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Kannauj News: शव के नाखून, बाल और दांत को डीएनए के लिए भेजा
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छिबरामऊ। कानपुर-अलीगढ़ हाईवे अंडरपास से निगोह मोड़ पर खाई में मिला शव पूरी तरह जल चुका था। शव का सिर्फ दाहिना पैर ही मिला था जिसमें काला धागा बंधा था। शव जला होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। इसलिए नाखून, बाल और दांत मिलने पर डीएनए के लिए भेजा गया है। ताकि शव महिला का या पुरुष का, इसकी पुष्टि हो सके। पुलिस टीमों ने सीमावर्ती जिलों में शव की शिनाख्त के लिए पंपलेट बांटे और एसओजी टीम सीसीटीवी के फुटेज खंगालने में लगी हुई है।
निगोह जाने वाली सड़क के किनारे बुधवार की सुबह खाई में एक जला हुआ शव मिला था। एसपी, एएसपी समेत कई थानों की पुलिस जांच पड़ताल के लिए पहुंची थी पर शिनाख्त नहीं हो पाई। डीएनए जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि शव महिला का है या फिर किसी पुरुष का। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि नहीं हो पाई कि शव को जलाने में किसी ज्वलनशील केमिकल का प्रयोग किया गया था। वहीं, दूसरी तरफ कोतवाल विष्णुकांत तिवारी ने बताया कि पुलिस टीम ने निगोह मोड़ से विशुनगढ़ तक जाने वाले मार्ग, नवीगंज टोल प्लाजा से पश्चिमी बाईपास तक नेशनल हाईवे पर लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गए। अभी तक पुलिस के हाथ का महत्वपूर्ण सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर काम कर रही है। शीघ्र ही मामले का पर्दाफाश किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार का कहना है कि पुलिस की चार टीमों ने हाईवे पर 300 कैमरों को खंगाला गया है। अभी कोई ठोस सबूत नही मिला है। ऐसा लग रहा है कि शव को बाहर से लाकर जलाया गया है। दो किमी दूर पीआरवी की लाेकेशन मिली है, लेकिन घना कोहरा होने की वजह से पता नहीं चल पाया। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
पुलिस पेट्रोलिंग की खुली पोल
हाईवे पर होने वाली वारदातों की रोकथाम के लिए सप्ताह भर 24 घंटे पेट्रोलिंग कराने का दावा किया जाता है। मिले शव ने पुलिस की इस व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। शव जिस तरह से जला हुआ था, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डेढ़ से दो घंटे तक शव जलने पर तेज लपटें उठी होंगी। इसके बाद भी पेट्रोलिंग करने वाली पुलिस टीम की नजर नहीं पड़ी। आरोप है कि रात के समय गश्त के नाम पर केवल खानापूरी की जाती है।
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निगोह जाने वाली सड़क के किनारे बुधवार की सुबह खाई में एक जला हुआ शव मिला था। एसपी, एएसपी समेत कई थानों की पुलिस जांच पड़ताल के लिए पहुंची थी पर शिनाख्त नहीं हो पाई। डीएनए जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि शव महिला का है या फिर किसी पुरुष का। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि नहीं हो पाई कि शव को जलाने में किसी ज्वलनशील केमिकल का प्रयोग किया गया था। वहीं, दूसरी तरफ कोतवाल विष्णुकांत तिवारी ने बताया कि पुलिस टीम ने निगोह मोड़ से विशुनगढ़ तक जाने वाले मार्ग, नवीगंज टोल प्लाजा से पश्चिमी बाईपास तक नेशनल हाईवे पर लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गए। अभी तक पुलिस के हाथ का महत्वपूर्ण सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर काम कर रही है। शीघ्र ही मामले का पर्दाफाश किया जाएगा।
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पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार का कहना है कि पुलिस की चार टीमों ने हाईवे पर 300 कैमरों को खंगाला गया है। अभी कोई ठोस सबूत नही मिला है। ऐसा लग रहा है कि शव को बाहर से लाकर जलाया गया है। दो किमी दूर पीआरवी की लाेकेशन मिली है, लेकिन घना कोहरा होने की वजह से पता नहीं चल पाया। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
पुलिस पेट्रोलिंग की खुली पोल
हाईवे पर होने वाली वारदातों की रोकथाम के लिए सप्ताह भर 24 घंटे पेट्रोलिंग कराने का दावा किया जाता है। मिले शव ने पुलिस की इस व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। शव जिस तरह से जला हुआ था, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डेढ़ से दो घंटे तक शव जलने पर तेज लपटें उठी होंगी। इसके बाद भी पेट्रोलिंग करने वाली पुलिस टीम की नजर नहीं पड़ी। आरोप है कि रात के समय गश्त के नाम पर केवल खानापूरी की जाती है।
