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IIT Kanpur Case: लाइन हाजिर दरोगा ने इंस्पेक्टर पर लगाए आरोप, बोला- मेरे खिलाफ रचा गया षड्यंत्र, कही ये बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 09 May 2025 02:15 PM IST
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सार

Kanpur News: मामले में एक अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई मौके पर जांच करने नहीं गया। उसने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए एसीपी की गनर और ड्राइवर से बात की थी। उनके बयान लेकर रिपोर्ट तैयार की और कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इसके बाद से दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है मगर वो सामने नहीं आए हैं।

IIT Kanpur Case Line constable accuses inspector says a conspiracy was hatched against me
एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान - फोटो : amar ujala
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कानपुर में निलंबित एसीपी मोहसिन खान और आईआईटी स्कॉलर के बीच चल रहे विवाद में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। अब इस घटना में पुलिस ही पुलिस के सामने खड़ी हो गई है। मोहसिन खान की पत्नी ने कोर्ट से मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें रावतपुर में तैनात एसआई राजेश प्रसाद बाजपेई ने रिपोर्ट लगाई थी। दरोगा को डीसीपी पश्चिम ने लाइन हाजिर कर दिया। अब इस मामले में दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा गया है। इंस्पेक्टर रावतपुर पर आरोप लगाते हुए दरोगा ने कहा कि उनके कहने पर ही उन्होंने रिपोर्ट लगाई थी।

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दरोगा से बातचीत

सवाल: यह क्या घटना थी, आपकी तरफ से क्या रिपोर्ट दाखिल की गई थी?
राजेश प्रसाद बाजपेई: न्यायालय के आदेश पर मोहसिन खान की पत्नी के मामले में रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसमें इंस्पेक्टर कृष्ण कांत मिश्रा द्वारा मुझे फोन करके बुलाया गया और रिपोर्ट लगवाई गई कि थाने में इस मामले में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है। जबकि मैने उस रिपोर्ट में जांच करने के लिए कहा तो इंस्पेक्टर ने कहा कि नहीं सबमिट करनी है अर्जेंट है। मेरे हस्ताक्षर होंगे इसमें आप अपनी रिपोर्ट लगा दें। मोहर्रिर यहां मौजूद है वह जाकर कोर्ट में सबमिट कर देंगे। उसके बाद इंस्पेक्टर ने इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर और मोहर लगा दी थी।
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सवाल: आप पर आरोप है कि आपने दस्तावेज सीधे कोर्ट से प्राप्त किए और उसपर रिपोर्ट लगाकर बिना किसी को बताए कोर्ट में दाखिल कर दी?
राजेश प्रसाद बाजपेई: यह कहना गलत है, क्योंकि वो कोर्ट मुहर्रिर श्याम बाबू के द्वारा थाने पर लाई गई थी। जिसकी जीडी (जनरल डायरी) नंबर 58 है, जो कि थाने में एक अप्रैल 2025 को एंट्री कराई गई थी। इसमें साफ साफ लिखा है कि कांस्टेबल पवन को न्यायालय की रिपोर्ट प्राप्त कराई गई थी। जीडी नंबर से यह स्पष्ट है कि कोर्ट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट थाने पहुंची थी। इंस्पेक्टर को इस प्रकरण में सारी जानकारी थी कि यह प्रार्थना पत्र किससे संबंधित है।

सवाल: इस मामले में यह भी कहा गया है कि घटनास्थल नवाबगंज का था तो भी रावतपुर से रिपोर्ट लगवा दी गई?
राजेश प्रसाद बाजपेई: घटनास्थल रावतपुर और नवाबगंज के बार्डर पर स्थित है। मगर इंस्पेक्टर द्वारा मुझे निर्देशित किया गया था कि अभी इस मामले में रिपोर्ट लगाइए। अगर इंस्पेक्टर को यह जानकारी थी कि घटनास्थल नवाबगंज है तो उन्हें मुझसे वैसी रिपोर्ट लगवानी चाहिए थी कि घटना नवाबगंज से संबंधित है लिहाजा रिपोर्ट वहीं से लगवाई जाए। मगर उन्होंने ऐसा न करके।

सवाल: क्या आपको इस मामले में फंसाया जा रहा है?
राजेश प्रसाद बाजपेई: मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं। केके मिश्रा द्वारा रिपोर्ट लगवाई गई और मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है।

दरोगा ने सीधे ले लिए थे कागज
इस मामले में अधिकारिक पुलिस सूत्रों का कहना है कि दरोगा ने कोर्ट से सीधे कागज प्राप्त किए थे मगर यह नियम है कि कोर्ट मुहर्रिर जो भी कागज कोर्ट से प्राप्त करता है उसे थाने में लाकर जीडी में एंट्री की जाती है। इस केस में यही हुआ। कोर्ट मोहर्रिर ने जीडी में एंट्री करवा दी थी। मगर इसे दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई को आवंटित नहीं किया गया था। उसे गुरुदेव चौकी इंचार्ज को आवंटित किया गया था। जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि घटना नवाबगंज क्षेत्र की है।

एसीपी के गनर और ड्राइवर से कॉन्फ्रेंस पर की थी बात
एक अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई मौके पर जांच करने नहीं गया। उसने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए एसीपी की गनर और ड्राइवर से बात की थी। उनके बयान लेकर रिपोर्ट तैयार की और कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इसके बाद से दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है मगर वो सामने नहीं आए हैं।

गुजैनी में भी दरोगा विवाद में घिरे थे
गुजैनी थाने में तैनाती के दौरान दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई के नाम पर विवाद हुआ था। अधिकारी के मुताबिक वहां पर एक व्यक्ति ने दरोगा का ऑडियो वायरल कर दिया था, जिसमें लेनदेन का मामला था। इसपर भी दरोगा के खिलाफ पूर्व में कार्रवाई हो चुकी है।

एसीपी कल्याणपुर करेंगे विभागीय जांच
डीसीपी पश्चिम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि मामले में एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय को विभागीय जांच सौंपी गई है। उन्हें दो सप्ताह का समय दिया गया है। उनकी रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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