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UP: फर्जी डॉक्टर ने जिस मां को मृत बताया...उनका छलका दर्द, कविता के जरिए सामने आया; बेटी के लिए कही ये बात
अमर उजाला नेटवर्क, ललितपुर
Published by: शाहरुख खान
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:40 PM IST
सार
ललितपुर के फर्जी डॉक्टर ने जिस मां को मृत बताया उसका पहली बार दर्द छलका। उन्होंने कविता के जरिए पहली बार दर्द सामने आया। साथ ही बेटी के हौसले की सराहना करते हुए उसकी हिम्मत को सलाम किया।
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UP Fake Doctor Case
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
ललितपुर मेडिकल कॉलेज में फर्जी चिकित्सक रहे अभिनव सिंह (डॉ. राजीव गुप्ता) ने अपने इस्तीफे में जिस मां को मृत बताया था, वह जीवित हैं। अमर उजाला से बातचीत के दौरान उनका दर्द छलक पड़ा। कहा, अभिनव मेरा सगा बेटा है।
इसके अलावा मैं और कुछ नहीं कहना चाहती हूं। कविता के जरिये अपना दर्द बयां किया जिसमें उन्होंने झांसी की रानी सरीखी अपनी बेटी के हौसले की सराहना करते हुए उसकी हिम्मत को सलाम लिखा है।
फर्जी चिकित्सक प्रकरण ने रौनक से भरे एक परिवार की पूरी तस्वीर बदल दी है। एक ओर जहां फर्जी डिग्री के सहारे इलाज करने वाला इकलौता बेटा जेल की सलाखों के पीछे है वहीं चिकित्सक बेटी और दामाद अमेरिका में हैं। इस बीच घर में अकेली बची 80 वर्षीय मां अपने दर्द और लाचारी से जूझ रही है।
यह दास्तान दामाद डॉक्टर राजीव गुप्ता की डिग्री पर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में तीन साल से कार्यरत रहे अभिनव सिंह की मां डॉक्टर हर्षा की है, जो इकलौते बेटे की गलतियों और मजबूरियों के बीच इन दिनों टूट रही हैं। अकेलापन और बदनामी के बीच सोते हुए कानून पर चिंता जताते हुए उन्होंने कविता लिखी है।
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इसके अलावा मैं और कुछ नहीं कहना चाहती हूं। कविता के जरिये अपना दर्द बयां किया जिसमें उन्होंने झांसी की रानी सरीखी अपनी बेटी के हौसले की सराहना करते हुए उसकी हिम्मत को सलाम लिखा है।
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फर्जी चिकित्सक प्रकरण ने रौनक से भरे एक परिवार की पूरी तस्वीर बदल दी है। एक ओर जहां फर्जी डिग्री के सहारे इलाज करने वाला इकलौता बेटा जेल की सलाखों के पीछे है वहीं चिकित्सक बेटी और दामाद अमेरिका में हैं। इस बीच घर में अकेली बची 80 वर्षीय मां अपने दर्द और लाचारी से जूझ रही है।
यह दास्तान दामाद डॉक्टर राजीव गुप्ता की डिग्री पर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में तीन साल से कार्यरत रहे अभिनव सिंह की मां डॉक्टर हर्षा की है, जो इकलौते बेटे की गलतियों और मजबूरियों के बीच इन दिनों टूट रही हैं। अकेलापन और बदनामी के बीच सोते हुए कानून पर चिंता जताते हुए उन्होंने कविता लिखी है।
त्यागपत्र में मां की मौत का दिया था हवाला
बता दें कि अभिनव सिंह ने शिकायत होने के एक दिन पहले ही अपनी मां की मौत का हवाला लेकर मेडिकल कॉलेज से त्यागपत्र दे दिया था। अगले दिन शिकायत करने पहुंची बहन डॉ. सोनाली से जब प्रधानाचार्य ने मां की मौत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मां को जब उसकी हरकत का पता चला तो उन्हें बेहद दुख हुआ।
बता दें कि अभिनव सिंह ने शिकायत होने के एक दिन पहले ही अपनी मां की मौत का हवाला लेकर मेडिकल कॉलेज से त्यागपत्र दे दिया था। अगले दिन शिकायत करने पहुंची बहन डॉ. सोनाली से जब प्रधानाचार्य ने मां की मौत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मां को जब उसकी हरकत का पता चला तो उन्हें बेहद दुख हुआ।
डॉ. हर्षा बोलीं- यदि मुझे कुछ हो गया तो मेरे 14 कुत्तों का क्या होगा
डॉ. हर्षा जैन ललितपुर स्थित अपने आवास पर अकेली रहती हैं। उनकी बेटी डॉ. सोनाली एक सप्ताह रुकने के बाद वापस अमेरिका के टेक्सास शहर निवासी पति डॉ. राजीव गुप्ता के पास चली गई और अभिनव जेल में है।
डॉ. हर्षा जैन ललितपुर स्थित अपने आवास पर अकेली रहती हैं। उनकी बेटी डॉ. सोनाली एक सप्ताह रुकने के बाद वापस अमेरिका के टेक्सास शहर निवासी पति डॉ. राजीव गुप्ता के पास चली गई और अभिनव जेल में है।
ऐसे में घर में पाले गए 14 कुत्तों की परवरिश को लेकर वह बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में पदि उन्हें कुछ हो गया तो इन कुत्तों की देखभाल कौन करेगा। मालूम हो कि वह आसपास के घायल कुत्तों को प्रतिदिन खाना देने के अलावा उनके बीमार पड़ने पर उपचार भी कराती हैं।
मां ने ये भी खुलासा किया
डॉ. सोनाली ने मां को बताया था कि जब वह प्रधानाचार्य के कक्ष में शिकायत करने पहुंची तब उन्होंने किसी सहायक को बुलाकर पूछा तब जानकारी मिली कि जब अभिनव ने ज्वाइन किया तब जन्मतिथि, अंकपत्र व डिग्री पर अलग-अलग थी। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि तब सत्यापन क्यों नहीं हुआ। मामला गंभीर है और गुनाह भो, पता लगाना चाहिए। इसके बाद प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला सक्रिय हो गए और अभिनव के झूठ की परतें खुलनी शुरू हो गईं।
डॉ. सोनाली ने मां को बताया था कि जब वह प्रधानाचार्य के कक्ष में शिकायत करने पहुंची तब उन्होंने किसी सहायक को बुलाकर पूछा तब जानकारी मिली कि जब अभिनव ने ज्वाइन किया तब जन्मतिथि, अंकपत्र व डिग्री पर अलग-अलग थी। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि तब सत्यापन क्यों नहीं हुआ। मामला गंभीर है और गुनाह भो, पता लगाना चाहिए। इसके बाद प्रधानाचार्य डॉ. मयंक शुक्ला सक्रिय हो गए और अभिनव के झूठ की परतें खुलनी शुरू हो गईं।
जेल में बंद अभिनव सिंह से पूछताछ करेगी पुलिस
फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद अभिनय सिंह की शुक्रवार को सात दिन की रिमांड अवधि का आखिरी दिन था। इस पर पुलिस ने कोर्ट से अभिनव सिंह की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। इसे लेकर जांच अधिकारी ने कोर्ट के समक्ष तमाम साक्ष्य और अभिलेख रखे थे और इस केस की जांच करने के लिए अभिनव सिंह की रिमांड बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड अवधि बढ़ा दी है। अब पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी में है।
फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद अभिनय सिंह की शुक्रवार को सात दिन की रिमांड अवधि का आखिरी दिन था। इस पर पुलिस ने कोर्ट से अभिनव सिंह की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। इसे लेकर जांच अधिकारी ने कोर्ट के समक्ष तमाम साक्ष्य और अभिलेख रखे थे और इस केस की जांच करने के लिए अभिनव सिंह की रिमांड बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड अवधि बढ़ा दी है। अब पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी में है।
क्योंकि उसे लगा खामोशी गुनाह होगी...
बहुत मजबूत होकर, मजबूर होकर
घर की इज्जत दांव पर
आंखों में डर
दिल में आग
सोता रहा कानून
दिलेर बहन बनी इंसाफ की आवाज
चाहती तो मौन ही रहती
सोचती इकलौता भाई ही है
विधवा मां के वार्धक्य का सहारा
आंसू पीकर, कमर कसकर
झांसी की रानी बनकर
सोचकर
रब रूठे, मां छूटे, शादी टूटे
उसने लड़ना चुना
वह स्वयं भी यूएस में नामी आर्थो सर्जन है
क्योंकि उसे लगा खामोशी गुनाह होगी
सलाम, इस गजब की हिम्मत की।
- डा. हर्षा जैन
बहुत मजबूत होकर, मजबूर होकर
घर की इज्जत दांव पर
आंखों में डर
दिल में आग
सोता रहा कानून
दिलेर बहन बनी इंसाफ की आवाज
चाहती तो मौन ही रहती
सोचती इकलौता भाई ही है
विधवा मां के वार्धक्य का सहारा
आंसू पीकर, कमर कसकर
झांसी की रानी बनकर
सोचकर
रब रूठे, मां छूटे, शादी टूटे
उसने लड़ना चुना
वह स्वयं भी यूएस में नामी आर्थो सर्जन है
क्योंकि उसे लगा खामोशी गुनाह होगी
सलाम, इस गजब की हिम्मत की।
- डा. हर्षा जैन
