{"_id":"691f5cac1cde6b9e690e03ec","slug":"irregularities-found-in-development-works-worth-lakhs-hapur-news-c-135-1-hpr1005-133088-2025-11-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hapur News: लाखों के विकास कार्यों में मिली अनियमितता, पंचायत सचिवों को नोटिस जारी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hapur News: लाखों के विकास कार्यों में मिली अनियमितता, पंचायत सचिवों को नोटिस जारी
विज्ञापन
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
हापुड़। गांवों में 15 लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों में ऑडिट के दौरान अनियमितता मिली है। इस पर चार तत्कालीन पंचायत सचिवों और कुछ ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के तीन और वर्ष 2017-18 के एक मामले में यह कार्रवाई की गई है। तीन दिन में नोटिस का जवाब नहीं देने पर संबंधितों का नवंबर का वेतन रोका जाएगा। साथ ही संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वसूली होगी।
गढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत झड़ीना, रामपुर न्यातपुर, हैदरपुर में वित्तीय वर्ष 2017-18 में लाखों रुपये से विकास कार्य हुए थे। उस समय पंचायत सचिव के पद पर अशोक कुमार तैनात थे। पदोन्नति के बाद से अशोक कुमार अमेठी में तैनात हैं। ऑडिट में सामने आया कि बिलों में विकास कार्य के फोटो, बाउचर तक नहीं लगाए गए और भुगतान हो गया। इस पर उन्हें और संबंधित तत्कालीन प्रधानों को भी नोटिस जारी हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में गांव भटैल में तत्कालीन पंचायत सचिव संजय कुमार, गांव सपनावत व सौलाना में तत्कालीन पंचायत सचिव आकाशदीप और सुशील कुमार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों में भी इसी प्रकार की अनियमितताएं मिली हैं, जबकि बिलों का भुगतान हो चुका है। इन सभी को भी नोटिस जारी हुए हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी शिव विहारी शुक्ला ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक के लंबित ऑडिट के मामलों में संबंधित पंचायत सचिवों और प्रधानों को दस्तावेज तीन दिन में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। चार तत्कालीन पंचायत सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी किए हैं।
वित्तीय वर्ष 2012-13 के 40 विकास कार्यों के मामलों में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी को ऑडिट के नोटिस के बाद दस्तावेज सौंपे गए हैं। 13 विकास कार्यों में जवाब संतोषजनक है और 27 मामलों में अभी जांच आख्या नहीं मिली है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2013-14 के नौ विकास कार्याें के मामले में चार के जवाब संतोषजनक और दो के आंशिक रूप से संतोषजनक बताए गए हैं। इन दोनों विकास कार्यों की समीक्षा अभी जारी है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के छह मामलों में जांच जारी है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2016-17 के छह प्रकरणों में दो के जवाब संतोषजनक और चार में दस्तावेज कार्यालय में अब जमा हुए हैं। इनकी भी जांच शुरू कराई गई है। कुछ मामलों में समीक्षा रिपोर्ट के बाद संबंधित तत्कालीन सचिवों को पुनः अभिलेख जमा करने के आदेश दिए गए हैं। जिससे कि इन प्रकरणों में भी स्थिति साफ हो सके।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 के कुल 30 मामलों में से 27 में समीक्षा के लिए अभिलेख जिला लेखा परीक्षा कार्यालय में जमा किए गए हैं। इसमें से पांच मामलों में जवाब संतोषजनक और 22 की समीक्षा जारी है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2018-19 के 17 मामलों में से 14 में जांच जारी है। तीन गांवों के विकास कार्यों के मामलों में तैनात तत्कालीन सचिवों/प्रधानों को नोटिस जारी हुए हैं।
बैठक में दी सख्त हिदायत
इस मामले में बीते सोमवार को विकास भवन स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी शिव विहारी शुक्ला के कार्यालय में बैठक हुई थी, इसमें वित्तीय वर्ष 2012-13 से वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक जिले की ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षा (ऑडिट) के उपरांत प्राप्त लंबित ऑडिट के मामलों के निस्तारण को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी विमलचंद शर्मा, सहायक विकास अधिकारी हापुड़ शिवम पाण्डेय, सहायक विकास अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर अमित कुमार, सहायक विकास अधिकारी धौलाना गुरूविंदर, ग्राम पंचायत अधिकारी श्यामसुंदर आदि मौजूद रहे। बैठक में ऑडिट के मामलों के निस्तारण के लिए संबंधित दस्तावेज पूरे करने को लेकर हिदायत दी गई।
ऑडिट में पकड़ में आ रहा मामला
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के बाद पंचायत सचिवों ने लाखों रुपये का भुगतान तो कर दिया, लेकिन इन विकास कार्यों के दस्तावेज नहीं सौंपे। वित्तीय वर्षों के ऑडिट में यह मामला पकड़ में आ रहा है। विभाग की ओर से कराए गए विकास कार्यों के ऑडिट में आपत्ति आने पर अब कार्रवाई हुई है। यह लाखों रुपये स्वच्छता कार्यक्रम सहित अन्य विकास कार्यों पर खर्च हुए हैं, जिसमें शौचालय, नाली सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का भुगतान किया गया है। भुगतान की गई धनराशि के सदुपयोग की आख्या विभाग को सौंपी जाती है। इसका विभागीय स्तर पर वार्षिक ऑडिट होता है।
Trending Videos
हापुड़। गांवों में 15 लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों में ऑडिट के दौरान अनियमितता मिली है। इस पर चार तत्कालीन पंचायत सचिवों और कुछ ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के तीन और वर्ष 2017-18 के एक मामले में यह कार्रवाई की गई है। तीन दिन में नोटिस का जवाब नहीं देने पर संबंधितों का नवंबर का वेतन रोका जाएगा। साथ ही संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वसूली होगी।
गढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत झड़ीना, रामपुर न्यातपुर, हैदरपुर में वित्तीय वर्ष 2017-18 में लाखों रुपये से विकास कार्य हुए थे। उस समय पंचायत सचिव के पद पर अशोक कुमार तैनात थे। पदोन्नति के बाद से अशोक कुमार अमेठी में तैनात हैं। ऑडिट में सामने आया कि बिलों में विकास कार्य के फोटो, बाउचर तक नहीं लगाए गए और भुगतान हो गया। इस पर उन्हें और संबंधित तत्कालीन प्रधानों को भी नोटिस जारी हुआ है।
विज्ञापन
विज्ञापन
वित्तीय वर्ष 2018-19 में गांव भटैल में तत्कालीन पंचायत सचिव संजय कुमार, गांव सपनावत व सौलाना में तत्कालीन पंचायत सचिव आकाशदीप और सुशील कुमार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों में भी इसी प्रकार की अनियमितताएं मिली हैं, जबकि बिलों का भुगतान हो चुका है। इन सभी को भी नोटिस जारी हुए हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी शिव विहारी शुक्ला ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक के लंबित ऑडिट के मामलों में संबंधित पंचायत सचिवों और प्रधानों को दस्तावेज तीन दिन में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। चार तत्कालीन पंचायत सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी किए हैं।
वित्तीय वर्ष 2012-13 के 40 विकास कार्यों के मामलों में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी को ऑडिट के नोटिस के बाद दस्तावेज सौंपे गए हैं। 13 विकास कार्यों में जवाब संतोषजनक है और 27 मामलों में अभी जांच आख्या नहीं मिली है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2013-14 के नौ विकास कार्याें के मामले में चार के जवाब संतोषजनक और दो के आंशिक रूप से संतोषजनक बताए गए हैं। इन दोनों विकास कार्यों की समीक्षा अभी जारी है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के छह मामलों में जांच जारी है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2016-17 के छह प्रकरणों में दो के जवाब संतोषजनक और चार में दस्तावेज कार्यालय में अब जमा हुए हैं। इनकी भी जांच शुरू कराई गई है। कुछ मामलों में समीक्षा रिपोर्ट के बाद संबंधित तत्कालीन सचिवों को पुनः अभिलेख जमा करने के आदेश दिए गए हैं। जिससे कि इन प्रकरणों में भी स्थिति साफ हो सके।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 के कुल 30 मामलों में से 27 में समीक्षा के लिए अभिलेख जिला लेखा परीक्षा कार्यालय में जमा किए गए हैं। इसमें से पांच मामलों में जवाब संतोषजनक और 22 की समीक्षा जारी है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2018-19 के 17 मामलों में से 14 में जांच जारी है। तीन गांवों के विकास कार्यों के मामलों में तैनात तत्कालीन सचिवों/प्रधानों को नोटिस जारी हुए हैं।
बैठक में दी सख्त हिदायत
इस मामले में बीते सोमवार को विकास भवन स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी शिव विहारी शुक्ला के कार्यालय में बैठक हुई थी, इसमें वित्तीय वर्ष 2012-13 से वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक जिले की ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षा (ऑडिट) के उपरांत प्राप्त लंबित ऑडिट के मामलों के निस्तारण को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी विमलचंद शर्मा, सहायक विकास अधिकारी हापुड़ शिवम पाण्डेय, सहायक विकास अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर अमित कुमार, सहायक विकास अधिकारी धौलाना गुरूविंदर, ग्राम पंचायत अधिकारी श्यामसुंदर आदि मौजूद रहे। बैठक में ऑडिट के मामलों के निस्तारण के लिए संबंधित दस्तावेज पूरे करने को लेकर हिदायत दी गई।
ऑडिट में पकड़ में आ रहा मामला
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के बाद पंचायत सचिवों ने लाखों रुपये का भुगतान तो कर दिया, लेकिन इन विकास कार्यों के दस्तावेज नहीं सौंपे। वित्तीय वर्षों के ऑडिट में यह मामला पकड़ में आ रहा है। विभाग की ओर से कराए गए विकास कार्यों के ऑडिट में आपत्ति आने पर अब कार्रवाई हुई है। यह लाखों रुपये स्वच्छता कार्यक्रम सहित अन्य विकास कार्यों पर खर्च हुए हैं, जिसमें शौचालय, नाली सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का भुगतान किया गया है। भुगतान की गई धनराशि के सदुपयोग की आख्या विभाग को सौंपी जाती है। इसका विभागीय स्तर पर वार्षिक ऑडिट होता है।