{"_id":"68c592ba23bcafeb3b00b50f","slug":"jhansi-record-2-25-lakh-cases-settled-in-lok-adalat-13-year-old-dispute-settled-in-just-eight-minutes-2025-09-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jhansi: लोक अदालत में रिकॉर्ड 2.25 लाख मुकदमों का निस्तारण, महज आठ मिनट में निपट गया 13 साल पुराना विवाद","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jhansi: लोक अदालत में रिकॉर्ड 2.25 लाख मुकदमों का निस्तारण, महज आठ मिनट में निपट गया 13 साल पुराना विवाद
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Sat, 13 Sep 2025 09:20 PM IST
विज्ञापन
सार
इस दफा रिकॉर्ड 2,25,940 वादों का निस्तारण हुआ। पिछले साल के मुकाबले करीब दो गुना है।आपराधिक वाद निस्तारण करके 42,878,595 रुपये अर्थदंड वसूला गया।
-

लोक अदालत, झांसी
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
शनिवार को आयोजित लोक अदालत के दौरान कुल 2.25 लाख मुकदमे निपटाए गए। इसमें वर्षों से लंबित मामले भी शामिल थे। ऐसा ही एक मामला ईसाई टोला के नरेंद्र उत्तम एवं घनश्याम के बीच का था। उनके बीच पिछले 13 साल से पारिवारिक बंटवारे का विवाद चल रहा था। लोक अदालत में यह विवाद महज आठ मिनट में निपट गया। इसी तरह वर्षों से विवाद में उलझे मामले भी लोक अदालत में निपटे।

Trending Videos
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जनपद न्यायाधीश कमलेश कच्छल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। लोक अदालत को अहम बताते हुए जनपद न्यायाधीश ने कहा कि इनका उद्देश्य न्यायिक प्रणाली में गति लाना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव शरद कुमार चौधरी ने अभी तक आयोजित लोक अदालत की सफलता को गिनाते हुए कहा कि यहां निपटने वाले वाद बढ़ रहे हैं। इस दफा रिकॉर्ड 2,25,940 वादों का निस्तारण हुआ। पिछले साल के मुकाबले करीब दो गुना है। खासतौर से 191 वैवाहिक प्रकरण, 74 सिविल वाद, 7,130 अन्य वाद जबकि 9,932 शमनीय आपराधिक वाद निस्तारण करके 42,878,595 रुपये अर्थदंड वसूला गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
जनपद के विभिन्न राजस्व एवं दांडिक न्यायालयों में 114 राजस्व वाद, 1411 आपराधिक वाद, 9338 विद्युत उपभोक्ता वाद, 45 श्रम विवाद, 298 जनहित गारंटी अधिनियम वाद निस्तारित हुए। इसके अतिरिक्त 5,14,72,820 रुपये की धनराशि से संबंधित 966 बैंक ऋण एवं मोबाइल बिल संबंधी 40 वाद प्रीलिटिगेशन वाद के रूप में निस्तारित हुए। वहीं, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय विजय शंकर उपाध्याय ने 174 पारिवारिक मामले, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत विशेष शर्मा ने 3, हरिश्चंद्र पीठासीन अधिकारी अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय ने कुल 17 वाद सुलह समझौते के आधार पर निपटाए।