ठप सर्जरी, पत्राचार में अफसर व्यस्त


जिला अस्पताल में तीन महीने से सर्जरी ठप होने के कगार पर है। एकलौते एनेस्थीसिया डॉ. एचआर यादव है, जिनके पास एसआईसी का कार्यभार भी है। अब खुद के प्रशासनिक काम से खाली होने के बाद ही वह सर्जरी कराने जाते हैं। अस्पताल में छह दिन के बजाए सर्जरी दो से तीन दिन सिमटकर रह गई है। इन सब के बीच बीते दिनों मंत्री के सामने भी यह मुद्दा उठा। जिस पर एसआईसी और सीएमओ ने बीते दिनों भेजे गए पत्र के हवाले से पूरी जानकारी दी।
एसआईसी डॉ. एचआर यादव ने यहां तक बोला था कि प्रमुख सचिव के आने पर एनेस्थीसिया डॉक्टर न होने की जानकारी दी गई थी। जिस पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज में ईएमओ के पद पर तैनात एक डॉक्टर को जिला अस्पताल भेजने का भी आदेश दिया था और उसी जगह जिला अस्पताल से एक डॉक्टर को ईएमओ बनाना था। जिला अस्पताल की ओर से ईएमओ बनाने के लिए एक डॉक्टर का नाम भी भेजा गया मगर आधा अधूरा ही आदेश हुआ। मेडिकल से एक डॉक्टर के तैनाती का तो आदेश हो गया मगर वहां पर उनकी जगह पर जिस डॉक्टर को तैनात करना था उसका आदेश ही नहीं हुआ, जिस वजह से प्राचार्य उन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं।
यह लिखा है पत्र में
एडी हेल्थ डॉ. आरके तिवारी ने प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में लिखा है कि जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर की उपलब्धता के लिए आदेश किए गए हैं। 28 सितंबर को ही सीएमओ के अधीन तैनात डॉ. उपेंद्र चौधरी को बतौर एनेस्थीसिया विशेषज्ञ जिला अस्पताल से संबद्ध करने का आदेश दिया गया। फिर मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. चंद्रदेव 13 अक्तूबर को जिला अस्पताल से संबद्ध करने का आदेश जारी किया गया। इसके बावजूद दोनों अधिकारी भ्रामक सूचना दे रहे हैं। उन्होंने पत्र के साथ आदेशों की छायाप्रति भी भेजी है।
जिला अस्पताल के एसआईसी खुद एनेस्थीसिया के डॉक्टर हैं। वह अपना काम नहीं करना चाहते, इस लिए गलत प्रचार कर रहे हैं। सही जानकारी शासन तक पहुंच सके इसके लिए पत्र लिखा हूं
डॉ. आरके तिवारी, एडी हेल्थ
मैंने कोई गलत सूचना नहीं दी। मैंने मरीज हित में मंत्री को सही जानकारी दी है। दो महीने पहले प्रमुख सचिव ने आदेश दिया था मगर उनके भी आदेश को नजरअंदाज कर दिया गया। जिस वजह से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अधूरा आदेश होने की वजह से आज तक डॉक्टर नहीं आ सके। जबकि डॉ. चंद्रदेव की जगह पर दूसरे ईएमओ के तैनाती के लिए नाम प्रमुख सचिव के आदेश के बाद ही भेज दिया गया था।
डॉ. एचआर यादव, एसआईसी