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Gonda News: चांदी के सिक्के लूटने में पीएसी जवान व पांच अन्य गिरफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:58 PM IST
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गोंडा के एसपी कार्यालय में गिरफ्तार आरोपी। - संवाद
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गोंडा। देहात कोतवाली क्षेत्र में एसटीएफ अधिकारी बनकर चांदी के सिक्कों से भरा कलश लूटने की घटना का शनिवार को पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने 35वीं बटालियन पीएसी लखनऊ में तैनात सिपाही आलोक शुक्ल समेत छह अभियुुक्तों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से वारदात में प्रयुक्त कार, कलश, चांदी के 431 सिक्के व पुलिसकर्मियों के दो पहचान पत्र बरामद हुए हैं।
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि 18 दिसंबर को उपेंद्र सिंह उर्फ उपेंद्र बाबा निवासी परमेश्वरपुर थाना दावथ, रोहतास, बिहार ने देहात कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाबा ने बताया था कि वह बाबाकुटी ठकुरापुर में महंत धर्मदास व संजयदास के साथ रहते हैं। बाबा कुटी में मंदिर निर्माण के लिए 17 दिसंबर को जेसीबी से खोदाई कराई जा रही थी। तभी चांदी के सिक्कों से भरा कलश मिला। जिसमें चांदी के 509 सिक्के थे। नौ सिक्के अलग करके उन्होंने 500 सिक्कों को कलश समेत दान पेटी में रख दिया। देर शाम जब वह सब्जी लेने के लिए जाने लगे तो कलश को साथ ले गए थे। रास्ते में बालपुर जाट पट्रोल पंप के पास कार सवार लोगोंं ने उनकी गाड़ी रोक ली। बताया कि वह सभी एटीएफ के अधिकारी हैं, जांच के नाम पर धमकाते हुए जबरन कलश लेकर भाग गए।
एसपी ने बताया कि धरपकड़ के लिए एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत के निर्देशन में देहात कोतवाली के इंस्पेक्टर शमशेर बहादुर सिंह व एसएसआई कमल शंकर की टीम लगाई गई थी। टीम ने शनिवार को नगर कोतवाली के बुधईपुरवा पूरे शिवाबख्तावर निवासी आलोक शुक्ल उर्फ सुधीर, त्रिलोकी पांडेय, देहात कोतवाली के केशवजोत बालपुर जाट निवासी जेसीबी चालक हरिओम दूबे, देहात कोतवाली के चांदपुर टेपरा निवासी प्रिंस मिश्र, नगर कोतवाली के शांतिपुरम कॉलोनी झंझरी ब्लॉक निवासी राहुल यादव उर्फ बबलू और नगर कोतवाली के करनीपुर हारीपुर निवासी मनाेज मिश्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी आलोक शुक्ल 35वीं वाहिनी पीएससी लखनऊ में सिपाही है। एसपी ने बताया कि वारदात में आठ लोग शामिल थे। इनमें से प्रदीप तिवारी व गोलू तिवारी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। आरोपी प्रदीप तिवारी पीआरडी जवान है।
जेसीबी चालक ने रची थी साजिश
एसपी के मुताबिक जेसीबी चालक हरिओम दूबे ने पूछताछ में बताया कि वह सभी आपस में दोस्त हैं। खोदाई करते समय जब उसने चांदी के सिक्कों से भरा कलश देखा तो लालच में आकर साथियों संग मिलकर कलश हथियाने की साजिश रची। इसके बाद साथियों संग कार से पेट्रोलपंप के पास पहुंचा। वह दूर खड़ा रहा और साथियों ने बाबा की गाड़ी रुकवाकर खुद को एसटीएफ का अधिकारी बताते हुए फर्जी पहचान पत्र दिखाए। इसके बाद धमकाकर कलश लेने के बाद त्रिलोकी पांडेय की गाड़ी में बैठकर भाग निकले। पकड़े गए पीएसी के जवान आलोक शुक्ल उर्फ सुधीर का साथी व पीआरडी प्रदीप तिवारी बुधई पुरवा का रहने वाला है। वारदात के समय प्रदीप अपनी वर्दी पहने था।
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एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि 18 दिसंबर को उपेंद्र सिंह उर्फ उपेंद्र बाबा निवासी परमेश्वरपुर थाना दावथ, रोहतास, बिहार ने देहात कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाबा ने बताया था कि वह बाबाकुटी ठकुरापुर में महंत धर्मदास व संजयदास के साथ रहते हैं। बाबा कुटी में मंदिर निर्माण के लिए 17 दिसंबर को जेसीबी से खोदाई कराई जा रही थी। तभी चांदी के सिक्कों से भरा कलश मिला। जिसमें चांदी के 509 सिक्के थे। नौ सिक्के अलग करके उन्होंने 500 सिक्कों को कलश समेत दान पेटी में रख दिया। देर शाम जब वह सब्जी लेने के लिए जाने लगे तो कलश को साथ ले गए थे। रास्ते में बालपुर जाट पट्रोल पंप के पास कार सवार लोगोंं ने उनकी गाड़ी रोक ली। बताया कि वह सभी एटीएफ के अधिकारी हैं, जांच के नाम पर धमकाते हुए जबरन कलश लेकर भाग गए।
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एसपी ने बताया कि धरपकड़ के लिए एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत के निर्देशन में देहात कोतवाली के इंस्पेक्टर शमशेर बहादुर सिंह व एसएसआई कमल शंकर की टीम लगाई गई थी। टीम ने शनिवार को नगर कोतवाली के बुधईपुरवा पूरे शिवाबख्तावर निवासी आलोक शुक्ल उर्फ सुधीर, त्रिलोकी पांडेय, देहात कोतवाली के केशवजोत बालपुर जाट निवासी जेसीबी चालक हरिओम दूबे, देहात कोतवाली के चांदपुर टेपरा निवासी प्रिंस मिश्र, नगर कोतवाली के शांतिपुरम कॉलोनी झंझरी ब्लॉक निवासी राहुल यादव उर्फ बबलू और नगर कोतवाली के करनीपुर हारीपुर निवासी मनाेज मिश्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी आलोक शुक्ल 35वीं वाहिनी पीएससी लखनऊ में सिपाही है। एसपी ने बताया कि वारदात में आठ लोग शामिल थे। इनमें से प्रदीप तिवारी व गोलू तिवारी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। आरोपी प्रदीप तिवारी पीआरडी जवान है।
जेसीबी चालक ने रची थी साजिश
एसपी के मुताबिक जेसीबी चालक हरिओम दूबे ने पूछताछ में बताया कि वह सभी आपस में दोस्त हैं। खोदाई करते समय जब उसने चांदी के सिक्कों से भरा कलश देखा तो लालच में आकर साथियों संग मिलकर कलश हथियाने की साजिश रची। इसके बाद साथियों संग कार से पेट्रोलपंप के पास पहुंचा। वह दूर खड़ा रहा और साथियों ने बाबा की गाड़ी रुकवाकर खुद को एसटीएफ का अधिकारी बताते हुए फर्जी पहचान पत्र दिखाए। इसके बाद धमकाकर कलश लेने के बाद त्रिलोकी पांडेय की गाड़ी में बैठकर भाग निकले। पकड़े गए पीएसी के जवान आलोक शुक्ल उर्फ सुधीर का साथी व पीआरडी प्रदीप तिवारी बुधई पुरवा का रहने वाला है। वारदात के समय प्रदीप अपनी वर्दी पहने था।
