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Jhansi: बीयू में इस बार घट सकती हैं पीएचडी की 10 फीसदी सीटें, पिछली बार 528 पर हुए थे प्रवेश
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Mon, 15 Dec 2025 06:38 AM IST
सार
बीयू की कार्य परिषद में निर्णय हो चुका है कि इस साल से जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में तीन साल का समय बचा है, उन्हें गाइड नहीं बनाया जाएगा। बीयू कैंपस में ही तीन प्रोफेसर अगले साल जून में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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बीयू, झांसी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इस बार पीएचडी की 10 फीसदी सीटें घट सकती हैं। इस बार सेवानिवृत्ति के तीन साल बचे होने वाले शिक्षकों को गाइड नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा गाइड के पास मानक अनुसार शोधार्थियों की संख्या ठीकठाक होना भी इसकी वजह है।
10 विषयों की नहीं हुई काउंसिलिंग
बीयू में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 47 विषयों में पीएचडी कराने के लिए मार्च से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई थी। 20 जुलाई को प्रवेश परीक्षा हुई थी। परिणाम जारी होने के बाद 37 विषयों की काउंसिलिंग हो चुकी है। इन विषयों में अब तक 406 सीटों पर प्रवेश हो चुके हैं। अभी कॉमर्स, लॉ, फाइन आर्ट, एनिमल हसबैंड्री एवं डेरिंग, हॉर्टीकल्चर, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग, मृदा विज्ञान समेत 10 विषयों की काउंसिलिंग अभी नहीं हुई है। बताया गया कि पिछली बार इन दस विषयों में करीब 80 सीटों पर प्रवेश हुए थे। चूंकि, बीयू की कार्य परिषद में निर्णय हो चुका है कि इस साल से जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में तीन साल का समय बचा है, उन्हें गाइड नहीं बनाया जाएगा। बीयू कैंपस में ही तीन प्रोफेसर अगले साल जून में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने में दो से तीन साल का समय बचा है। यही स्थिति बीयू से संबद्ध महाविद्यालयों में भी है। इसका असर सीटों पर भी पड़ेगा। ऐसे में पिछले साल से लगभग 10 फीसदी सीटें घटने की संभावना है।
कौन-कितने शोधार्थियों को करा सकता पीएचडी
प्रोफेसर अधिकतम आठ शोधार्थियों का गाइड बन सकते हैं। वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर अधिकतम छह और असिस्टेंट चार शोधार्थियों के गाइड बन सकते हैं।
तकनीकी समस्या से जमा नहीं हुई फीस, आज बढ़ेगी तारीख
काउंसिलिंग के बाद जिन शोधार्थियों को प्रवेश मिला है, उन्हें 14 दिसंबर तक फीस जमा करने का समय दिया गया था। बताया गया कि समर्थ पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से छात्र-छात्राओं की फीस जमा नहीं हो सकी। ऐसे में सोमवार को बीयू प्रशासन फीस जमा करने की तिथि बढ़ाएगा।
जिन शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने में तीन साल बचे हैं, उन्हें इस बार से गाइड नहीं बनाया जाएगा। नियमित पीएचडी चलने की वजह से भी गाइड के पास पर्याप्त शोधार्थी हैं। आवेदन मांगकर कई नए शिक्षकों को इस बार गाइड बनाया गया है। फिर भी पिछली बार से पीएचडी की सीटें कम रहेंगी। - ज्ञानेंद्र कुमार, कुलसचिव, बीयू।
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10 विषयों की नहीं हुई काउंसिलिंग
बीयू में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 47 विषयों में पीएचडी कराने के लिए मार्च से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई थी। 20 जुलाई को प्रवेश परीक्षा हुई थी। परिणाम जारी होने के बाद 37 विषयों की काउंसिलिंग हो चुकी है। इन विषयों में अब तक 406 सीटों पर प्रवेश हो चुके हैं। अभी कॉमर्स, लॉ, फाइन आर्ट, एनिमल हसबैंड्री एवं डेरिंग, हॉर्टीकल्चर, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग, मृदा विज्ञान समेत 10 विषयों की काउंसिलिंग अभी नहीं हुई है। बताया गया कि पिछली बार इन दस विषयों में करीब 80 सीटों पर प्रवेश हुए थे। चूंकि, बीयू की कार्य परिषद में निर्णय हो चुका है कि इस साल से जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में तीन साल का समय बचा है, उन्हें गाइड नहीं बनाया जाएगा। बीयू कैंपस में ही तीन प्रोफेसर अगले साल जून में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने में दो से तीन साल का समय बचा है। यही स्थिति बीयू से संबद्ध महाविद्यालयों में भी है। इसका असर सीटों पर भी पड़ेगा। ऐसे में पिछले साल से लगभग 10 फीसदी सीटें घटने की संभावना है।
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कौन-कितने शोधार्थियों को करा सकता पीएचडी
प्रोफेसर अधिकतम आठ शोधार्थियों का गाइड बन सकते हैं। वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर अधिकतम छह और असिस्टेंट चार शोधार्थियों के गाइड बन सकते हैं।
तकनीकी समस्या से जमा नहीं हुई फीस, आज बढ़ेगी तारीख
काउंसिलिंग के बाद जिन शोधार्थियों को प्रवेश मिला है, उन्हें 14 दिसंबर तक फीस जमा करने का समय दिया गया था। बताया गया कि समर्थ पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से छात्र-छात्राओं की फीस जमा नहीं हो सकी। ऐसे में सोमवार को बीयू प्रशासन फीस जमा करने की तिथि बढ़ाएगा।
जिन शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने में तीन साल बचे हैं, उन्हें इस बार से गाइड नहीं बनाया जाएगा। नियमित पीएचडी चलने की वजह से भी गाइड के पास पर्याप्त शोधार्थी हैं। आवेदन मांगकर कई नए शिक्षकों को इस बार गाइड बनाया गया है। फिर भी पिछली बार से पीएचडी की सीटें कम रहेंगी। - ज्ञानेंद्र कुमार, कुलसचिव, बीयू।