{"_id":"693ef3ae18fae0d81c0014a2","slug":"action-limited-to-papers-in-embezzlement-of-crores-gonda-news-c-100-1-gon1003-148782-2025-12-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Gonda News: करोड़ों के गबन में कागजों पर ही सिमटी कार्रवाई","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Gonda News: करोड़ों के गबन में कागजों पर ही सिमटी कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Sun, 14 Dec 2025 10:58 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
Trending Videos
गोंडा। जिले के आकांक्षी ब्लॉक रुपईडीह में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अधिकारियों व संकुल संघ, ग्राम संगठन और कुछ समूहों के पदाधिकारियों ने मिलकर करीब दो करोड़ रुपये डकार लिए। मगर विभागीय कार्रवाई सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गई। जांच रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि के करीब एक महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है।
आकांक्षी ब्लॉक रुपईडीह को भारत सरकार की ओर से अधिक पैकेज दिया जा रहा है। लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए अलग से बनाई गई कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है। मगर लगभग दो करोड़ रुपये अधिकारियों व संकुल संघ, ग्राम संगठन और समूहों के पदाधिकारियों ने मिलीभगत कर बंटरबांट कर लिया। उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास आयुक्त के निर्देश पर डीडीओ की जांच में आरोपों की पुष्टि भी हो चुकी है। सीडीओ अंकिता जैन ने डीसी एनआरएलएम जेएन राव को जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए। घोटाले के जिम्मेदार आरोपियों की जांच कर जिम्मेदारी भी तय करते हुए नोटिस भी दी। मियाद भी पूरी हो गई। मगर अधिकारी कार्रवाई में हीलाहवाली कर रहे हैं। डीसी एनआरएलएम जेएन राव का कहना है कि आरोप तय किए जा चुके हैं। नोटिस का जवाब देने के बजाय आरोपियों ने कोर्ट में गुहार लगाई है।
विज्ञापन
विज्ञापन
जिनकी भूमिका संदिग्ध, उन्हीं को दे दिया कार्रवाई का जिम्मा
सूत्रों का कहना है कि आकांक्षी ब्लॉक में इतने बड़े घोटाले में जिस विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उन्हीं को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। ऐसे में कार्रवाई के बजाय हीलाहवाली की जा रही है। एक-दूसरे पर दोषारोपण के साथ ही बचाव किया जा रहा है।
ब्लॉक की महिलाओं का डकार गए हक
अधिकारियों ने बताया कि ब्लॉक में सक्रिय समूहों की महिलाओं को सामुदायिक निवेश निधि देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। मगर चंद समूह व अधिकारियों ने मिलीभगत कर पैसा डकार गए हैं। किसी ने 10 तो किसी को 20 लाख निधि दी गई है।