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Etah News: क्रय केंद्र पर 350 क्विंटल बाजरा किसानों का, जांच के बाद मामला शांत
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:12 AM IST
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एटा। अलीगंज रोड स्थित कृषि उत्पादन गल्ला मंडी में शुक्रवार की रात बाजरे खुले में 350 क्विंटल बाजरा मिलने पर जमकर हंगामा हुआ। सबसे बड़ी बात यह रही कि न तो केंद्र प्रभारी ने इसे अपना बताया और न ही व्यापारियों ने इस पर दावा ठोका। जांच में ये किसानों का पाया गया और मामला शांत हो गया।
सूचना मिलने परउप-क्षेत्रीय खाद्य एवं रसद विभाग अधिकारी सुभाष चंद्र व मंडी सचिव कपिल कुमार गुप्ता मौके पर पहुंचे। सचिव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात बाजरा क्रय केंद्र पर 350 क्विंटल बाजरा बिना किसी अभिलेख के पड़ा मिला। इसे लेकर कुछ व्यापारी केंद्र प्रभारी से भिड़ गए। पूछताछ में केंद्र प्रभारी ने साफ कहा यह बाजरा हमारा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह क्रय केंद्र का होता तो बोरियों में बंद होता। उधर व्यापारियों ने भी खरीद से साफ इनकार कर दिया।
सुभाष चंद्र ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा फसल खरीद जारी रहने के कारण किसान अपना बाजरा डालकर चले गए थे। जानकारी न होने के कारण केंद्र केंद्र प्रभारी ने मना किया। पूरी मात्रा का रजिस्ट्रेशन तत्काल नहीं हुआ जिससे भ्रम की स्थिति खड़ी हो गई। बाद में विपणन शाखा की संयुक्त जांच की गई। पोर्टल पर दर्ज किसानों के आंकड़े खंगाले गए। डेटा मैच होते ही स्पष्ट हुआ कि सारा बाजरा किसानों का है जिन्हें खरीद का भुगतान किया जाना है।
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सूचना मिलने परउप-क्षेत्रीय खाद्य एवं रसद विभाग अधिकारी सुभाष चंद्र व मंडी सचिव कपिल कुमार गुप्ता मौके पर पहुंचे। सचिव ने बताया कि बृहस्पतिवार रात बाजरा क्रय केंद्र पर 350 क्विंटल बाजरा बिना किसी अभिलेख के पड़ा मिला। इसे लेकर कुछ व्यापारी केंद्र प्रभारी से भिड़ गए। पूछताछ में केंद्र प्रभारी ने साफ कहा यह बाजरा हमारा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह क्रय केंद्र का होता तो बोरियों में बंद होता। उधर व्यापारियों ने भी खरीद से साफ इनकार कर दिया।
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सुभाष चंद्र ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा फसल खरीद जारी रहने के कारण किसान अपना बाजरा डालकर चले गए थे। जानकारी न होने के कारण केंद्र केंद्र प्रभारी ने मना किया। पूरी मात्रा का रजिस्ट्रेशन तत्काल नहीं हुआ जिससे भ्रम की स्थिति खड़ी हो गई। बाद में विपणन शाखा की संयुक्त जांच की गई। पोर्टल पर दर्ज किसानों के आंकड़े खंगाले गए। डेटा मैच होते ही स्पष्ट हुआ कि सारा बाजरा किसानों का है जिन्हें खरीद का भुगतान किया जाना है।
