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झांसी: धोखे से लगाया स्मार्ट मीटर, कोर्ट में वाद दर्ज, कई बार शिकायत के बाद भी विभाग ने नहीं की कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Mon, 27 Oct 2025 01:59 PM IST
सार
चिरगांव के राष्ट्रकवि परिवार के आशीष गुप्त ने धोखाधड़ी से बिजली का मीटर बदले जाने का वाद उपभोक्ता न्यायालय में दायर किया है। आरोप है कि बार-बार शिकायत के बाद भी बिजली विभाग ने मामले की जांच कर कार्रवाई नहीं की।
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उपभोक्ता न्यायालय, झांसी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
चिरगांव के राष्ट्रकवि परिवार के आशीष गुप्त ने धोखाधड़ी से बिजली का मीटर बदले जाने का वाद उपभोक्ता न्यायालय में दायर किया है। आरोप है कि बार-बार शिकायत के बाद भी बिजली विभाग ने मामले की जांच कर कार्रवाई नहीं की।
वादी के अनुसार एक व्यक्ति खुद को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का कर्मचारी बताते हुए पुराने मीटर उतारकर नए स्मार्ट मीटर लगवा रहा था। उसने अपने परिसर में स्मार्ट मीटर लगवा लिया, जबकि पुराना मीटर सही काम कर रहा था। बाद में जानकारी हुई कि उक्त व्यक्ति स्मार्ट मीटर लगाने वाली ठेकेदार कंपनी का आदमी था। उतारे गए मीटर की सभी सील दुरुस्त थीं लेकिन बार-बार कहने के बावजूद सीलिंग सर्टिफिकेट 6 मई तक नहीं दिया गया। उतारा गया मीटर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड झांसी के कार्यालय सहायक अभियंता (मीटर) को भेजा गया। यदि उतारे गए मीटर को परीक्षण के लिए भेजना ही था तो उपभोक्ता के सामने इसे खोला जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया।
उपरोक्त कार्यालय से 22 मई को नोटिस मिलने पर उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारी से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब उन्होंने उपभोक्ता न्यायालय में बिजली विभाग के खिलाफ वाद दायर किया है।
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वादी के अनुसार एक व्यक्ति खुद को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का कर्मचारी बताते हुए पुराने मीटर उतारकर नए स्मार्ट मीटर लगवा रहा था। उसने अपने परिसर में स्मार्ट मीटर लगवा लिया, जबकि पुराना मीटर सही काम कर रहा था। बाद में जानकारी हुई कि उक्त व्यक्ति स्मार्ट मीटर लगाने वाली ठेकेदार कंपनी का आदमी था। उतारे गए मीटर की सभी सील दुरुस्त थीं लेकिन बार-बार कहने के बावजूद सीलिंग सर्टिफिकेट 6 मई तक नहीं दिया गया। उतारा गया मीटर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड झांसी के कार्यालय सहायक अभियंता (मीटर) को भेजा गया। यदि उतारे गए मीटर को परीक्षण के लिए भेजना ही था तो उपभोक्ता के सामने इसे खोला जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया।
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उपरोक्त कार्यालय से 22 मई को नोटिस मिलने पर उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारी से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब उन्होंने उपभोक्ता न्यायालय में बिजली विभाग के खिलाफ वाद दायर किया है।