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Gonda News: जर्जर छत ढही, एक मजदूर की मौत, तीन घायल
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Mon, 15 Sep 2025 12:11 AM IST
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मेडिकल कॉलेज में घायल मजदूर का हाल जानते मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील व प्रभारी डीएम अंकिता जै
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गोंडा। नगर कोतवाली क्षेत्र के राजेंद्रनगर मेवातियान मोहल्ले में रविवार दोपहर जर्जर मकान तोड़ते समय हादसा हो गया। छत भरभराकर ढहने से चार मजदूर मलबे में दब गए। इनमें से खरगूपुर के बैदौरा पांडेय पुरवा निवासी राम प्रकाश शर्मा (35) की मौत हो गई। तीन अन्य मजदूर घायल हो गए। पुलिस ने भवन स्वामी व दो ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। बैदौरा पांडेय पुरवा निवासी सिंधू शर्मा ने बताया कि पति राम प्रकाश शर्मा को नगर कोतवाली क्षेत्र के कटहरिया महराजगंज निवासी ठेकेदार शफीक रविवार को मेवातियान निवासी खलील के जर्जर मकान को तोड़ने के लिए ले गए थे। राम प्रकाश को बिना सुरक्षा उपायों के ही जर्जर मकान तोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
इतना ही नहीं, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों को न तो कोई जानकारी दी गई और न ही किसी प्रकार की अनुमति ली गई। ऐसे में छत तोड़ते समय भरभराकर ढह गई, जिसके मलबे में दबकर उनके पति राम प्रकाश शर्मा की मौत हो गई।
हादसे में राजा मोहल्ला नई बस्ती निवासी गुफरान (20), पठान मोहल्ला महराजगंज निवासी शाहिल खान (21) और इमामबाड़ा कांशीराम कॉलोनी निवासी इंजमाम (20) घायल हो गए। तीनों मजदूरों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है।
वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही फायरब्रिगेड व एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य किया। मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील, प्रभारी डीएम अंकिता जैन, एसपी विनीत जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष उज्मा राशिद, एडीएम आलोक कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा, सीओ सिटी आनंद कुमार राय आदि अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों से पूरे मामले की जानकारी हासिल की।
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मकान मालिक खलील और ठेकेदार शफीक व हाजी वसीम के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू की जा रही है।
हादसा होते ही मच गई चीख-पुकार
गोंडा। जिस समय जर्जर मकान भरभराकर गिरा, उस वक्त आसपास के लोग या तो अपने काम पर जा चुके थे या अपने घर के भीतर थे। हादसा होते ही चीख-पुकार मची तो लोग एकत्र हो गए। हर कोई मलबे में फंसे लोगों के सकुशल निकलने के लिए दुआ कर रहा था। हालांकि राम प्रकाश को निकालने में करीब 40 मिनट का वक्त लग गया। ऐसे में उनकी मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मजदूरों ने कुछ ही घंटे पहले काम शुरू किया था। करीब 11:30 बजे मकान भरभराकर गिरने की आवाज सुनी तो पहले लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। मगर जब चीख-पुकार मच गई तब लोग घरों से बाहर आए। कुछ लोग किसी तरह से जर्जर मकान के अंदर दाखिल हुए। मलबा हटाने लगे। तीन मजदूरों को निकाल लिया गया। इसके बाद एक अन्य मजदूर के मलबे में दबे होने का पता चला। मौके पर पहुंची यूपी 112 की पीआरवी ने 12:16 बजे फायर कंट्रोल रूम में सूचना दी। इसके बाद दमकल के चार कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय पुलिस के जवान मौके पर पहुंच गए। मलबे में दबे मजदूर को निकालने का प्रयास शुरू किया। करीब 30 फीट ऊंचाई से गिरने के बाद सारा मलबा राम प्रकाश शर्मा के ऊपर ही गिर गया था। इस वजह से उन्हें कड़ी मशक्कत से निकाला जा सका, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी नीतेश शुक्ल ने बताया कि आसपास के लोगों की सुरक्षा को देखते हुए एसडीआरएफ टीम के साथ मिलकर मकान के जर्जर हिस्से को सुरक्षित तरीके से ढहा दिया गया है।
एक कॉल पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
संवाद न्यूज एजेंसीगोंडा। हैलो! सीएमओ मैडम, चुंगी नाका के पास राजेंद्रनगर में एक जर्जर मकान गिरने से कई लोग दब गए हैं। तत्काल एंबुलेंस भेजिए और अस्पताल में इमरजेंसी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराइए। यह संदेश सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा को दोपहर 12:19 बजे प्रशासनिक अफसरों से मिला। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट किया गया।सीएमओ ने एंबुलेंस की व्यवस्था करते हुए मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल प्रबंधक डॉ. रजनीश प्रताप सिंह व डॉ. दीक्षा द्विवेदी को बुलाकर इमरजेंसी में तत्काल इलाज की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया। 12:38 बजे एक एंबुलेंस से इंजमाम और साहिल को मेडिकल कॉलेज के वार्ड इमरजेंसी में लाया गया। दोनों को सिर व मुंह में चोटें आई थीं। 10 मिनट बाद गुलफाम को ई रिक्शा से लाया गया। उन्हें ज्यादा चोटें आई थीं। 01:25 बजे एक और व्यक्ति को लाया गया, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। ईएमओ डॉ. रविरंजन ने बताया कि तीनों घायलों की हालत सामान्य है। मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील, प्रभारी डीएम अंकिता जैन, एसपी विनीत जायसवाल व सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने भी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना।
एक-दूसरे से लिपटकर रोए मजदूर
गोंडा। नगर कोतवाली के मेवातियान राजेंद्र नगर में हादसे का मंजर मजदूर नहीं भुला पा रहे हैं। अस्पताल में एक-दूसरे को जीवित देखा तो लिपटकर रोने लगे। हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया। इसके बाद उपचार शुरू किया।
मौत के मुंह से खुदा ने बचा लिया
गोंडा। 11:30 बजे का वक्त रहा होगा। हम लोग छत तोड़ रहे थे। हम छत के ऊपर थे। वहां हथौड़ी सही कर रहे थे। उसी वक्त एकाएक छत भरभराकर गिरने लगी। आंखों के सामने चक्कर सा आ गया। नीचे जो लोग काम कर रहे थे, वह छत के मलबे से दब गए। हमने शोर मचाना शुरू किया। आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। दो सिपाही आ गए, दोनों ने बड़ी मेहनत की। हम सबने मिलकर मलबा हटाना शुरू किया। एक-एक करके लोगों को निकाला। बस खुदा ने मौत के मुंह से बचा लिया। यह कहना है ठेकेदार शफीक का। मजदूरों के साथ वह भी जर्जर मकान तोड़ रहे थे। मेडिकल काॅलेज में मिले शफीक की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे यह सब हो गया। वैसे स्थानीय लोगों ने बताया कि जर्जर मकान को दरवाजा बंद करके तोड़ा जा रहा था। उसी वक्त हादसा हुआ है। यह मकान गली में है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जर्जर मकान को गिराने का काम चार दिन से चल रहा था। इसके बाद भी न तो किसी मजदूर को हेलमेट दिया गया और न ही सुरक्षा के अन्य प्रबंध किए गए थे। यहां तक कि प्रशासन को भी जानकारी नहीं दी गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा खुद इस बात को मान रहे हैं कि जर्जर मकान को ढहाने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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इतना ही नहीं, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों को न तो कोई जानकारी दी गई और न ही किसी प्रकार की अनुमति ली गई। ऐसे में छत तोड़ते समय भरभराकर ढह गई, जिसके मलबे में दबकर उनके पति राम प्रकाश शर्मा की मौत हो गई।
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हादसे में राजा मोहल्ला नई बस्ती निवासी गुफरान (20), पठान मोहल्ला महराजगंज निवासी शाहिल खान (21) और इमामबाड़ा कांशीराम कॉलोनी निवासी इंजमाम (20) घायल हो गए। तीनों मजदूरों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है।
वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही फायरब्रिगेड व एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य किया। मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील, प्रभारी डीएम अंकिता जैन, एसपी विनीत जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष उज्मा राशिद, एडीएम आलोक कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा, सीओ सिटी आनंद कुमार राय आदि अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों से पूरे मामले की जानकारी हासिल की।
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मकान मालिक खलील और ठेकेदार शफीक व हाजी वसीम के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू की जा रही है।
हादसा होते ही मच गई चीख-पुकार
गोंडा। जिस समय जर्जर मकान भरभराकर गिरा, उस वक्त आसपास के लोग या तो अपने काम पर जा चुके थे या अपने घर के भीतर थे। हादसा होते ही चीख-पुकार मची तो लोग एकत्र हो गए। हर कोई मलबे में फंसे लोगों के सकुशल निकलने के लिए दुआ कर रहा था। हालांकि राम प्रकाश को निकालने में करीब 40 मिनट का वक्त लग गया। ऐसे में उनकी मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मजदूरों ने कुछ ही घंटे पहले काम शुरू किया था। करीब 11:30 बजे मकान भरभराकर गिरने की आवाज सुनी तो पहले लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। मगर जब चीख-पुकार मच गई तब लोग घरों से बाहर आए। कुछ लोग किसी तरह से जर्जर मकान के अंदर दाखिल हुए। मलबा हटाने लगे। तीन मजदूरों को निकाल लिया गया। इसके बाद एक अन्य मजदूर के मलबे में दबे होने का पता चला। मौके पर पहुंची यूपी 112 की पीआरवी ने 12:16 बजे फायर कंट्रोल रूम में सूचना दी। इसके बाद दमकल के चार कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय पुलिस के जवान मौके पर पहुंच गए। मलबे में दबे मजदूर को निकालने का प्रयास शुरू किया। करीब 30 फीट ऊंचाई से गिरने के बाद सारा मलबा राम प्रकाश शर्मा के ऊपर ही गिर गया था। इस वजह से उन्हें कड़ी मशक्कत से निकाला जा सका, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी नीतेश शुक्ल ने बताया कि आसपास के लोगों की सुरक्षा को देखते हुए एसडीआरएफ टीम के साथ मिलकर मकान के जर्जर हिस्से को सुरक्षित तरीके से ढहा दिया गया है।
एक कॉल पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
संवाद न्यूज एजेंसीगोंडा। हैलो! सीएमओ मैडम, चुंगी नाका के पास राजेंद्रनगर में एक जर्जर मकान गिरने से कई लोग दब गए हैं। तत्काल एंबुलेंस भेजिए और अस्पताल में इमरजेंसी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराइए। यह संदेश सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा को दोपहर 12:19 बजे प्रशासनिक अफसरों से मिला। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट किया गया।सीएमओ ने एंबुलेंस की व्यवस्था करते हुए मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल प्रबंधक डॉ. रजनीश प्रताप सिंह व डॉ. दीक्षा द्विवेदी को बुलाकर इमरजेंसी में तत्काल इलाज की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया। 12:38 बजे एक एंबुलेंस से इंजमाम और साहिल को मेडिकल कॉलेज के वार्ड इमरजेंसी में लाया गया। दोनों को सिर व मुंह में चोटें आई थीं। 10 मिनट बाद गुलफाम को ई रिक्शा से लाया गया। उन्हें ज्यादा चोटें आई थीं। 01:25 बजे एक और व्यक्ति को लाया गया, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। ईएमओ डॉ. रविरंजन ने बताया कि तीनों घायलों की हालत सामान्य है। मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील, प्रभारी डीएम अंकिता जैन, एसपी विनीत जायसवाल व सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने भी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना।
एक-दूसरे से लिपटकर रोए मजदूर
गोंडा। नगर कोतवाली के मेवातियान राजेंद्र नगर में हादसे का मंजर मजदूर नहीं भुला पा रहे हैं। अस्पताल में एक-दूसरे को जीवित देखा तो लिपटकर रोने लगे। हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें वहां से हटाया। इसके बाद उपचार शुरू किया।
मौत के मुंह से खुदा ने बचा लिया
गोंडा। 11:30 बजे का वक्त रहा होगा। हम लोग छत तोड़ रहे थे। हम छत के ऊपर थे। वहां हथौड़ी सही कर रहे थे। उसी वक्त एकाएक छत भरभराकर गिरने लगी। आंखों के सामने चक्कर सा आ गया। नीचे जो लोग काम कर रहे थे, वह छत के मलबे से दब गए। हमने शोर मचाना शुरू किया। आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। दो सिपाही आ गए, दोनों ने बड़ी मेहनत की। हम सबने मिलकर मलबा हटाना शुरू किया। एक-एक करके लोगों को निकाला। बस खुदा ने मौत के मुंह से बचा लिया। यह कहना है ठेकेदार शफीक का। मजदूरों के साथ वह भी जर्जर मकान तोड़ रहे थे। मेडिकल काॅलेज में मिले शफीक की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे यह सब हो गया। वैसे स्थानीय लोगों ने बताया कि जर्जर मकान को दरवाजा बंद करके तोड़ा जा रहा था। उसी वक्त हादसा हुआ है। यह मकान गली में है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जर्जर मकान को गिराने का काम चार दिन से चल रहा था। इसके बाद भी न तो किसी मजदूर को हेलमेट दिया गया और न ही सुरक्षा के अन्य प्रबंध किए गए थे। यहां तक कि प्रशासन को भी जानकारी नहीं दी गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा खुद इस बात को मान रहे हैं कि जर्जर मकान को ढहाने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। मामले में कार्रवाई की जाएगी।