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जलाशयों में मेहमान परिंदों की दस्तक: पिछले साल आए थे 4706 प्रवासी पक्षी, सुरक्षा को लेकर वन विभाग अलर्ट
सार
सर्दी में बांध, तालाब, पोखरों पर प्रवासी साइबेरियन और यूरोपियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। इस साल अच्छी बरसात के कारण अन्य बांध भी लबालब हैं, इसलिए वेटलैंड की संख्या 103 हो गई है।
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कलरव करते साइबेरियन पक्षी।
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विस्तार
सर्दी में बांध, तालाब, पोखरों पर प्रवासी साइबेरियन और यूरोपियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। इस साल अच्छी बरसात के कारण अन्य बांध भी लबालब हैं, इसलिए वेटलैंड की संख्या 103 हो गई है। पिछले साल 4706 प्रवासी पक्षी आए थे। इस साल इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। उनकी सुरक्षा को लेकर टीम बना दी गई है ताकि उनका कोई शिकार न कर सके।
प्रवासी पक्षी वेटलैंड का रुख करने लगे हैं। खासकर बड़े जलाशय जैसे कि सिमरधा, सुकुवां-ढुकुवां, पारीछा डैम, इमलिया बेतवा नदी, भसनेह बांध, बड़वार झील, बरुआसागर झील, खड़ैनी, सपरार, गढ़मऊ झील के अलावा कई ऐसे बड़े जलाशय हैं जिन्हें वन विभाग ने वेटलैंड के लिए चिह्नित किया है। इनकी संख्या पहले 97 थी लेकिन इस बार अच्छी बारिश से उसकी संख्या बढ़कर 103 हो गई है।
वन विभाग ने बनाई सात टीमें
जलाशयों पर सर्दियाें खासकर दिसंबर में इनके आगमन पर वन विभाग सतर्क हो जाता है। इन प्रवासी पक्षियों का कोई शिकार न कर सके, इसके लिए वन विभाग ने सात टीम बना दी है। पिछले साल वन विभाग ने इन पक्षियों की गणना कराई तो सामने आया कि 4706 प्रवासी पक्षी आए थे, इनमें सर्वाधिक संख्या लिटिल कॉर्माेरेंट की थी। वन विभाग ने 25 तरह के प्रवासी पक्षियों की सूची तैयार की थी, इनमें से 20 प्रवासी पक्षी नजर आए लेकिन पांच प्रजाति की गणना शून्य रही।
लिटिल कॉर्मोरेंट की यह है खासियत
लिटिल कॉर्मोरेंट पूर्वी एशिया का पक्षी है। इसको पानी में गोता लगाने और मछलियां पकड़ने में महारत हासिल है। इसका काला पंख सूरज की रोशनी में चमकता है और इसे उड़ते या पानी के किनारे बैठे देखना बेहद आकर्षक होता है। यह पक्षी समूह में रहना पसंद करता है और तालाबों, झीलों व नदियों के आसपास आसानी से देखा जा सकता है।
यह प्रजाति भी आएंगी नजर
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोंड हेरोनन, ग्रे हेरोन, लार्ज इयरट, इंटरमीडिएट इगरट, कैटल अर्गट, लेसर विस्लिंग डक, कॉमन कूट, ब्रांज विंगड जकाना आदि प्रजातियां भी नजर आएंगी।
प्रवासी पक्षी जलाशयों पर अठखेलियां करते नजर आने लगे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए टीम बना दी गई है। सभी रेंजर निगरानी करेंगे। मैं भी क्षेत्र में भ्रमणशील रहूंगा।
नीरज आर्या, डीएफओ
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प्रवासी पक्षी वेटलैंड का रुख करने लगे हैं। खासकर बड़े जलाशय जैसे कि सिमरधा, सुकुवां-ढुकुवां, पारीछा डैम, इमलिया बेतवा नदी, भसनेह बांध, बड़वार झील, बरुआसागर झील, खड़ैनी, सपरार, गढ़मऊ झील के अलावा कई ऐसे बड़े जलाशय हैं जिन्हें वन विभाग ने वेटलैंड के लिए चिह्नित किया है। इनकी संख्या पहले 97 थी लेकिन इस बार अच्छी बारिश से उसकी संख्या बढ़कर 103 हो गई है।
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वन विभाग ने बनाई सात टीमें
जलाशयों पर सर्दियाें खासकर दिसंबर में इनके आगमन पर वन विभाग सतर्क हो जाता है। इन प्रवासी पक्षियों का कोई शिकार न कर सके, इसके लिए वन विभाग ने सात टीम बना दी है। पिछले साल वन विभाग ने इन पक्षियों की गणना कराई तो सामने आया कि 4706 प्रवासी पक्षी आए थे, इनमें सर्वाधिक संख्या लिटिल कॉर्माेरेंट की थी। वन विभाग ने 25 तरह के प्रवासी पक्षियों की सूची तैयार की थी, इनमें से 20 प्रवासी पक्षी नजर आए लेकिन पांच प्रजाति की गणना शून्य रही।
लिटिल कॉर्मोरेंट की यह है खासियत
लिटिल कॉर्मोरेंट पूर्वी एशिया का पक्षी है। इसको पानी में गोता लगाने और मछलियां पकड़ने में महारत हासिल है। इसका काला पंख सूरज की रोशनी में चमकता है और इसे उड़ते या पानी के किनारे बैठे देखना बेहद आकर्षक होता है। यह पक्षी समूह में रहना पसंद करता है और तालाबों, झीलों व नदियों के आसपास आसानी से देखा जा सकता है।
यह प्रजाति भी आएंगी नजर
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोंड हेरोनन, ग्रे हेरोन, लार्ज इयरट, इंटरमीडिएट इगरट, कैटल अर्गट, लेसर विस्लिंग डक, कॉमन कूट, ब्रांज विंगड जकाना आदि प्रजातियां भी नजर आएंगी।
प्रवासी पक्षी जलाशयों पर अठखेलियां करते नजर आने लगे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए टीम बना दी गई है। सभी रेंजर निगरानी करेंगे। मैं भी क्षेत्र में भ्रमणशील रहूंगा।
नीरज आर्या, डीएफओ