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Firozabad News: सूखी मक्का को गीली बताने पर किसानों ने किया हंगामा
संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद
Updated Mon, 07 Jul 2025 11:41 PM IST
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टूंडला के मंडी समिति में हंगामा करते किसान संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
टूंडला। मंडी समिति में आढ़तियों द्वारा किए जा रहे शोषण के विरोध में सोमवार को किसान लामबंद हो गए। किसानों ने आढ़तियों के पर सूखी मक्का को गीला बताकर कम रेट में उसे खरीदने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मंडी सचिव ने किसानों की उचित रेट पर मक्का बिकवाकर मामला शांत कराया।
थाना पचोखरा के गांव इमलिया निवासी किसान योगेंद्र उपाध्याय अन्य किसानों के साथ सोमवार को मंडी समिति में मक्का बेचने के लिए आए थे। मंडी में आढ़तियों ने मक्का गीली बताते हुए उसका 1400 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से रेट लगाया। तब वह मंडी परिसर स्थित सरकारी लेब में नमी की जांच कराने पहुंचे। तीन बार में 11, 11.1 और 12 प्वाइंट नमी निकली। जबकि आढ़तियों ने अपने यहां नमी की परख में 19 से लेकर 23 तक नमी बताई। लगभग दो गुनी नमी दर्शाए जाने पर किसान उखड़ गए तथा उन्होंने हंगामा कर दिया।
हंगामे की सूचना पर मंडी सचिव जितेंद्र पटेल और मार्केटिंग इंस्पेक्टर उमेश सिंह वहां पहुंच गए। सचिव ने आढ़तियों को चेताया कि सरकारी लैब में मक्का सूखी है तो फिर उसे गीला बताकर किसान को क्यों परेशान किया जा रहा है। सचिव के हस्तक्षेप के बाद आढ़तियों ने मक्का को 1900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकवाया। किसान का कहना है कि आढ़तियों ने अपनी मशीनों में गड़बड़ी कर रखी है। सरकारी लैब को व्यापारी झुठलाते हैं।
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थाना पचोखरा के गांव इमलिया निवासी किसान योगेंद्र उपाध्याय अन्य किसानों के साथ सोमवार को मंडी समिति में मक्का बेचने के लिए आए थे। मंडी में आढ़तियों ने मक्का गीली बताते हुए उसका 1400 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से रेट लगाया। तब वह मंडी परिसर स्थित सरकारी लेब में नमी की जांच कराने पहुंचे। तीन बार में 11, 11.1 और 12 प्वाइंट नमी निकली। जबकि आढ़तियों ने अपने यहां नमी की परख में 19 से लेकर 23 तक नमी बताई। लगभग दो गुनी नमी दर्शाए जाने पर किसान उखड़ गए तथा उन्होंने हंगामा कर दिया।
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हंगामे की सूचना पर मंडी सचिव जितेंद्र पटेल और मार्केटिंग इंस्पेक्टर उमेश सिंह वहां पहुंच गए। सचिव ने आढ़तियों को चेताया कि सरकारी लैब में मक्का सूखी है तो फिर उसे गीला बताकर किसान को क्यों परेशान किया जा रहा है। सचिव के हस्तक्षेप के बाद आढ़तियों ने मक्का को 1900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकवाया। किसान का कहना है कि आढ़तियों ने अपनी मशीनों में गड़बड़ी कर रखी है। सरकारी लैब को व्यापारी झुठलाते हैं।