रही। 2020 के बाद ऐसा पांच वर्ष बाद हुआ है जब जिले में अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में बारिश हो रही है।
वहीं बुधवार अधिकतम तापमान मंगलवार को 29 डिग्री से 28 और न्यूनतम तापमान मंगलवार के 24 डिग्री से 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के कारण सबसे ज्यादा किसान परेशान हैं क्योंकि खेतों में खड़ी धान की फसल लोटने लगी है।
मंगलवार की रात के दो बजे से जिले में शुरू हुई बारिश बुधवार की सुबह तक जारी रही। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए। वहीं ठंडी हवा चलने से हल्की ठंड का भी अनुभव हुआ। बारिश के कारण नगर की कई निर्माणाधीन सड़कों पर कीचड़ जमा हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ी।
तीन दिनों से कभी गर्मी तो कभी ठंड पड़ने के कारण लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला भी चल पड़ा है। लोग सर्दी, जुकाम, बुखार आदि बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं।
राज्य कृषि व मौसम विभाग के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मोंथा चक्रवात के प्रभाव से आगामी 31 अक्टूबर, शुक्रवार तक जिले में कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके अलावा 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है।
चहनिया संवाददाता के अनुसार, मोंथा तूफान के कहर से किसान हलकान हो गए हैं। बेमौसम बरसात से खरीफ की फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। क्षेत्र में रोते गए बाजरा, तिल, मूंग, उर्द व धान की फसल पर प्रभाव पड़ा है।
यदि बारिश नहीं रुकी तो किसाने की लागत डूब जाएगी। बाजरा, धान, तिल, उर्द व मूंग की कटाई चल रही है। फसलों को सुखाने लिए खेतों में छोड़ दिया गया है। बरसात से फसलों के सड़ जाने की आशंका है।
वहीं खेतों में खड़ी धान की फसल में लेढ़ा नामक रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है जिसका सीधा प्रभाव धान की फसल पर पड़ेगा और पैदावार कम हो जाएगी।
वहीं बुधवार अधिकतम तापमान मंगलवार को 29 डिग्री से 28 और न्यूनतम तापमान मंगलवार के 24 डिग्री से 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के कारण सबसे ज्यादा किसान परेशान हैं क्योंकि खेतों में खड़ी धान की फसल लोटने लगी है।
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मंगलवार की रात के दो बजे से जिले में शुरू हुई बारिश बुधवार की सुबह तक जारी रही। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए। वहीं ठंडी हवा चलने से हल्की ठंड का भी अनुभव हुआ। बारिश के कारण नगर की कई निर्माणाधीन सड़कों पर कीचड़ जमा हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ी।
तीन दिनों से कभी गर्मी तो कभी ठंड पड़ने के कारण लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला भी चल पड़ा है। लोग सर्दी, जुकाम, बुखार आदि बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं।
राज्य कृषि व मौसम विभाग के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मोंथा चक्रवात के प्रभाव से आगामी 31 अक्टूबर, शुक्रवार तक जिले में कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके अलावा 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है।
चहनिया संवाददाता के अनुसार, मोंथा तूफान के कहर से किसान हलकान हो गए हैं। बेमौसम बरसात से खरीफ की फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। क्षेत्र में रोते गए बाजरा, तिल, मूंग, उर्द व धान की फसल पर प्रभाव पड़ा है।
यदि बारिश नहीं रुकी तो किसाने की लागत डूब जाएगी। बाजरा, धान, तिल, उर्द व मूंग की कटाई चल रही है। फसलों को सुखाने लिए खेतों में छोड़ दिया गया है। बरसात से फसलों के सड़ जाने की आशंका है।
वहीं खेतों में खड़ी धान की फसल में लेढ़ा नामक रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है जिसका सीधा प्रभाव धान की फसल पर पड़ेगा और पैदावार कम हो जाएगी।