{"_id":"6425846b12028b1af5098bc5","slug":"girls-and-languras-organized-from-house-to-house-on-ram-navami-2023-03-30","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Hathras News: रामनवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या-लांगुरा, हर ओर हुई मां अम्बे की जय-जयकार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hathras News: रामनवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या-लांगुरा, हर ओर हुई मां अम्बे की जय-जयकार
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: चमन शर्मा
Updated Thu, 30 Mar 2023 06:16 PM IST
विज्ञापन
सार
नवरात्र के आखरी दिन हाथरस के देवी मंदिरों पर भक्तों का मेला सा लगा रहा। शाम तक पूजा अर्चना का कार्यक्रम चलता रहा। मंदिरों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भक्तों ने नम्बर आने पर मइया का दूध,घी व जल आदि से अभिषेक किया और लौंग, कपूर, सिंदूर, गुगर, फल, पुष्प आदि चढ़ाकर मनोकामनापूर्ति की कामना की।

कन्या लंगुरा को जिमाते हुए
- फोटो : अमर उजाला

Trending Videos
विस्तार
हर ओर मां अम्बे के जय जयकार, घर-घर कन्या लांगुराओं की खातिरदारी, भजन संध्या, डोलों के साथ झूमते भक्त, दंडौती, भक्तिमय वातावरण और विभिन्न कार्यक्रमों का रामनवमी के मौके पर आयोजन हुआ। बृहस्पतिवार को जिलेभर में हर तरफ अमृत की बदरिया बरसी। शहर भर के प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तिों की भारी भीड़ के अलावा घण्टे, घड़ियालों की मधुर ध्वनि देर रात्रि तक गूंजती रही। श्रद्धाभाव से मां अम्बे के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की उपासाना की गई।
विज्ञापन
Trending Videos
बुधवार की देर रात दंडौती लगाने का दौर चलता रहा। भक्तों की सेवा करने के लिए जगह जगह कैंप लगाए। मंदिरों में माता रानी के विग्रह की अलौकिक सजावट के साथ दर्जनों भव्य डोले शहर में निकाले गए। डोला में मइया की स्थापना कर शहर का भ्रमण कराया गया। श्रद्धालुओं ने मइया के भक्तिगीतों पर जमकर ठुमके लगाए। मंदिरों पर सुबह से लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचने लगे। कई प्रमुख मंदिरों पर भक्तों की भारी भीड़ रही। भक्तों को मातारानी के दर्शन हेतु घण्टों इंतजार करना पड़ा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू ही नवरात्र व्रत बृहस्पतिवार को पूरे हुए। भक्त पिछले नौ दिनों से नवमी का इंतजार कर रहे थे। भक्तों ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर उपवास खोला। नवरात्र के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की गई। इस दिन साधकों को सिद्धियां प्राप्ती होती हैं। भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
नवरात्र के आखरी दिन शहर के देवी मंदिरों पर भक्तों का मेला सा लगा रहा। शाम तक पूजा अर्चना का कार्यक्रम चलता रहा। मंदिरों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भक्तों ने नम्बर आने पर मइया का दूध,घी व जल आदि से अभिषेक किया और लौंग, कपूर, सिंदूर, गुगर, फल, पुष्प आदि चढ़ाकर मनोकामनापूर्ति की कामना की। मां दुर्गा सबकी सुनने वाली हैं इसलिए मंदिरों पर बच्चे, वृद्व, महिला, पुरूष, युवक सभी आस्था की लाइन में लगे थे। शहर के शीतला माता मंदिर व बौहरे वाली देवी मंदिर पर हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ थी।
बौहरे वाली देवी मंदिर पर लम्बी-लम्बी लाइनें लगी थीं। भक्तों को घण्टों के इंतजार के बाद मइया के दर्शन हो सके। शाम होते ही देवी मंदिरों में प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, मइया की हर बात निराली, मेरी भी सुनो ओ माता भवानी, अम्बे तू है जगदम्बे काली जैसे भक्ति गीत सुनाई देने लगे। नवमी पर मइया के विशेष श्रृंगार किए गए। सूर्यास्त के बाद ही मंदिरों में आस्था शैलाव उमड़ने लगा। देवी मंदिरों पर शाम होते ही भजन कीर्तन का दौर शुरू हो गया। मइया की आराधना की जाने लगी। मइया की एक झलक पाने कोस्क्त ललायित दिखे। देवी मंदिरों पर देर रात जागरण कार्यक्रम आदि भी चलते रहे।
कन्या लांगुराओं की गई खातिरदारी
रामनवमी पर शहर भर में भक्तिरस की बारिश हुई। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही तो घर घर कन्या लांगुराओं की भी खातिरदारी की गई। आस पड़ौस से कन्याओं को ढूंढकर लाया गया। कन्याओं को एकत्रित कर उन्हें दावत दी गई और देवी स्वरूप कन्याओं की पूजा भी गई। कन्याओं को चुनरी आदि भेंट की गई। नवरात्रों में कन्याओं को देवीस्वरूप मानकर उन्हें भोजन कराया जाता है। बुधवार के बाद बृहस्पतिवार को भी कन्या लांगुरा जिमाए गए। इसके अलावा भक्तों ने मंदिरों पर जाकर कन्याओं को प्रसाद वितरण किया।

दिनभर चलता रहा प्रसाद वितरण
रामनवमी पर भक्तिमय वातावरण के बीच प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चलता रहा। सोमवार की शाम से ही जगह जगह कैंप लग गए। दिनभर भक्तों द्वारा हलुआ चना का वितरण किया गया। इसके अलावा बौहरे वाली देवी मंदिर, शांता माता मंदिर, शीतला माता मंदिर, चामुण्डा मंदिर, आदि मंदिरों पर भी दिनभर प्रसाद वितरण किया गया। कई मंदिरों पर छप्पन भोग के भी दर्शन भक्तों ने किए।
शहर में जगह जगह निकाले गए डोला
रामनवमी से पहली रात शहर में जगह-जगह मइया के डोला निकाले गए। शहर में तमाम जगहों पर भक्तों ने डोला की सजावट कर उसमें मइया की प्रतिमा स्थापित की। रंग बिरंगी लाइटों से सजे डोलों और भक्तिगीतों की मधुर धुनों से भक्ति की बयार बह रही थी। छोटी कन्याओं का श्रृंगार कर उन्हें डोले में बिठाया गया। देर रात तक दर्जनों डोला बौहरे वाले देवी मंदिर पर एकत्रित हो गए। मंदिर पर रातभर भक्ति की बरसात हुई और भक्तों ने जमकर ठुमके लगाए।
सैंकड़ो भक्तों ने लगाई दंडौती
शहर में चारों ओर से लोग दंडौती लगाते हुए मइया के दरबार पहुंच रहे थे। शीतला माता मंदिर से तमाम भक्तों ने दंडौती लगाना शुरू किया। शहर के मुरसान रोड, अलीगढ़ रोड, सिकन्द्राराऊ रोड, आगरा रोड आदि पर सैकड़ो भक्त दंडौती लगाते हुए दिखाई दिए। बहुत से भक्त हाथ में दीपक लिए घुटनों के बल माता रानी के द्वार पहुंचे। दंडौती लगाने वाले भक्तों की सेवा के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए जहां भक्तों को पानी, दूध, चाय, फलाहार आदि प्रसाद के रूप में दिया गया।

दिनभर चलता रहा प्रसाद वितरण
रामनवमी पर भक्तिमय वातावरण के बीच प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चलता रहा। सोमवार की शाम से ही जगह जगह कैंप लग गए। दिनभर भक्तों द्वारा हलुआ चना का वितरण किया गया। इसके अलावा बौहरे वाली देवी मंदिर, शांता माता मंदिर, शीतला माता मंदिर, चामुण्डा मंदिर, आदि मंदिरों पर भी दिनभर प्रसाद वितरण किया गया। कई मंदिरों पर छप्पन भोग के भी दर्शन भक्तों ने किए।
शहर में जगह जगह निकाले गए डोला
रामनवमी से पहली रात शहर में जगह-जगह मइया के डोला निकाले गए। शहर में तमाम जगहों पर भक्तों ने डोला की सजावट कर उसमें मइया की प्रतिमा स्थापित की। रंग बिरंगी लाइटों से सजे डोलों और भक्तिगीतों की मधुर धुनों से भक्ति की बयार बह रही थी। छोटी कन्याओं का श्रृंगार कर उन्हें डोले में बिठाया गया। देर रात तक दर्जनों डोला बौहरे वाले देवी मंदिर पर एकत्रित हो गए। मंदिर पर रातभर भक्ति की बरसात हुई और भक्तों ने जमकर ठुमके लगाए।
सैंकड़ो भक्तों ने लगाई दंडौती
शहर में चारों ओर से लोग दंडौती लगाते हुए मइया के दरबार पहुंच रहे थे। शीतला माता मंदिर से तमाम भक्तों ने दंडौती लगाना शुरू किया। शहर के मुरसान रोड, अलीगढ़ रोड, सिकन्द्राराऊ रोड, आगरा रोड आदि पर सैकड़ो भक्त दंडौती लगाते हुए दिखाई दिए। बहुत से भक्त हाथ में दीपक लिए घुटनों के बल माता रानी के द्वार पहुंचे। दंडौती लगाने वाले भक्तों की सेवा के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए जहां भक्तों को पानी, दूध, चाय, फलाहार आदि प्रसाद के रूप में दिया गया।