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Chitrakoot News: ड्रेस मिली न स्वेटर किटकिटाते हुए स्कूल जा रहे 35 हजार बच्चे
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Mon, 08 Dec 2025 11:58 PM IST
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चित्रकूट। ठंड पड़ने लगी है। बावजूद इसके परिषदीय विद्यालयों के करीब 35 हजार बच्चों के अभिभावकों के खातों में स्वेटर, जूता-मोजा की रकम नहीं पहुंची है। ऐसे में बच्चे घरेलू स्वेटर पहनकर स्कूल पहुंच रहे हैं, हालांकि अब नियमों में कुछ ढील देकर शासन ने अभिभावकों के आधार कार्ड का सत्यापन कर डीबीटी की धनराशि भेजने के निर्देश दिए हैं।
जिले में परिषदीय स्कूलों में 1262 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें एक लाख 17 हजार 489 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शासन से हर साल बच्चों को दो ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग व स्टेशनरी के लिए 12 सौ रुपये डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में सीधे भेजा जाता है।
अभी तक शासन से 81 हजार 848 अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी जा चुकी है। जबकि 35 हजार 641 अभिभावकों व बच्चों के आधार सत्यापन और कागजातों में कमी की वजह से धनराशि नहीं भेजी गई। इस कारण इनके बच्चे ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल जा रहे हैं या फिर घरेलू स्वेटर पहन कर स्कूल पहुंच रहे हैं।
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शासन ने नियमों में दी ढील
बच्चों व अभिभावकों के आधार सत्यापन के बाद भी ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा, बैग, स्टेशनरी की धनराशि जारी करने का नियम है लेकिन बच्चों के आधार अपडेट न होने के कारण सत्यापन नहीं हो रहा है। इससे डीबीटी के माध्यम से धनराशि नहीं भेजी जा रही है। अब शासन ने केवल अभिभावकों के आधार सत्यापन के आधार पर ही धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं।
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ड्रेस की धनराशि से वंचित बच्चों का ब्योरा शासन में भेज दिया गया है। अब बच्चों के आधार सत्यापन की अनिवार्यता खत्म हो गई है। जल्द ही बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। धनराशि पहुंचते ही अभिभावकों पर जोर देकर बच्चों के ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा आदि की खरीद कराई जाएगी।
- बीके शर्मा, बीएसए
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जिले में परिषदीय स्कूलों में 1262 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें एक लाख 17 हजार 489 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शासन से हर साल बच्चों को दो ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग व स्टेशनरी के लिए 12 सौ रुपये डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में सीधे भेजा जाता है।
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अभी तक शासन से 81 हजार 848 अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी जा चुकी है। जबकि 35 हजार 641 अभिभावकों व बच्चों के आधार सत्यापन और कागजातों में कमी की वजह से धनराशि नहीं भेजी गई। इस कारण इनके बच्चे ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल जा रहे हैं या फिर घरेलू स्वेटर पहन कर स्कूल पहुंच रहे हैं।
शासन ने नियमों में दी ढील
बच्चों व अभिभावकों के आधार सत्यापन के बाद भी ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा, बैग, स्टेशनरी की धनराशि जारी करने का नियम है लेकिन बच्चों के आधार अपडेट न होने के कारण सत्यापन नहीं हो रहा है। इससे डीबीटी के माध्यम से धनराशि नहीं भेजी जा रही है। अब शासन ने केवल अभिभावकों के आधार सत्यापन के आधार पर ही धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं।
ड्रेस की धनराशि से वंचित बच्चों का ब्योरा शासन में भेज दिया गया है। अब बच्चों के आधार सत्यापन की अनिवार्यता खत्म हो गई है। जल्द ही बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। धनराशि पहुंचते ही अभिभावकों पर जोर देकर बच्चों के ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा आदि की खरीद कराई जाएगी।
- बीके शर्मा, बीएसए
