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अधिवक्ता हत्याकांड: पुलिस ने सौतेले भाई को हिरासत से छोड़ा, एनआरआई सिटी के मालिकों से पूछताछ तक नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Mon, 27 Dec 2021 12:03 PM IST
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सार
पुलिस ने शनिवार को वकील हत्याकांड का खुलासा कर सुपारी लेने वाले बदमाश अंकित यादव व दो शूटरों रोहित व दिलनाज को जेल भेजा था। दावा है कि इन तीनों ने भूमाफिया व राजाराम के दूर के रिश्तेदार रामखिलावन के इशारे पर हत्या की थी।

कानपुर: अधिवक्ता राजाराम की गोली मारकर हुई थी हत्या
- फोटो : amar ujala
विस्तार
कानपुर में अधिवक्ता राजाराम वर्मा हत्याकांड के नामजद आरोपी व उनके सौतेले भाई राजबहादुर को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। पुलिस का दावा है कि अभी तक की जांच में उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं। उधर पुलिस ने केस के नामजद आरोपी एनआरआई सिटी के मालिकानों से अब तक पूछताछ तक नहीं की है।
नवाबगंज स्थित गंगा नगर हाउसिंग सोसाइटी में 22 दिसंबर की शाम बदमाशों ने अधिवक्ता राजाराम वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने शनिवार को वारदात का खुलासा कर सुपारी लेने वाले बदमाश अंकित यादव व दो शूटरों रोहित व दिलनाज को जेल भेजा था। दावा है कि इन तीनों ने भूमाफिया व राजाराम के दूर के रिश्तेदार रामखिलावन के इशारे पर हत्या की थी।
हालांकि अभी तक रामखिलावन पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उधर, मामले में मृतक के परिजन ने एनआरआई सिटी के मालिकों, राजाराम के सौतेले भाई राजबहादुर को नामजद आरोपी बनाया था। राजबहादुर से पुलिस पूछताछ कर रही थी। खुलासा होने के बाद उसको पुलिस ने छोड़ दिया। एसीपी स्वरूपनगर व्रजनारायण सिंह का कहना है कि फिलहाल उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं।
अगर जरूरत पड़ेगी तो दोबारा बुलाकर पूछताछ की जाएगी। हालांकि पुलिस ने अब तक एनआरआई सिटी के मालिकों से पूछताछ तक नहीं की है। सवाल है कि आखिर क्यों? जबकि राजाराम के रास्ते से हटने से कहीं न कहीं एनआरआई सिटी के मालिकों को भी फायदा है। क्योंकि राजाराम ही जमीन में अड़ंगा लगाए हुए थे। वह अपनी जमीन उनको नहीं दे रहे थे।
दोनों मोबाइल बंद, रिश्तेदारों को उठाया
रामखिलावन की तलाश में तीन चार टीमें लगी हैं। वारदात के दूसरे दिन सुबह करीब दस बजे रामखिलावन ने अपने दोनों मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे। आखिरी लोकेशन चकेरी की थी। तब से उसका सुराग नहीं लगा है। रामखिलावन ने दो शादियां की थीं। पुलिस ने दोनों ससुराल वालों से संपर्क कर कई रिश्तेदारों को हिरासत में लिया है।
कनेक्शन साबित हुआ तो होगी कार्रवाई
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि रामखिलावन की गिरफ्तारी प्राथमिकता है। उससे पूछताछ में कई सवालों के जवाब मिलेंगे। स्पष्ट होगा कि वारदात की साजिश में और कौन कौन लोग हैं। साजिशकर्ता केवल वही है या फिर उसने किसी के साथ मिलकर साजिश रची। जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा। उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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हालांकि अभी तक रामखिलावन पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उधर, मामले में मृतक के परिजन ने एनआरआई सिटी के मालिकों, राजाराम के सौतेले भाई राजबहादुर को नामजद आरोपी बनाया था। राजबहादुर से पुलिस पूछताछ कर रही थी। खुलासा होने के बाद उसको पुलिस ने छोड़ दिया। एसीपी स्वरूपनगर व्रजनारायण सिंह का कहना है कि फिलहाल उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं।
अगर जरूरत पड़ेगी तो दोबारा बुलाकर पूछताछ की जाएगी। हालांकि पुलिस ने अब तक एनआरआई सिटी के मालिकों से पूछताछ तक नहीं की है। सवाल है कि आखिर क्यों? जबकि राजाराम के रास्ते से हटने से कहीं न कहीं एनआरआई सिटी के मालिकों को भी फायदा है। क्योंकि राजाराम ही जमीन में अड़ंगा लगाए हुए थे। वह अपनी जमीन उनको नहीं दे रहे थे।
दोनों मोबाइल बंद, रिश्तेदारों को उठाया
रामखिलावन की तलाश में तीन चार टीमें लगी हैं। वारदात के दूसरे दिन सुबह करीब दस बजे रामखिलावन ने अपने दोनों मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे। आखिरी लोकेशन चकेरी की थी। तब से उसका सुराग नहीं लगा है। रामखिलावन ने दो शादियां की थीं। पुलिस ने दोनों ससुराल वालों से संपर्क कर कई रिश्तेदारों को हिरासत में लिया है।
कनेक्शन साबित हुआ तो होगी कार्रवाई
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि रामखिलावन की गिरफ्तारी प्राथमिकता है। उससे पूछताछ में कई सवालों के जवाब मिलेंगे। स्पष्ट होगा कि वारदात की साजिश में और कौन कौन लोग हैं। साजिशकर्ता केवल वही है या फिर उसने किसी के साथ मिलकर साजिश रची। जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा। उस पर कार्रवाई की जाएगी।