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Hapur News: 800 करोड़ के नलकूप बिल संशोधन के लिए दो दिन खुला रहेगा पोर्टल, आवेदन करें किसान
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संवाद न्यूज एजेंसी
हापुड़। नलकूप बिलों में 800 करोड़ की देनदारी को संशोधित करने के लिए ऊर्जा निगम ने दो दिन के लिए पोर्टल खोल दिया है। किसान 22 नवंबर तक आवेदन कर अपने दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करा सकेंगे। आवेदन करने वाले किसानों के ही बिलों को संशोधित किया जाएगा।
दरअसल, ऊर्जा निगम में वर्ष 1995 से 2004 के बीच नलकूप बिलों में करोड़ों का घोटाला कर दिया गया था। यह राशि बढ़कर अब 800 करोड़ के पार पहुंच गई है। घोटाले की राशि किसानों के बिलों में जुड़कर आ रही है, जिस कारण किसान परेशान हैं। बिलों में पांच से दस लाख रुपये तक भी जुड़कर आ रहे हैं।
दो दशक पहले इस प्रकरण की जांच शुरू हुई थी, लेकिन रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण जांच निष्क्रिष रही। ऊर्जा निगम की ओर से पहली बार अधिकारिक तौर पर पोर्टल लांच किया गया है। चार नवंबर को पोर्टल खोला गया था। इस पर 18 नवंबर तक आवेदन किए जाने थे, लेकिन पहले चरण में पोर्टल पर सिर्फ 300 से 400 किसानों ने ही आवेदन किया। इसमें भी अधिकांश के आवेदन अधूरे हैं।
अब किसानों की मांग पर ऊर्जा निगम द्वारा 22 नवंबर तक के लिए पोर्टल फिर से खोला गया है। किसान 1995 से 2004 के बीच की जमा बिलों की रसीद या एंट्री बुक, उत्तराधिकारी पत्र, शपथ पत्र आदि अपलोड करा सकेंगे। आवेदनों को अधिकारी संज्ञान लेकर बिगड़े बिलों को संशोधित करेंगे।
नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली को लेकर भी किसान परेशान
इन दिनों शासन के आदेश पर किसानों को नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली मिल रही है। लेकिन शासनादेश पर गौर करें तो जिन नलकूपों पर मीटर लगा है, उनके ही एक निर्धारित रीडिंग तक छूट का प्रावधान है। लेकिन ऊर्जा निगम के अधिकारी न तो किसानों को इस बारे में समझा पा रहे हैं और न ही बिल जमा करने के लिए कह रहे हैं। ऐसे में किसान भी असमंजस में हैं कि जिस तरह नलकूप बिल घोटाला कर उनके बिलों में पैसा जोड़ दिया गया है। वैसे ही मुफ्त बिजली की रीडिंग उनके बिलों में न जुड़कर आ जाए।
जनप्रतिनिधियों ने भेजा है पत्र
किसान शुरूआत से ही शपथ पत्र का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों ने भी अपने माध्यम से पत्र लिखकर, किसानों को इस शर्त से राहत दिलाने को कहा है। पोर्टल भी लंबी अवधि के लिए खोलने के संबंध में अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल ने बताया कि नलकूप बिलों के संशोधन को लेकर पोर्टल 22 नवंबर तक खोला गया है। जिन किसानों ने आवेदन नहीं किया है वह समय से आवेदन कर दें, ताकि उनके बिल संशोधित हो सकें।
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हापुड़। नलकूप बिलों में 800 करोड़ की देनदारी को संशोधित करने के लिए ऊर्जा निगम ने दो दिन के लिए पोर्टल खोल दिया है। किसान 22 नवंबर तक आवेदन कर अपने दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करा सकेंगे। आवेदन करने वाले किसानों के ही बिलों को संशोधित किया जाएगा।
दरअसल, ऊर्जा निगम में वर्ष 1995 से 2004 के बीच नलकूप बिलों में करोड़ों का घोटाला कर दिया गया था। यह राशि बढ़कर अब 800 करोड़ के पार पहुंच गई है। घोटाले की राशि किसानों के बिलों में जुड़कर आ रही है, जिस कारण किसान परेशान हैं। बिलों में पांच से दस लाख रुपये तक भी जुड़कर आ रहे हैं।
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दो दशक पहले इस प्रकरण की जांच शुरू हुई थी, लेकिन रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण जांच निष्क्रिष रही। ऊर्जा निगम की ओर से पहली बार अधिकारिक तौर पर पोर्टल लांच किया गया है। चार नवंबर को पोर्टल खोला गया था। इस पर 18 नवंबर तक आवेदन किए जाने थे, लेकिन पहले चरण में पोर्टल पर सिर्फ 300 से 400 किसानों ने ही आवेदन किया। इसमें भी अधिकांश के आवेदन अधूरे हैं।
अब किसानों की मांग पर ऊर्जा निगम द्वारा 22 नवंबर तक के लिए पोर्टल फिर से खोला गया है। किसान 1995 से 2004 के बीच की जमा बिलों की रसीद या एंट्री बुक, उत्तराधिकारी पत्र, शपथ पत्र आदि अपलोड करा सकेंगे। आवेदनों को अधिकारी संज्ञान लेकर बिगड़े बिलों को संशोधित करेंगे।
नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली को लेकर भी किसान परेशान
इन दिनों शासन के आदेश पर किसानों को नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली मिल रही है। लेकिन शासनादेश पर गौर करें तो जिन नलकूपों पर मीटर लगा है, उनके ही एक निर्धारित रीडिंग तक छूट का प्रावधान है। लेकिन ऊर्जा निगम के अधिकारी न तो किसानों को इस बारे में समझा पा रहे हैं और न ही बिल जमा करने के लिए कह रहे हैं। ऐसे में किसान भी असमंजस में हैं कि जिस तरह नलकूप बिल घोटाला कर उनके बिलों में पैसा जोड़ दिया गया है। वैसे ही मुफ्त बिजली की रीडिंग उनके बिलों में न जुड़कर आ जाए।
जनप्रतिनिधियों ने भेजा है पत्र
किसान शुरूआत से ही शपथ पत्र का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों ने भी अपने माध्यम से पत्र लिखकर, किसानों को इस शर्त से राहत दिलाने को कहा है। पोर्टल भी लंबी अवधि के लिए खोलने के संबंध में अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल ने बताया कि नलकूप बिलों के संशोधन को लेकर पोर्टल 22 नवंबर तक खोला गया है। जिन किसानों ने आवेदन नहीं किया है वह समय से आवेदन कर दें, ताकि उनके बिल संशोधित हो सकें।