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UP: यूपी से पश्चिम बंगाल के व्यक्ति का महाराष्ट्र में बना दिया जन्म प्रमाण पत्र, इन जिलों से मिलता था एक्सेस

अंकुर शुक्ला, अमर उजाला नेटवर्क, जाैनपुर। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Fri, 05 Dec 2025 06:16 AM IST
सार

Jaunpur News: यूपी की जाैनपुर पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाते थे। बहुत ही शातिर तरीके से काम किए जाते थे। यह पूरा गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संचालित होता था।

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Birth certificate issued in Maharashtra for West Bengal man from UP access available from many districts
गिरफ्तार आरोपियों के बारे में बताते एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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UP Crime: जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का गिरोह व्हाट्सएप पर संचालित होता था। यह प्रमाण पत्र किस देश या स्थान के लोगों को जारी कर दिया गया है यह कह पाना मुश्किल है। हालांकि पुलिस को यह प्रमाण जरूर मिल गया है कि पश्चिम बंगाल में बैठे व्यक्ति का जन्म स्थान महाराष्ट्र में दिखाकर प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। 

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यह जन्म प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश से जारी किया गया है। फिलहाल, ऐसे ही 500 प्रमाण पत्र पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसे निरस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा जा रहा है। एएसपी सिटी के मुताबिक यह व्हाट्सएप पर मैसेज पड़ता और उसे अमरोहा से ऑपरेट किया जाता था, जिसका एक्सेस लखनऊ या बिहार से मिलता था।
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पुलिस को इस गिरोह का भंडाफोड़ करने में बहुत अधिक मदद कुछ महीने पहले शहर कोतवाली में फोटोशाॅप की मदद से फर्जीवाड़ा करने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों के बयान से भी हुई, जो पूछताछ में यह बताए थे कि वह तो इतना ही करते हैं। लेकिन, अब तो असली में जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से जारी होता था। 

पुलिस ने की कार्रवाई

इन आरोपियों की बातें और जलालपुर थाने में असबरनपुर गांव निवासी रतन कुमार की ओर से दर्ज कराए गए प्राथमिकी के बाद पुलिस को इसका शक और गहरा गया। मामले में गिरफ्तार पहले मुरलीपुर निवासी विनय यादव, मारुफपुर चंदौली निवासी रामभरत मौर्य और विजयपुरवा चंदौली निवासी शहबाज हसन से पूछताछ के बाद पूरी कहानी सामने आई।

पता चला कि यह पूरा गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संचालित होता था। सर्विस सेंटर संचालक विनय यादव जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों का विवरण राम भरत मौर्या को देता। फिर वह इस सूचना को शहनाज खान को देता था, जो एक प्राइवेट अस्पताल में वार्ड बाॅय का काम करता था। फिर वह यह सूचना शहनाज टेकई मऊ निवासी अंकित यादव उर्फ शुभम को देता था। 

प्लान के तहत करते थे काम

अंकित नोएडा में काम को अंजाम देता था। उसके साथ हसनपुर अमरोहा में निवासी राजीव कुमार और गौतमबुद्ध नगर निवासी राज कुमार उर्फ विक्की भी सहयोग में होते थे। सभी ऑपरेटर की भूमिका में संबंधित प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए ऐनी डेस्क पर आईडी प्राप्त करते थे। 

यह मास्टर आईडी प्रेमाबिहार कालोनी, थाना पारा लखनऊ निवासी और गैंग लीडर अभिषेक गुप्ता और बिसफी मधुबनी बिहारी निवासी राशिद निवासी खैरी थाना बिसफी मधुबनी के पास था, जो एक दिन का 20-25 हजार रुपये लेने के बाद ऐनी डेस्क पर संबंधित को सिस्टम देकर अधिकतम सौ प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति देते थे। इसके बाद पासवर्ड पुनः बदल देता था। इसमें अभिषेक और राशिद को छोड़ सभी आरोपी 50-100 रुपये का कमीशन लेकर पूरा खेल खेलते थे। जबकि एक प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर संबंधित व्यक्ति से 600 से लेकर एक हजार रुपये तक वसूला जाता था।

सरकारी वेबसाइट को ऐसे क्रैक करता था अभिषेक
एएसपी सिटी ने बताया कि गिरोह का लीडर अभिषेक गुप्ता ने पूछताछ बताया कि उसने पंचायती राज विभाग/ग्रामीण विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के सक्षम अधिकारियों को आवंटित विभागीय ई-मेल प्राप्त कर उसके पासवर्ड को हैक करता था। इसके बाद तत्पश्चात् जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले पोर्टल / साइट पर जाकर लाॅग-इन करके फारगेट पासवर्ड के माध्यम से ओटीपी मेल आईडी पर भेजने के लिए सेलेक्ट करता था। और फिर ई-मेल पर ओटीपी प्राप्त कर पासवर्ड को रि-सेट कर पोर्टल पर अवैध तरीके से लाॅग-इन कर लेता था। पोर्टल को एनी डेस्क के माध्यम से संचालित कराता था।

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