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Kanpur News: नर्सिंग स्टाफ से फर्जी जज बनकर 60 लाख रुपये ठगने वाला अधिवक्ता गिरफ्तार
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कानपुर। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर से फर्जी जज बनकर 60 लाख रुपये ठगने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर गुप्ता को पुलिस ने धर दबोचा। कर्नलगंज पुलिस और सेंट्रल जोन की सर्विलांस टीम ने साथ रह रही महिला आयुषी को भी उसके साथ रविवार को शुक्लागंज से गिरफ्तार किया। आरोपी ने महिला को पत्नी बताकर किराये पर कमरा लिया हुआ था। पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो उन पर अधिवक्ता ने खुंखार कुत्ते छोड़ दिए थे। पुलिस ने आरोपी के पास 42 लाख 50 हजार रुपये और अर्टिगा कार बरामद की है। सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया। इसने कई महिलाओं को अपना शिकार बनाया।
डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि अधिवक्ता विष्णु शंकर गुप्ता ने मैट्रिमोनियल साइट पर सीतापुर के एसीजे की फर्जी आईडी से केजीएमयू की नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर से संपर्क किया। उन्हें शादी का झांसा देकर भरोसा जीत कर एक करोड़ की लग्जरी कार लेने की बात कही। उन्होंने 15 लाख रुपये के बारे में बताया। आरोपी ने उनका करीब 45 लाख का पर्सनल लोन करा दिया। इसके बाद सात सितंबर को 60 लाख रुपये लेकर कानपुर बुला लिया। आरोपी नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर को चुन्नीगंज बस अड्डे से लेकर फिल्म देखने की बात कहकर रेव थ्री मॉल आ गया। यहां से तबीयत खराब होने की बात कहकर रुपये का बैग लेकर भाग गया। बाद में मोबाइल बंद कर दिया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश की। कानपुर से लेकर उन्नाव तक 380 सीसीटीवी कैमरे देखे गए, जिसमें सफेद रंग की अर्टिगा कार नजर आई। उसकी पहचान कर आरोपियों को दबोच लिया।
कई युवतियों को बनाया ठगी का शिकार
डीसीपी सेंट्रल के मुताबिक आरोपी मैट्रिमोनियल साइट पर फर्जी आईडी बनाकर समाचार पत्रों में शादी के लिए निकलवाए विज्ञापन को देखकर उनसे संपर्क कर स्वयं को जज, आईएएस व अन्य अधिकारी बताकर ठगी करता है। अब तक चार-पांच युवतियों को ठगी का शिकार बना चुका है। आयुषी से भी उसने धोखाधड़ी कर सात लाख रुपये ठगे थे। वह मूलरूप से बस्ती की रहने वाली है। अभी शुक्लागंज में आरोपी के साथ रह रही थी। लखनऊ में भी जज बनकर 40 लाख रुपये की ठगी करने में गिरफ्तार हो चुका है। विष्णु शंकर गुप्ता का पत्नी से कोर्ट में मामला चल रहा है।
कार में किया बदलाव, पुलिस पर छोड़े कुत्ते
कर्नलगंज इंस्पेक्टर विनीत कुमार ने बताया कि उन्नाव की ओर से जब कार रेव थ्री मॉल के पास आई थी तब उसमें पार्टी का झंडा, अधिवक्ता व जज का लोगो वाला स्टीकर लगा हुआ था। नंबर प्लेट कानपुर की थी। रेवथ्री के पास पहुंचने पर विष्णु शंकर गुप्ता और आयुषी ने कार में लखनऊ की फर्जी नंबर प्लेट लगा दी। झंडा और लोगो भी हटा दिया। यहां से आयुषी विष्णु का असली मोबाइल लेकर गंगा पुल पर चली गई। विष्णु ने फर्जी दस्तावेज पर दूसरे के नाम से सिम ले रखा था। उसकी उसी नंबर पर नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर से बातचीत होती थी। यहां से विष्णु कार लेकर चुन्नीगंज पहुंचा, जबकि नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर बस से झकरकटी आ गईं। आरोपी ने उन्हें चुन्नीगंज बुलाया। वहां से उन्हें लेकर रेवथ्री के पास पहुंच गया। यहां पर एक गली में कार पार्क करके दोनों अंदर आ गए। यहां से निकलने के बाद फिर आरोपी ने लखनऊ की दूसरी फर्जी नंबर प्लेट लगाई और निकल गया। यह घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में रिकाॅर्ड हो गया। गंगा पुल पर पहुंचने के बाद मोबाइल और लखनऊ की दोनों नंबर प्लेट गंगा पुल से नीचे फेंक दी। पुलिस जब दोनों को पकड़ने शुक्लागंज पहुंची तो उनके ऊपर खतरनाक नस्ल के दो कुत्ते छोड़ दिए गए थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें मुश्किल से काबू किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक कुत्ता पिटबुल था, जबकि दूसरा जर्मन शेफर्ड।
92 हजार वेतन और 97 हजार की ईएमआई देने को तैयार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी युवतियों की भावनाओं से खेलता था। उसने जितनी भी लड़कियों को ठगा है सभी ने यही बात बताई। नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर भी इसी चक्कर में ठगी का शिकार बनी। उनका वेतन लगभग 92 हजार रुपये है, जबकि हर महीने 97 हजार रुपये की ईएमआई देने को तैयार हो गईं।
मेरी बहन की आत्मा आप को देख रही
जज बनकर ठगी का मामला समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद कर्नलगंज इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर पर एक युवती ने कॉल की और उन्हें वॉट्सएप मैसेज भी भेजा। उस मैसेज में लिखा...हम दो बहनें थीं मेरी बहन के साथ ही इसने ऐसा ही किया था वो किसी को बता नहीं पायी और सुसाइड कर लिया। मेरी बहन की आत्मा आपको देख रही है। सर उसके साथ न्याय करना आप। अब किसी और की जिंदगी से ये खेल न पाए।

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डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि अधिवक्ता विष्णु शंकर गुप्ता ने मैट्रिमोनियल साइट पर सीतापुर के एसीजे की फर्जी आईडी से केजीएमयू की नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर से संपर्क किया। उन्हें शादी का झांसा देकर भरोसा जीत कर एक करोड़ की लग्जरी कार लेने की बात कही। उन्होंने 15 लाख रुपये के बारे में बताया। आरोपी ने उनका करीब 45 लाख का पर्सनल लोन करा दिया। इसके बाद सात सितंबर को 60 लाख रुपये लेकर कानपुर बुला लिया। आरोपी नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर को चुन्नीगंज बस अड्डे से लेकर फिल्म देखने की बात कहकर रेव थ्री मॉल आ गया। यहां से तबीयत खराब होने की बात कहकर रुपये का बैग लेकर भाग गया। बाद में मोबाइल बंद कर दिया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश की। कानपुर से लेकर उन्नाव तक 380 सीसीटीवी कैमरे देखे गए, जिसमें सफेद रंग की अर्टिगा कार नजर आई। उसकी पहचान कर आरोपियों को दबोच लिया।
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कई युवतियों को बनाया ठगी का शिकार
डीसीपी सेंट्रल के मुताबिक आरोपी मैट्रिमोनियल साइट पर फर्जी आईडी बनाकर समाचार पत्रों में शादी के लिए निकलवाए विज्ञापन को देखकर उनसे संपर्क कर स्वयं को जज, आईएएस व अन्य अधिकारी बताकर ठगी करता है। अब तक चार-पांच युवतियों को ठगी का शिकार बना चुका है। आयुषी से भी उसने धोखाधड़ी कर सात लाख रुपये ठगे थे। वह मूलरूप से बस्ती की रहने वाली है। अभी शुक्लागंज में आरोपी के साथ रह रही थी। लखनऊ में भी जज बनकर 40 लाख रुपये की ठगी करने में गिरफ्तार हो चुका है। विष्णु शंकर गुप्ता का पत्नी से कोर्ट में मामला चल रहा है।
कार में किया बदलाव, पुलिस पर छोड़े कुत्ते
कर्नलगंज इंस्पेक्टर विनीत कुमार ने बताया कि उन्नाव की ओर से जब कार रेव थ्री मॉल के पास आई थी तब उसमें पार्टी का झंडा, अधिवक्ता व जज का लोगो वाला स्टीकर लगा हुआ था। नंबर प्लेट कानपुर की थी। रेवथ्री के पास पहुंचने पर विष्णु शंकर गुप्ता और आयुषी ने कार में लखनऊ की फर्जी नंबर प्लेट लगा दी। झंडा और लोगो भी हटा दिया। यहां से आयुषी विष्णु का असली मोबाइल लेकर गंगा पुल पर चली गई। विष्णु ने फर्जी दस्तावेज पर दूसरे के नाम से सिम ले रखा था। उसकी उसी नंबर पर नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर से बातचीत होती थी। यहां से विष्णु कार लेकर चुन्नीगंज पहुंचा, जबकि नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर बस से झकरकटी आ गईं। आरोपी ने उन्हें चुन्नीगंज बुलाया। वहां से उन्हें लेकर रेवथ्री के पास पहुंच गया। यहां पर एक गली में कार पार्क करके दोनों अंदर आ गए। यहां से निकलने के बाद फिर आरोपी ने लखनऊ की दूसरी फर्जी नंबर प्लेट लगाई और निकल गया। यह घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में रिकाॅर्ड हो गया। गंगा पुल पर पहुंचने के बाद मोबाइल और लखनऊ की दोनों नंबर प्लेट गंगा पुल से नीचे फेंक दी। पुलिस जब दोनों को पकड़ने शुक्लागंज पहुंची तो उनके ऊपर खतरनाक नस्ल के दो कुत्ते छोड़ दिए गए थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें मुश्किल से काबू किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक कुत्ता पिटबुल था, जबकि दूसरा जर्मन शेफर्ड।
92 हजार वेतन और 97 हजार की ईएमआई देने को तैयार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी युवतियों की भावनाओं से खेलता था। उसने जितनी भी लड़कियों को ठगा है सभी ने यही बात बताई। नर्सिंग स्टाफ ऑफिसर भी इसी चक्कर में ठगी का शिकार बनी। उनका वेतन लगभग 92 हजार रुपये है, जबकि हर महीने 97 हजार रुपये की ईएमआई देने को तैयार हो गईं।
मेरी बहन की आत्मा आप को देख रही
जज बनकर ठगी का मामला समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद कर्नलगंज इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर पर एक युवती ने कॉल की और उन्हें वॉट्सएप मैसेज भी भेजा। उस मैसेज में लिखा...हम दो बहनें थीं मेरी बहन के साथ ही इसने ऐसा ही किया था वो किसी को बता नहीं पायी और सुसाइड कर लिया। मेरी बहन की आत्मा आपको देख रही है। सर उसके साथ न्याय करना आप। अब किसी और की जिंदगी से ये खेल न पाए।