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Jaunpur News: ठंड में उम्रदराज लोग करें बचाव, हार्ट अटैक का बढ़ सकता है खतरा
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ठंड का मौसम हृदय के मरीजों के लिए काफी घातक होता है। खासकर उम्रदराज लोगों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। सीने में दर्द, घबराहट अथवा पसीना होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
यह लक्षण हार्ट अटैक का हो सकता है। जिला अस्पताल में अब तक तीन लोगों को टेनेक्टीप्लीज इंजेक्शन लगाकर जान बचाई जा चुकी है। इस एक इंजेक्शन की कीमत 50 हजार है, जिसे जिला अस्पताल में मुफ्त लगाया जा रहा है।
जिला अस्पताल में हर रोज चार से पांच मरीज ऐसे मरीज आते हैं, जिनकों हृदय संबंधी परेशानी होती है। सर्दी के दिनों में शरीर के मुख्य अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए नसों में सिकुड़न होने लगती है। मांसपेशियां सिकुड़ती हैं।
इस मौसम में अब तक जिला अस्पताल में तीन मरीज आ चुकें हैं जिनकों हार्ट अटैक हो चुका है। इसमें रामनगर ब्लाक के चकमहनी निवासी शिलवंती देवी (71) पत्नी मनिराम को 26 सितंबर को दिल का दौरा पड़ा था। परिवार के लिए उनको लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उन्हें टेनेक्टीप्लीज का इंजेक्शन लगया गया। आराम होने पर वाराणसी रेफर कर दिया गया।
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के शिवापार निवासी ममता (68) पत्नी सचिन को दिल का दौरा पड़ने पर 27 सितंबर को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां जांच के बाद दिल का दौरान पड़ने की शिकायत पर उन्हें इंजेक्शन लगाया गया था। बाद में बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया था।
खुटहन थाना क्षेत्र के शेषपुर गांव निवासी अब्दुल हक को सीने में दर्द शुरू होने पर परिवार के लोगों ने 10 अक्तूबर को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच के बाद डाक्टरों ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण दिल का दौरा पड़ा है। टेनेक्टीप्लीज का इंजेक्शन लगया गया। आराम होने पर रेफर कर दिया गया।
हार्ट अटैक से इस तरह करें बचाव
फिजिशियन डॉ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि ठंड में उम्रदराज लोगों को हार्ट अटैक से बचने के लिए शरीर को गर्म रखें, गर्म कपड़े पहनाएं , संतुलित और हल्का भोजन करना और व्यायाम (धूप निकलने के बाद) करना चाहिए। ठंड में नसें सिकुड़ती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और खून गाढ़ा होता है, इससे दिल पर दबाव बढ़ता है; शुगर, बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी लक्षण (छाती में दर्द, सांस फूलना) को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए।
इंजेक्शन से बहाल होता है रक्त प्रवाह
जिला अस्पताल के सीएम डॉ. केके राय ने बताया कि टेनेक्टीप्लीज हार्ट अटैक के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक क्लॉट-बस्टिंग (रक्त के थक्के घोलने वाली इंजेक्शन) है, जो हार्ट अटैक के दौरान खून के थक्के को तेजी से घोलकर हृदय तक रक्त प्रवाह को बहाल करती है। इससे ऊतकों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके और जान बचाई जा सके। इसका उपयोग डॉक्टर की निगरानी में ही होता है।
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यह लक्षण हार्ट अटैक का हो सकता है। जिला अस्पताल में अब तक तीन लोगों को टेनेक्टीप्लीज इंजेक्शन लगाकर जान बचाई जा चुकी है। इस एक इंजेक्शन की कीमत 50 हजार है, जिसे जिला अस्पताल में मुफ्त लगाया जा रहा है।
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जिला अस्पताल में हर रोज चार से पांच मरीज ऐसे मरीज आते हैं, जिनकों हृदय संबंधी परेशानी होती है। सर्दी के दिनों में शरीर के मुख्य अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए नसों में सिकुड़न होने लगती है। मांसपेशियां सिकुड़ती हैं।
इस मौसम में अब तक जिला अस्पताल में तीन मरीज आ चुकें हैं जिनकों हार्ट अटैक हो चुका है। इसमें रामनगर ब्लाक के चकमहनी निवासी शिलवंती देवी (71) पत्नी मनिराम को 26 सितंबर को दिल का दौरा पड़ा था। परिवार के लिए उनको लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उन्हें टेनेक्टीप्लीज का इंजेक्शन लगया गया। आराम होने पर वाराणसी रेफर कर दिया गया।
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के शिवापार निवासी ममता (68) पत्नी सचिन को दिल का दौरा पड़ने पर 27 सितंबर को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां जांच के बाद दिल का दौरान पड़ने की शिकायत पर उन्हें इंजेक्शन लगाया गया था। बाद में बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया था।
खुटहन थाना क्षेत्र के शेषपुर गांव निवासी अब्दुल हक को सीने में दर्द शुरू होने पर परिवार के लोगों ने 10 अक्तूबर को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच के बाद डाक्टरों ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण दिल का दौरा पड़ा है। टेनेक्टीप्लीज का इंजेक्शन लगया गया। आराम होने पर रेफर कर दिया गया।
हार्ट अटैक से इस तरह करें बचाव
फिजिशियन डॉ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि ठंड में उम्रदराज लोगों को हार्ट अटैक से बचने के लिए शरीर को गर्म रखें, गर्म कपड़े पहनाएं , संतुलित और हल्का भोजन करना और व्यायाम (धूप निकलने के बाद) करना चाहिए। ठंड में नसें सिकुड़ती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और खून गाढ़ा होता है, इससे दिल पर दबाव बढ़ता है
इंजेक्शन से बहाल होता है रक्त प्रवाह
जिला अस्पताल के सीएम डॉ. केके राय ने बताया कि टेनेक्टीप्लीज हार्ट अटैक के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक क्लॉट-बस्टिंग (रक्त के थक्के घोलने वाली इंजेक्शन) है, जो हार्ट अटैक के दौरान खून के थक्के को तेजी से घोलकर हृदय तक रक्त प्रवाह को बहाल करती है। इससे ऊतकों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके और जान बचाई जा सके। इसका उपयोग डॉक्टर की निगरानी में ही होता है।
