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मेले की तैयारी शुरू होने से किसान फसल काटने को मजबूर
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मेले की तैयारी शुरू होने से किसान फसल काटने को मजबूर
गढ़मुक्तेश्वर। कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर प्रशासन और जिला पंचायत ने तैयारी शुरू कर दी हैं। इसे लेकर सबसे पहले खेतों में खड़ी गन्ने की फसल कटवाने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया है। प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश के बाद मेला स्थल पर गन्ने की कटाई चालू हो गई है, लेकिन सिंभावली शुगर मिल का पेराई सत्र चालू न होने से किसानों को सस्ते दामों पर गन्ना क्रेशरों व कोल्हुओं पर डालना पड़ रहा है। पहले से आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को और नुकसान होगा।
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन नौ से 21 नवंबर तक होगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने और बारिश के कारण मेला आयोजन से जुड़ी तैयारियां काफी पिछड़ चुकी हैं। जलस्तर कम होने के बाद खेतों से भी पानी कम होना शुरू हो गया है। मेला आयोजन की तैयारियों में कम समय होने के चलते डीएम अनुज सिंह ने खेतों में खड़ी गन्ने की फसल तेजी से कटवाने का निर्देश दिया है इसलिए किसानों ने फसल काटना शुरू कर दिया है।
मेला आयोजन के लिए खादर क्षेत्र की हजारों बीघा भूमि पर खड़ी फसल को जल्द से जल्द काटने के लिए प्रशासन द्वारा किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है। मगर सिंभावली शुगर मिल का पेराई सत्र चालू नहीं हुआ है। इस कारण मेला क्षेत्र के किसानों को अपनी गन्ने की फसल कोल्हुओं व क्रेशरों पर डालना मजबूरी बन गई है। किसान चंद्रपाल, रमेश, दयाचंद, राधे का कहना है कि पहले से ही आर्थिक तंगी है, ऐसे में गन्ना भी सस्ते दामों पर ही बेचना पड़ रहा है।
- 8 नवंबर से होगा मिल का पेराई सत्र चालू
सिंभावली शुगर मिल के सीजीएम करन सिंह का कहना है कि पहले 28 अक्तूबर से पेराई सत्र चालू करने की योजना थी। मगर पिछले दिनों हुई बारिश से तैयारी बाधित हो गई। अब दीवाली के बाद 8 नवंबर से पेराई सत्र चालू हो पाएगा। तभी मिल गन्ना खरीदने की स्थिति में होगी। संवाद
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गढ़मुक्तेश्वर। कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर प्रशासन और जिला पंचायत ने तैयारी शुरू कर दी हैं। इसे लेकर सबसे पहले खेतों में खड़ी गन्ने की फसल कटवाने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया है। प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश के बाद मेला स्थल पर गन्ने की कटाई चालू हो गई है, लेकिन सिंभावली शुगर मिल का पेराई सत्र चालू न होने से किसानों को सस्ते दामों पर गन्ना क्रेशरों व कोल्हुओं पर डालना पड़ रहा है। पहले से आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को और नुकसान होगा।
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन नौ से 21 नवंबर तक होगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने और बारिश के कारण मेला आयोजन से जुड़ी तैयारियां काफी पिछड़ चुकी हैं। जलस्तर कम होने के बाद खेतों से भी पानी कम होना शुरू हो गया है। मेला आयोजन की तैयारियों में कम समय होने के चलते डीएम अनुज सिंह ने खेतों में खड़ी गन्ने की फसल तेजी से कटवाने का निर्देश दिया है इसलिए किसानों ने फसल काटना शुरू कर दिया है।
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मेला आयोजन के लिए खादर क्षेत्र की हजारों बीघा भूमि पर खड़ी फसल को जल्द से जल्द काटने के लिए प्रशासन द्वारा किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है। मगर सिंभावली शुगर मिल का पेराई सत्र चालू नहीं हुआ है। इस कारण मेला क्षेत्र के किसानों को अपनी गन्ने की फसल कोल्हुओं व क्रेशरों पर डालना मजबूरी बन गई है। किसान चंद्रपाल, रमेश, दयाचंद, राधे का कहना है कि पहले से ही आर्थिक तंगी है, ऐसे में गन्ना भी सस्ते दामों पर ही बेचना पड़ रहा है।
- 8 नवंबर से होगा मिल का पेराई सत्र चालू
सिंभावली शुगर मिल के सीजीएम करन सिंह का कहना है कि पहले 28 अक्तूबर से पेराई सत्र चालू करने की योजना थी। मगर पिछले दिनों हुई बारिश से तैयारी बाधित हो गई। अब दीवाली के बाद 8 नवंबर से पेराई सत्र चालू हो पाएगा। तभी मिल गन्ना खरीदने की स्थिति में होगी। संवाद