पेयजल योजना में एक और घोटाला: पाइपलाइन डाली नहीं, ठेकेदार को कर दिया 27.89 लाख का भुगतान
वर्ष 2022-23 में जिन 12 कामों की कार्य योजना बनी थी, उनकी कुल कीमत 3.94 करोड़ थी। टेंडर उठाया गया, संबंधित फर्म को ठेका भी मिला, लेकिन पाइप नहीं डल सकी। पाइप के लिए खुदाई तक नहीं हुई और ठेकेदार को 27.89 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।
विस्तार
हाथरस नगर पालिका परिषद का एक और कारनामा उजागर हुआ है। राज्य सेक्टर पेयजल योजना के अंतर्गत बिना काम किए ही ठेकेदार को 27.89 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। नगर पालिका अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ। वाटर वर्क्स परिसर में नए नलकूपों को पाइपलाइन से भूमिगत जलाशय से जोड़ना था, लेकिन यहां कोई पाइपलाइन नहीं डाली गई। वैकल्पिक व्यवस्था से जलाशय को भरा जा रहा है।
राज्य सेक्टर पेयजल योजना के अंतर्गत कई काम कराए गए थे। पत्रावलियों की जांच कर किए गए काम तथा भुगतान की स्थिति पता की जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।- रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका परिषद हाथरस
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यह होना था कार्य
अक्टूबर 2021 में वाटर वर्क्स में 13.07 करोड़ की लागत से क्लीन वाटर रिजर्वायर (सीडब्लयूआर) बनकर तैयार हुआ था। प्रधानमंत्री ने वर्चुअली इसका लोकार्पण किया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल यहां उपस्थित रहीं थीं। इस रिजर्वायर तक पानी पहुंचाने के लिए वर्ष 2022 में दो नलकूप बनकर तैयार हुए। एक इस भूमिगत जलाशय से 60 मीटर दूर वाटर वर्क्स परिसर में तथा दूसरा लगभग चार सौ मीटर दूर वार्ड 22 वाटर वर्क्स कॉलोनी में। इस निर्माण के बाद राज्य सेक्टर पेयजल योजना के अंंतर्गत नलकूपों को रिजर्वायर से जोड़ना था, जिसकी लागत 27 लाख 89 हजार रुपये तय की गई थी।
नहीं डली पाइप लाइन
वर्ष 2022-23 में जिन 12 कामों की कार्य योजना बनी थी, उनकी कुल कीमत 3.94 करोड़ थी। इन बारह कामों से नगला भीम कलवारी के काम में घोटाला हुआ और अब इस काम की भी हकीकत उजागर हुई है। इस योजना के तहत भूमिगत डीआई के-सात पाइप डाली जानी थी, जिसका व्यास दो सौ एमएम होना चाहिए था। टेंडर उठाया गया, संबंधित फर्म को ठेका भी मिला, लेकिन पाइप नहीं डल सकी। पाइप के लिए खुदाई तक नहीं हुई और ठेकेदार को 27.89 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। जानकारी के अनुसार 440 मीटर पाइपलाइन का भुगतान किया गया है। बता दें कि दो दिन पहले भी इस योजना के तहत पाइपलाइन न डालने के बावजूद भुगतान करने का मामला सामने आया था।
लेजम पाइप से चला रहे काम
पाइपलाइन भले ही नहीं डली, लेकिन पालिका को क्षेत्र में पानी तो पहुंचाना ही था। इसलिए जल विभाग के जेई व कर्मचारियों ने वैकल्पिक रास्ता निकालते हुए जमीन के ऊपर लेजम पाइप ही डाल दी। यह पाइप जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है तथा हर समय पानी लीक होता रहता है।