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Hardoi News: एमएलसी निधि में बिना लाइटें लगवाए ही काम पूरा दिखा दिया
संवाद न्यूज एजेंसी, हरदोई
Updated Thu, 08 May 2025 11:24 PM IST
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प्रहलादखेड़ा गांव में एमएलसी निधि से स्थापित हाईमास्ट लाइट। संवाद
- फोटो : प्रहलादखेड़ा गांव में एमएलसी निधि से स्थापित हाईमास्ट लाइट। संवाद

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खास खबर का लोगो :
फोटो 24 : प्रहलादखेड़ा गांव में एमएलसी निधि से स्थापित हाईमास्ट लाइट। संवाद
- विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल की निधि से दो स्थानों पर लगनी थीं लाइटें
- सीडीओ ने कार्यदायी संस्था यूपीएसआईसी पर की कार्रवाई, भुगतान में चार लाख रुपये काटे
अनूप श्रीवास्तव
हरदोई। और तो और यहां तो जनप्रतिनिधियों की निधि के कामों में ही कार्यदायी संस्था ने मनमानी कर दी। बिना लाइटें लगवाए ही काम पूरा दिखा दिया। विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल की निधि से दो प्रस्तावों पर स्वीकृत 28 लाइटों में से एक लाइट नहीं लगी मिली, जबकि एक अन्य हाईमास्ट लाइट में छह के स्थान पर तीन लाइटें ही लगवाई गई हैं।
जनप्रतिनिधियों की निधि से उनके प्रस्ताव पर ही हाईमास्ट और सेमी हाईमास्ट और एक लाइटें लगवाई जा रही हैं। जनप्रतिनिधि के प्रस्ताव पर ही कार्यदायी संस्था को काम भी मिलता है। विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल के एक प्रस्ताव पर 14 दूसरे प्रस्ताव पर 14 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना को स्वीकृति दी गई।
मॉडल इस्टीमेट के अनुसार 110-130 वाट की छह लाइट वाली हाईमास्ट लाइट के लिए 1,25,000 रुपये और 170-200 वाट की छह लाइट वाली हाईमास्ट लाइटें 1,74,195 रुपये के हिसाब से लगवाई जा रही हैं। एमएलसी निधि की हाईमास्ट लाइटों में मनमानी का खुलासा सत्यापन में हुआ।
संडीला बीडीओ और सहायक अभियंता की टीम की जांच में एक प्रस्ताव में भरावन के उसरहा गांव में ठाकुरजी महाराज मंदिर के पास हाईमास्ट लाइट लगवाई ही नहीं गई । ऐसे ही भरावन के ही हयातगंज के मजरा प्रहलादखेड़ा में नीरज तिवारी के मकान के पास छह लाइट के स्थान पर हाईमास्ट में तीन ही लाइट लगी मिलीं। दूसरे प्रस्ताव में से 170-200 वाट की सभी 14 लाइटें क्रियाशील नहीं मिलीं।
कोट
विधायक निधि से लगवाई गईं हाईमास्ट और सेमी हाईमास्ट लाइटों का बीडीओ और सहायक अभियंता की टीम से सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन में गड़बड़ी पर कार्यदायी संस्था को एक सप्ताह में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है। कानपुर की यूपीएसआईसी निर्माण खंड-एक ने नोटिस के बाद भी एक सप्ताह में कमियों को दुरुस्त नहीं कराया है। जिस पर स्वीकृत 28 लाइटों के भुगतान में 4,24,195 रुपये की कटौती कर दी गई है। कटौती के बाद ही अन्य लाइटों का ही भुगतान किया जाएगा।-सौम्या गुरूरानी, सीडीओ
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कार्यदायी संस्था को अपने संसाधनों से कराना होगा काम
विधायक निधि से कराए जाने वाले कामों के सत्यापन में कमियां मिल रही हैं। कार्यदायी संस्था के अभियंताओं और अधिकारियों को कमियां दुरुस्त कराने के लिए नोटिस दी गई है। कमियों को दुरुस्त न कराने पर कटौती की गई है। अब कमियों को कार्यदायी संस्था को अपने संसाधनों से दुरुस्त कराना होगा। जिसके लिए समयसीमा तय की जा रही है। तय समय में काम न कराने पर कार्यदायी संस्था के अभियंता और अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
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फोटो 24 : प्रहलादखेड़ा गांव में एमएलसी निधि से स्थापित हाईमास्ट लाइट। संवाद
- विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल की निधि से दो स्थानों पर लगनी थीं लाइटें
- सीडीओ ने कार्यदायी संस्था यूपीएसआईसी पर की कार्रवाई, भुगतान में चार लाख रुपये काटे
अनूप श्रीवास्तव
हरदोई। और तो और यहां तो जनप्रतिनिधियों की निधि के कामों में ही कार्यदायी संस्था ने मनमानी कर दी। बिना लाइटें लगवाए ही काम पूरा दिखा दिया। विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल की निधि से दो प्रस्तावों पर स्वीकृत 28 लाइटों में से एक लाइट नहीं लगी मिली, जबकि एक अन्य हाईमास्ट लाइट में छह के स्थान पर तीन लाइटें ही लगवाई गई हैं।
जनप्रतिनिधियों की निधि से उनके प्रस्ताव पर ही हाईमास्ट और सेमी हाईमास्ट और एक लाइटें लगवाई जा रही हैं। जनप्रतिनिधि के प्रस्ताव पर ही कार्यदायी संस्था को काम भी मिलता है। विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल के एक प्रस्ताव पर 14 दूसरे प्रस्ताव पर 14 हाईमास्ट लाइटों की स्थापना को स्वीकृति दी गई।
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मॉडल इस्टीमेट के अनुसार 110-130 वाट की छह लाइट वाली हाईमास्ट लाइट के लिए 1,25,000 रुपये और 170-200 वाट की छह लाइट वाली हाईमास्ट लाइटें 1,74,195 रुपये के हिसाब से लगवाई जा रही हैं। एमएलसी निधि की हाईमास्ट लाइटों में मनमानी का खुलासा सत्यापन में हुआ।
संडीला बीडीओ और सहायक अभियंता की टीम की जांच में एक प्रस्ताव में भरावन के उसरहा गांव में ठाकुरजी महाराज मंदिर के पास हाईमास्ट लाइट लगवाई ही नहीं गई । ऐसे ही भरावन के ही हयातगंज के मजरा प्रहलादखेड़ा में नीरज तिवारी के मकान के पास छह लाइट के स्थान पर हाईमास्ट में तीन ही लाइट लगी मिलीं। दूसरे प्रस्ताव में से 170-200 वाट की सभी 14 लाइटें क्रियाशील नहीं मिलीं।
कोट
विधायक निधि से लगवाई गईं हाईमास्ट और सेमी हाईमास्ट लाइटों का बीडीओ और सहायक अभियंता की टीम से सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन में गड़बड़ी पर कार्यदायी संस्था को एक सप्ताह में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है। कानपुर की यूपीएसआईसी निर्माण खंड-एक ने नोटिस के बाद भी एक सप्ताह में कमियों को दुरुस्त नहीं कराया है। जिस पर स्वीकृत 28 लाइटों के भुगतान में 4,24,195 रुपये की कटौती कर दी गई है। कटौती के बाद ही अन्य लाइटों का ही भुगतान किया जाएगा।-सौम्या गुरूरानी, सीडीओ
कार्यदायी संस्था को अपने संसाधनों से कराना होगा काम
विधायक निधि से कराए जाने वाले कामों के सत्यापन में कमियां मिल रही हैं। कार्यदायी संस्था के अभियंताओं और अधिकारियों को कमियां दुरुस्त कराने के लिए नोटिस दी गई है। कमियों को दुरुस्त न कराने पर कटौती की गई है। अब कमियों को कार्यदायी संस्था को अपने संसाधनों से दुरुस्त कराना होगा। जिसके लिए समयसीमा तय की जा रही है। तय समय में काम न कराने पर कार्यदायी संस्था के अभियंता और अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।