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Chitrakoot News: गोशाला से ज्यादा कूड़े के ढेरों में नजर आते मवेशी
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:12 PM IST
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28 सीकेटीपी-6- परिचय- शहर के एसडीएम कालोनी मार्ग पर कूड़े के ढेर के पास मौजूद अन्ना गोवंश । संव
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चित्रकूट। शहर में जिन जगहों पर कूड़ा गिरता है मवेशी वहीं ठिकाना बना लेते हैं। दिनभर गंदगी जगहों पर पॉलिथीन में भरी खाने वाली वस्तुएं खाते रहते हैं। इससे मवेशियों को नुकसान भी होता है। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं। गोशाला के ज्यादा सड़कों पर अन्ना गोवंश नजर आते हैं। प्रशासन अन्ना गोवंशों को गोशाला में रखवाने में विफल है।
कर्वी के गढ़ीवा कान्हा गोशाला में करीब सात सौ गोवंश संरक्षण करने का दावा विभाग कर रहा है। इसके बाद भी गांव से लेकर शहर तक हर तरफ अन्ना गोवंश नजर आ रहे हैं। इस भीषण ठंड में गोवंश सड़कों पर घूम रहे हैं। अब तो हालत यह है कि अन्ना गोवंश कूड़ों के ढेर को अपना आशियाना बना लिया है और वहां पड़ी पन्नियां, कूड़ा करकट खा कर अपना पेट भरते हैं। इससे इन गोवंशियों को बीमार होने का भी खतरा बना हुआ है।
शहर के एसडीएम कालोनी, एलआईसी तिराहा, द्वारिकापुरी कोतवाली के पीछे, गल्ला मंडी, प्रयागराज रोड, बनाड़ी रोड सहित जहां भी कूड़ों के ढेर इकट्ठा होते हैं, वहां सुबह से लेकर शाम तक गोवंशी नजर आते हैं। कूड़ों को जलाने के लिए लगी आग के पास खड़े बैठे रहते हैं और वहीं निष्प्रयोज्य पन्नियों को खाकर अपना पेट भरते हैं। यह सब देखने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार विभाग केवल कागजी कोरम पूरी करने में मस्त रहता है। इन गोवंशियों पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती है।
खेतों में खड़ी फसल चर जाते
शहर से लेकर गांवों तक अन्ना गोवंशियों का झुंड सड़कों पर घूमता रहता है। आए दिन इनसे टकरा कर दो पहिया सवार घायल हो रहे हैं। कई की तो मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि गोशालाओं से ज्यादा सड़कों व खेतों में गोवंश रहते हैं।
वर्जन
शहर में जहां भी अन्ना गोवंश की सूचना मिलती है। तुरंत गोवंशियों को गोशाला में संरक्षित किया जाता है। गोशालाओं के गोवंश बाहर घूमने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो पता करा कर गोवंशियों को गोशाला भेजा जाएगा।-लालजी यादव, ईओ
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कर्वी के गढ़ीवा कान्हा गोशाला में करीब सात सौ गोवंश संरक्षण करने का दावा विभाग कर रहा है। इसके बाद भी गांव से लेकर शहर तक हर तरफ अन्ना गोवंश नजर आ रहे हैं। इस भीषण ठंड में गोवंश सड़कों पर घूम रहे हैं। अब तो हालत यह है कि अन्ना गोवंश कूड़ों के ढेर को अपना आशियाना बना लिया है और वहां पड़ी पन्नियां, कूड़ा करकट खा कर अपना पेट भरते हैं। इससे इन गोवंशियों को बीमार होने का भी खतरा बना हुआ है।
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शहर के एसडीएम कालोनी, एलआईसी तिराहा, द्वारिकापुरी कोतवाली के पीछे, गल्ला मंडी, प्रयागराज रोड, बनाड़ी रोड सहित जहां भी कूड़ों के ढेर इकट्ठा होते हैं, वहां सुबह से लेकर शाम तक गोवंशी नजर आते हैं। कूड़ों को जलाने के लिए लगी आग के पास खड़े बैठे रहते हैं और वहीं निष्प्रयोज्य पन्नियों को खाकर अपना पेट भरते हैं। यह सब देखने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार विभाग केवल कागजी कोरम पूरी करने में मस्त रहता है। इन गोवंशियों पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती है।
खेतों में खड़ी फसल चर जाते
शहर से लेकर गांवों तक अन्ना गोवंशियों का झुंड सड़कों पर घूमता रहता है। आए दिन इनसे टकरा कर दो पहिया सवार घायल हो रहे हैं। कई की तो मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि गोशालाओं से ज्यादा सड़कों व खेतों में गोवंश रहते हैं।
वर्जन
शहर में जहां भी अन्ना गोवंश की सूचना मिलती है। तुरंत गोवंशियों को गोशाला में संरक्षित किया जाता है। गोशालाओं के गोवंश बाहर घूमने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो पता करा कर गोवंशियों को गोशाला भेजा जाएगा।-लालजी यादव, ईओ

28 सीकेटीपी-6- परिचय- शहर के एसडीएम कालोनी मार्ग पर कूड़े के ढेर के पास मौजूद अन्ना गोवंश । संव
