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Fatehpur News: फतेहपुरः चकमा देकर भागा बंदी गिरफ्तार
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फतेहपुर। पुलिस कर्मियों को चकमा देकर भागे बंदी को पुलिस ने कौशांबी में मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। लापरवाही बरतने वाले चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी ने चारों को निलंबित कर दिया है। आरोपी धोखाधड़ी के मामले में जेल में निरुद्घ चल रहा था।
कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र के घुमाई गांव का रामबाबू वैश्य 15 अक्तूबर को दूसरे के बैंक खाते से रुपये निकालते एसबीआई बैंक से पकड़ा गया था। उसके पास से 30 बैंक पासबुक बरामद हुई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने जेल भेजा था। सोमवार को जेल से 129 बंदी कोर्ट में पेशी पर लाए गए थे। पेशी के बाद सारे बंदियों को लॉकअप में रखा गया था। बंदियों को जेल भेजा जा रहा था। तभी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर रामबाबू सोमवार शाम भाग निकला था।
लॉकअप प्रभारी रमेश कुमार ने एफआईआर में बताया कि पहले राउंड में 50 बंदी जेल भेजे जा चुके थे। इसके बाद मेन गेट पहरा में तैनात सिपाही गणेश पांडेय, उत्तरी गेट पहरा पर तैनात बंदी कमलेश्वर मिश्रा, दक्षिणी गेट पर तैनात सिपाही भूपेंद्र प्रताप सिंह, शौचालय गेट पर तैनात बंदी सुभाष चंद्रा से गिनती कराई गई। बाकी बंदियों में एक की गिनती कम पाई गई। रजिस्टर से मिलान पर बंदी रामबाबू वैश्य के भागने का पता लगा। बंदी दोपहर साढ़े तीन से शाम पांच बजे के बीच भागा है। इसके बाद लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मी भी फरार हो गए।
रात 12:30 बजे लॉकअप प्रभारी की तहरीर पर सदर कोतवाली में पहरे पर तैनात रहे चारों पुलिस कर्मियों पर लापरवाही और बंदी पर अभिरक्षा से भागने का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस की एक टीम रात को कौशांबी रवाना हुई। घर के आसपास तैनात हो गई। घर पहुंचते ही बंदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सुबह बंदी को कोतवाली लेकर आई।
कचहरी से भागने के बाद बंदी रेलवे स्टेशन पहुंचा था। वह कालका एक्सप्रेस में बैठकर प्रयागराज पहुंच गया। इसके बाद प्रयागराज से कौशांबी गांव जा रहा था। पुलिस की पूछताछ में बंदी ने बताया कि दो माह से कपड़े नहीं बदले थे। वह भागा नहीं है। कपड़े बदलने के बाद घर से लौट आता।
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कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र के घुमाई गांव का रामबाबू वैश्य 15 अक्तूबर को दूसरे के बैंक खाते से रुपये निकालते एसबीआई बैंक से पकड़ा गया था। उसके पास से 30 बैंक पासबुक बरामद हुई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने जेल भेजा था। सोमवार को जेल से 129 बंदी कोर्ट में पेशी पर लाए गए थे। पेशी के बाद सारे बंदियों को लॉकअप में रखा गया था। बंदियों को जेल भेजा जा रहा था। तभी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर रामबाबू सोमवार शाम भाग निकला था।
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लॉकअप प्रभारी रमेश कुमार ने एफआईआर में बताया कि पहले राउंड में 50 बंदी जेल भेजे जा चुके थे। इसके बाद मेन गेट पहरा में तैनात सिपाही गणेश पांडेय, उत्तरी गेट पहरा पर तैनात बंदी कमलेश्वर मिश्रा, दक्षिणी गेट पर तैनात सिपाही भूपेंद्र प्रताप सिंह, शौचालय गेट पर तैनात बंदी सुभाष चंद्रा से गिनती कराई गई। बाकी बंदियों में एक की गिनती कम पाई गई। रजिस्टर से मिलान पर बंदी रामबाबू वैश्य के भागने का पता लगा। बंदी दोपहर साढ़े तीन से शाम पांच बजे के बीच भागा है। इसके बाद लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मी भी फरार हो गए।
रात 12:30 बजे लॉकअप प्रभारी की तहरीर पर सदर कोतवाली में पहरे पर तैनात रहे चारों पुलिस कर्मियों पर लापरवाही और बंदी पर अभिरक्षा से भागने का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस की एक टीम रात को कौशांबी रवाना हुई। घर के आसपास तैनात हो गई। घर पहुंचते ही बंदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सुबह बंदी को कोतवाली लेकर आई।
कचहरी से भागने के बाद बंदी रेलवे स्टेशन पहुंचा था। वह कालका एक्सप्रेस में बैठकर प्रयागराज पहुंच गया। इसके बाद प्रयागराज से कौशांबी गांव जा रहा था। पुलिस की पूछताछ में बंदी ने बताया कि दो माह से कपड़े नहीं बदले थे। वह भागा नहीं है। कपड़े बदलने के बाद घर से लौट आता।