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किले में गूंजेगी अमिताभ और ऐश्वर्या की आवाज
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झांसी। झांसी विकास प्राधिकरण किले में लाइट एंड साउंड प्रोग्राम को डिजिटल करेगा। इसमें अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और उनकी बहू व मशहूर फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन की आवाज गूंजेगी। इससे पहले मशहूर अभिनेता ओमपुरी व सुष्मिता सेन की आवाज इस प्रोग्राम में सुनाई देती थी। कार्यक्रम को पूरा करने में चार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होगा। इसके लिए एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने बृहस्पतिवार को जेडीए कार्यालय में अपनी प्रस्तुति दी। जेडीए ने कई अन्य कंपनियों को प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया है।
झांसी विकास प्राधिकरण ने लगभग दस साल पहले किले के अंदर लाइट एंड साउंड कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता को लाइट एंड साउंड के माध्यम से दर्शाया जाता है। लगभग एक घंटे के इस शो में 1857 के गदर की दास्तां के साथ ही लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा को बयां किया जाता है। शो पुराना होने पर लोगों की रुचि भी घटती जा रही थी। इसे देखते हुए जेडीए ने नया स्वरूप देने की योजना बनाई थी, लेकिन पुरातत्व विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण शो बंद कर दिया गया था। इसके बंद होने पर शहर के कई संगठनों ने विरोध जताया था। इसके साथ ही जिला प्रशासन से इसे दोबारा शुरू कराने की मांग की थी। इस पर पुरातत्व विभाग ने फिर से शो शुरू करने की अनुमति दे दी। अब जेडीए ने नए सिरे से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। जेडीए उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार ने बताया कि शो को डिजिटल करने के लिए कई कंपनियों को आमंत्रित किया गया है।
दस साल पहले हुआ था शुरू
किले में लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ वर्ष 2008 में किया गया था। इसमें शोध एवं संवाद डॉ. राजेंद्र उपाध्याय व कविता नागपाल ने किया था। कला निर्देशन मुकेश भार्गव ने, डबिंग विनोद नागपाल ने, संगीत निर्देशन काजल घोष ने व प्रकाश निर्देशन मानव भार्गव ने किया था। शो को दिल्ली स्थित डिजिटल साउंड स्टूडियो में तैयार किया गया था।
यह थी लाइट एंड साउंड की टिकट दर
भारतीय सैलानियों के लिए 50 रुपये, विदेशी सैलानियों के लिए 300 रुपये व विद्यार्थियों के लिए 15 रुपये तय किया गया था।
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झांसी विकास प्राधिकरण ने लगभग दस साल पहले किले के अंदर लाइट एंड साउंड कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता को लाइट एंड साउंड के माध्यम से दर्शाया जाता है। लगभग एक घंटे के इस शो में 1857 के गदर की दास्तां के साथ ही लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा को बयां किया जाता है। शो पुराना होने पर लोगों की रुचि भी घटती जा रही थी। इसे देखते हुए जेडीए ने नया स्वरूप देने की योजना बनाई थी, लेकिन पुरातत्व विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण शो बंद कर दिया गया था। इसके बंद होने पर शहर के कई संगठनों ने विरोध जताया था। इसके साथ ही जिला प्रशासन से इसे दोबारा शुरू कराने की मांग की थी। इस पर पुरातत्व विभाग ने फिर से शो शुरू करने की अनुमति दे दी। अब जेडीए ने नए सिरे से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। जेडीए उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार ने बताया कि शो को डिजिटल करने के लिए कई कंपनियों को आमंत्रित किया गया है।
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दस साल पहले हुआ था शुरू
किले में लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ वर्ष 2008 में किया गया था। इसमें शोध एवं संवाद डॉ. राजेंद्र उपाध्याय व कविता नागपाल ने किया था। कला निर्देशन मुकेश भार्गव ने, डबिंग विनोद नागपाल ने, संगीत निर्देशन काजल घोष ने व प्रकाश निर्देशन मानव भार्गव ने किया था। शो को दिल्ली स्थित डिजिटल साउंड स्टूडियो में तैयार किया गया था।
यह थी लाइट एंड साउंड की टिकट दर
भारतीय सैलानियों के लिए 50 रुपये, विदेशी सैलानियों के लिए 300 रुपये व विद्यार्थियों के लिए 15 रुपये तय किया गया था।