Sophia Qureshi Biography: भारत की एयर स्ट्राइक ने पूरे देश को गर्व से भर दिया, लेकिन बुंदेलखंड के लिए यह दोहरे गर्व का मौका रहा। जिन कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिये पूरी दुनिया ने पाकिस्तान में आतंकी हरकतों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर का सच जाना, उनका जन्म न सिर्फ बुंदेलखंड में हुआ बल्कि दुश्मनों को मात देने का हुनर भी उन्होंने झांसी में सीखा।
झांसी में कर्नल सोफिया बतौर मेजर तैनात रहीं। कई सैन्य अभियानों की अगुवाई कीं। कर्नल सोफिया के बड़े ताऊ का परिवार भट्टागांव में रहता है। आतंकी शिविरोपिर भारत के हमले के बाद बुधवार को उनके यहां जश्न छाया गया। परिजन ने सिर्फ यही कहा, बेटी ने आज गर्व से सिर ऊंचा कर दिया।
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कर्नल सोफिया: बबीना में प्रशिक्षण... शत्रु को समझाया 'सिंदूर' का दम; झांसी में बतौर मेजर पद पर थीं तैनात
हिमांशु पांडेय, अमर उजाला, झांसी Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 08 May 2025 10:37 AM IST
सार
Colonel Sophia Operation Sindoor: कर्नल सोफिया का झांसी के बबीना में प्रशिक्षण हुआ था। झांसी में बतौर मेजर पद पर तैनात थीं। उन्होंने शत्रु को 'सिंदूर' का दम समझाया। परिजनों ने जश्न मनाया। कहा कि बेटी ने गर्व से सिर ऊंचा कर दिया। हमें तुम पर नाज है।
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भट्टागांव में खुशी जाहिर करते कर्नल सोफिया क़ुरैशी के परिजन
- फोटो : परिजन

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भट्टागांव में खुशी जाहिर करते कर्नल सोफिया क़ुरैशी के परिजन
- फोटो : परिजन
12 दिसंबर 1975 को हुआ था सोफिया का जन्म
छतरपुर के नौगांव निवासी सोफिया का जन्म 12 दिसंबर 1975 को हुआ था। उनके चाचा वली मोहम्मद नौगांव में रहते हैं। सोफिया के चचेरे भाई एवं मैकेनिकल इंजीनियर मोहम्मद रिजवान ने अमर उजाला को बताया कि सोफिया की शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई। वह हमेशा से पढ़ाई में जहीन रहीं।
छतरपुर के नौगांव निवासी सोफिया का जन्म 12 दिसंबर 1975 को हुआ था। उनके चाचा वली मोहम्मद नौगांव में रहते हैं। सोफिया के चचेरे भाई एवं मैकेनिकल इंजीनियर मोहम्मद रिजवान ने अमर उजाला को बताया कि सोफिया की शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई। वह हमेशा से पढ़ाई में जहीन रहीं।
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कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह
- फोटो : पीटीआई
लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर हुईं कैप्टन
शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भारतीय सेना में चयन के बाद पीएचडी और टीचिंग करियर भी छोड़ दिया। उनका कहना है कि लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर कैप्टन हुईं। इसके बाद झांसी में तैनात रहीं। यहां उनका मेजर पद पर प्रमोशन हो गया। गांधीनगर में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर पदस्थ रहीं।
शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भारतीय सेना में चयन के बाद पीएचडी और टीचिंग करियर भी छोड़ दिया। उनका कहना है कि लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर कैप्टन हुईं। इसके बाद झांसी में तैनात रहीं। यहां उनका मेजर पद पर प्रमोशन हो गया। गांधीनगर में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर पदस्थ रहीं।

सोफिया कुरेशी
- फोटो : ANI
सोफिया के पति भी सेना में अफसर
इसके बाद वह कर्नल हो गईं। सोफिया के पति भी सेना में अफसर हैं। सोफिया के ताऊ इस्माइल कुरैशी बीएसएफ से रिटायर्ड होने के बाद भट्टा गांव में रहने लगे। दो साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। सोफिया की चचेरी बहन शबाना कुरैशी का कहना है कि परिवार के सभी बच्चों के लिए सोफिया रोल मॉडल हैं।
इसके बाद वह कर्नल हो गईं। सोफिया के पति भी सेना में अफसर हैं। सोफिया के ताऊ इस्माइल कुरैशी बीएसएफ से रिटायर्ड होने के बाद भट्टा गांव में रहने लगे। दो साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। सोफिया की चचेरी बहन शबाना कुरैशी का कहना है कि परिवार के सभी बच्चों के लिए सोफिया रोल मॉडल हैं।
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सोफिया कुरैशी
- फोटो : Pti
सभी उनकी तरह बनना चाहते हैं। उन्हें देखकर ही उनके भाई इकबाल बीएसएफ में भर्ती हुए। पूरे परिवार के लिए आज खुशी का मौका है। सोफिया की भाभी ने भी इसे गर्व का पल बताया। परिवार के लोगों को आस-पड़ोस के लोगों ने पहुंचकर बधाई दी।