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Chitrakoot News: मंदाकनी नदी की स्वच्छता को चलाएं अभियान
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:14 PM IST
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चित्रकूट। जिला पर्यावरण समिति, जिला गंगा समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति की संयुक्त बैठक डीएम पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें मंदाकिनी नदी के पुनरोद्धार एवं कायाकल्प के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया।
जिलाधिकारी ने मंदाकिनी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित आश्रमों एवं मंदिरों में सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल से निर्मित उत्पादों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं तथा मंदिर प्रबंधन की अनुमति के उपरांत ही भंडारों का आयोजन किया जाए। नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम के संबंध में वन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की स्थापना के लिए जल निगम नगरीय बांदा द्वारा शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
डीएम ने वाल्मीकि आश्रम क्षेत्र में स्वच्छता व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त करते हुए वन विभाग को निर्देशित किया कि बिना अनुमति के भंडारों का आयोजन न किया जाए, क्योंकि इससे अत्यधिक गंदगी फैलती है। गंगा समिति के सदस्य आशीष रघुवंशी ने मंदाकिनी नदी में निर्मित डैम के कारण सिल्ट जमा होने की समस्या का उल्लेख किया। डीएम ने कहा कि जिन विभागों का जिओ टैगिंग शेष है उसे जल्द से जल्द पूरा कराएं। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी नरेन्द्र सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी राजीव रंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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जिलाधिकारी ने मंदाकिनी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित आश्रमों एवं मंदिरों में सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल से निर्मित उत्पादों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं तथा मंदिर प्रबंधन की अनुमति के उपरांत ही भंडारों का आयोजन किया जाए। नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम के संबंध में वन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की स्थापना के लिए जल निगम नगरीय बांदा द्वारा शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
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डीएम ने वाल्मीकि आश्रम क्षेत्र में स्वच्छता व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त करते हुए वन विभाग को निर्देशित किया कि बिना अनुमति के भंडारों का आयोजन न किया जाए, क्योंकि इससे अत्यधिक गंदगी फैलती है। गंगा समिति के सदस्य आशीष रघुवंशी ने मंदाकिनी नदी में निर्मित डैम के कारण सिल्ट जमा होने की समस्या का उल्लेख किया। डीएम ने कहा कि जिन विभागों का जिओ टैगिंग शेष है उसे जल्द से जल्द पूरा कराएं। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी नरेन्द्र सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी राजीव रंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
