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Kanpur: एनएमसीजी के डीजी ने किया नवनिर्मित सीईटीपी का निरीक्षण, बोले- दो महीने में CETP से जोड़े सभी टेनरियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: हिमांशु अवस्थी
Updated Fri, 09 May 2025 02:48 PM IST
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सार
Kanpur News: डीजी ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि दो महीने में सभी टेनरियों को कंवेंस चैनल के माध्यम से इस प्लांट से जोड़ा जाए और इसमें उनका पानी शोधित किया जाए। उधर, जटेटा के निदेशक डॉ. फिरोज आलम ने बताया कि 366 टेनरियों में से 38 ने काम बंद कर दिया है। करीब 125 टेनरियां बंद हैं।

एसटीपी
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
कानपुर में जाजमऊ क्षेत्र की सभी टेनरियों का गंदा पानी कंवेंस चैनल के माध्यम से दो महीने में सीईटीपी (कॉमन क्रोम एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) में भेजने की व्यवस्था की जाए। प्लांट में भी टेनरी वेस्ट का ठीक से शोधन किया जाए। ये निर्देश बुधवार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के डायरेक्टर जनरल राजीव कुमार मित्तल ने नवनिर्मित सीईटीपी के निरीक्षण के दौरान दिए।
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एनएमसीजी के डीजी नगर और उन्नाव जिले के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों और सीईटीपी का निरीक्षण करने के लिए सात मई को यहां आए थे। पहले दिन जाजमऊ एसटीपी का निरीक्षण कर हकीकत देखने के बाद गुरुवार दोपहर एक बजे वह जाजमऊ में ही नवनिर्मित सीईटीपी पहुंचे। शाम सवा चार बजे तक इसी प्लांट के इंटेक प्वाइंट से लेकर शोधन प्लांट, फिल्ट्रेशन प्लांट, आउटलेट आदि का गहनता से निरीक्षण किया।
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भगवत दास घाट पर गंगा में जाता नाले का पानी
- फोटो : amar ujala
200 टेनरियों का ही जहरीला पानी प्लांट में आ रहा
इस दौरान उन्होंने जल निगम के अधिकारियों और जटेटा के सचिव राशिद नादरी से प्लांट संचालन और टेनरी वेस्ट आदि के बारे में जानकारी की। डीजी को बताया गया कि जाजमऊ स्थित 366 टेनरियां हैं पर सभी से पानी सीईटीपी में नहीं आ रहा है। एक अधिकारी के अनुसार करीब 200 टेनरियों का ही क्रोमियमयुक्त जहरीला पानी इस प्लांट में आ रहा है।
इस दौरान उन्होंने जल निगम के अधिकारियों और जटेटा के सचिव राशिद नादरी से प्लांट संचालन और टेनरी वेस्ट आदि के बारे में जानकारी की। डीजी को बताया गया कि जाजमऊ स्थित 366 टेनरियां हैं पर सभी से पानी सीईटीपी में नहीं आ रहा है। एक अधिकारी के अनुसार करीब 200 टेनरियों का ही क्रोमियमयुक्त जहरीला पानी इस प्लांट में आ रहा है।

परमट घाट पर गंगा में गिरता नाले का गंदा पानी
- फोटो : amar ujala
सभी टेनरियों को प्लांट से जोड़ा जाए
नियमानुसार सभी टेनरियों का गंदा पानी प्लांट में कंवेंस चैनल (पाइपलाइन) के माध्यम से आना चाहिए था। इस कार्य की मियाद भी कई महीने पहले बीत चुकी है। अन्य टेनरियों में से कुछ का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जा रहा है, तो कुछ का गंगा में बहाया जा रहा है। डीजी ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि दो महीने में सभी टेनरियों को कंवेंस चैनल के माध्यम से इस प्लांट से जोड़ा जाए और इसमें उनका पानी शोधित किया जाए।
नियमानुसार सभी टेनरियों का गंदा पानी प्लांट में कंवेंस चैनल (पाइपलाइन) के माध्यम से आना चाहिए था। इस कार्य की मियाद भी कई महीने पहले बीत चुकी है। अन्य टेनरियों में से कुछ का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जा रहा है, तो कुछ का गंगा में बहाया जा रहा है। डीजी ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि दो महीने में सभी टेनरियों को कंवेंस चैनल के माध्यम से इस प्लांट से जोड़ा जाए और इसमें उनका पानी शोधित किया जाए।

गोलाघाट पर गंगा में जाता नाले का गंदा पानी
- फोटो : amar ujala
नए कंवेंस चैनल से सीईटीपी में भेजने के निर्देश
उधर, जटेटा के निदेशक डॉ. फिरोज आलम ने बताया कि 366 टेनरियों में से 38 ने काम बंद कर दिया है। करीब 125 टेनरियां बंद हैं। दावा किया कि शेष सभी टेनरियों का करीब 12 एमएलडी गंदा पानी सीईटीपी में पहुंच रहा है। टेनरी वेस्ट फिलहाल पुराने कंवेंस चैनल से जा रहा है। डीजी ने इसे नए कंवेंस चैनल से सीईटीपी में भेजने के निर्देश दिए हैं।
उधर, जटेटा के निदेशक डॉ. फिरोज आलम ने बताया कि 366 टेनरियों में से 38 ने काम बंद कर दिया है। करीब 125 टेनरियां बंद हैं। दावा किया कि शेष सभी टेनरियों का करीब 12 एमएलडी गंदा पानी सीईटीपी में पहुंच रहा है। टेनरी वेस्ट फिलहाल पुराने कंवेंस चैनल से जा रहा है। डीजी ने इसे नए कंवेंस चैनल से सीईटीपी में भेजने के निर्देश दिए हैं।