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Jaunpur News: बीए के छात्रों को बीबीए बीसीए का बताकर ले ली छात्रवृत्ति प्रबंधकप्रधानाचार्य पर प्राथमिकी
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वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया है। 18 दिसंबर को कार्य परिषद की बैठक में माता कुसुम देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, कुड़िला जखनिया गाजीपुर की ओर से गलत तरीके से छात्रवृत्ति लेने का मामला उठा।
काॅलेज पर बीए में पढ़ने वाले छात्रों के नाम पर बीबीए, बीसीए की कूटरचित ढंग से संबद्धता दिखाकर करीब चार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने के मामले पर गंभीर आरोप है। इस मुद्दे पर कार्य परिषद के सदस्यों ने चर्चा की।
इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने माता कुसुम देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, कुड़िला जखनिया गाजीपुर की शैक्षणिक संबद्धता समाप्त कर दिया। माता कुसुम देवी महाविद्यालय के पास पहले से यूजी व पीजी स्तर के कुछ पाठ्यक्रमों की ही मान्यता थी। आरोप है कि इसके बावजूद कॉलेज के प्रबंधक व प्रधानाचार्य ने कूटरचित तरीके से बीबीए और बीसीए की फर्जी संबद्धता का पत्र तैयार किया।
इस फर्जी दस्तावेज को विश्वविद्यालय के संबद्धता विभाग और डीएसडब्ल्यू (छात्र अधिष्ठाता) कार्यालय में छात्रवृत्ति प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि संबद्धता विभाग और डीएसडब्ल्यू की ओर से इन दस्तावेजों की समुचित जांच नहीं की गई। बिना सत्यापन के ही फर्जी संबद्धता पत्र को आगे भेज दिया गया, जिसके आधार पर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति की धनराशि निर्गत हो गई।
आरोप है कि कॉलेज ने बीए में अध्ययनरत छात्रों के नाम पर बीबीए और बीसीए दिखाकर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति की रकम ले ली गई। इस पूरे प्रकरण में सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की बात सामने आई है।
मामला उजागर होने के बाद समाज कल्याण विभाग, गाजीपुर ने कॉलेज के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू कर दी गई है और छात्रवृत्ति की धनराशि के उपयोग से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है।
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काॅलेज पर बीए में पढ़ने वाले छात्रों के नाम पर बीबीए, बीसीए की कूटरचित ढंग से संबद्धता दिखाकर करीब चार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने के मामले पर गंभीर आरोप है। इस मुद्दे पर कार्य परिषद के सदस्यों ने चर्चा की।
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इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने माता कुसुम देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, कुड़िला जखनिया गाजीपुर की शैक्षणिक संबद्धता समाप्त कर दिया। माता कुसुम देवी महाविद्यालय के पास पहले से यूजी व पीजी स्तर के कुछ पाठ्यक्रमों की ही मान्यता थी। आरोप है कि इसके बावजूद कॉलेज के प्रबंधक व प्रधानाचार्य ने कूटरचित तरीके से बीबीए और बीसीए की फर्जी संबद्धता का पत्र तैयार किया।
इस फर्जी दस्तावेज को विश्वविद्यालय के संबद्धता विभाग और डीएसडब्ल्यू (छात्र अधिष्ठाता) कार्यालय में छात्रवृत्ति प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि संबद्धता विभाग और डीएसडब्ल्यू की ओर से इन दस्तावेजों की समुचित जांच नहीं की गई। बिना सत्यापन के ही फर्जी संबद्धता पत्र को आगे भेज दिया गया, जिसके आधार पर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति की धनराशि निर्गत हो गई।
आरोप है कि कॉलेज ने बीए में अध्ययनरत छात्रों के नाम पर बीबीए और बीसीए दिखाकर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति की रकम ले ली गई। इस पूरे प्रकरण में सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की बात सामने आई है।
मामला उजागर होने के बाद समाज कल्याण विभाग, गाजीपुर ने कॉलेज के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू कर दी गई है और छात्रवृत्ति की धनराशि के उपयोग से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है।
