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Kanpur: मिसाइल हमले से सुरक्षित रहेंगे मेट्रो के भूमिगत स्टेशन, आपात स्थिति में बनेंगे बंकर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 08 May 2025 11:33 PM IST
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सार
Kanpur News: चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक साढ़े छह किलोमीटर में 60 फीट गहराई में स्टेशन और सुरंग बने हैं।

कानपुर मेट्रो
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
यूक्रेन की तर्ज पर आपात स्थिति में मेट्रो ट्रैक की सुरंग और स्टेशनों को बंकर की तरह उपयोग किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तायुक्त सुरंग और भूमिगत स्टेशन बनाने का दावा किया है। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के मद्देनजर मेट्रो अधिकारियों का दावा है कि मेट्रो स्टेशन और ट्रैक की सुरंग इस प्रकार बनाए गए हैं कि इन पर सामान्य मिसाइलों का हमला बेअसर साबित होगा।
गौरतलब है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में मेट्रो के भूमिगत स्टेशनों और रेलवे ट्रैक की सुरंग का इस्तेमाल आपात स्थिति में बंकरों की तरह किया जा रहा है। शहर में यूपीएमआरसी ने चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक साढ़े छह किलोमीटर लंबी दो मेट्रो सुरंगें और पांच भूमिगत मेट्रो स्टेशन तैयार कर लिए हैं। यह सड़क के स्तर से 50- 60 फीट की गहराई में निर्मित हैं। इनमें करीब एक फीट मोटी स्लैब डाली गई हैं। सुरंग निर्माण में आठ-10 इंच चौड़े कंक्रीट के रिंगनुमा ब्लॉक लगाए गए हैं। भूमिगत स्टेशनों में पहला भूतल (कॉनकोर्स) सड़क की सतह से 25-30 फीट नीचे है। इसमें टिकट, शौचालय आदि सुविधाएं हैं। प्रत्येक भूमिगत स्टेशन 100 मीटर से ज्यादा चौड़ा है। जानकारों के मुताबिक इतनी मजबूत संरचना को सिर्फ सुरंगों को ध्वस्त करने वाली मिसाइलें ही नष्ट कर सकती हैं।
बीती 24 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस रूट में ट्रेनों के संचालन का लोकार्पण करना था, पर उससे पहले ही पहलगाम में हुए हमले के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। उद्घाटन के मद्देनजर इन सभी मेट्रो स्टेशनों (चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल) यात्रियों के लिए पानी, हवा, शौचालय, रोशनी, मोबाइल सिग्नल कनेक्टिविटी आदि व्यवस्थाएं कर ली हैं, जो गुरुवार को भी सुचारू रूप से चलती रहीं।
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गौरतलब है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में मेट्रो के भूमिगत स्टेशनों और रेलवे ट्रैक की सुरंग का इस्तेमाल आपात स्थिति में बंकरों की तरह किया जा रहा है। शहर में यूपीएमआरसी ने चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक साढ़े छह किलोमीटर लंबी दो मेट्रो सुरंगें और पांच भूमिगत मेट्रो स्टेशन तैयार कर लिए हैं। यह सड़क के स्तर से 50- 60 फीट की गहराई में निर्मित हैं। इनमें करीब एक फीट मोटी स्लैब डाली गई हैं। सुरंग निर्माण में आठ-10 इंच चौड़े कंक्रीट के रिंगनुमा ब्लॉक लगाए गए हैं। भूमिगत स्टेशनों में पहला भूतल (कॉनकोर्स) सड़क की सतह से 25-30 फीट नीचे है। इसमें टिकट, शौचालय आदि सुविधाएं हैं। प्रत्येक भूमिगत स्टेशन 100 मीटर से ज्यादा चौड़ा है। जानकारों के मुताबिक इतनी मजबूत संरचना को सिर्फ सुरंगों को ध्वस्त करने वाली मिसाइलें ही नष्ट कर सकती हैं।
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बीती 24 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस रूट में ट्रेनों के संचालन का लोकार्पण करना था, पर उससे पहले ही पहलगाम में हुए हमले के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। उद्घाटन के मद्देनजर इन सभी मेट्रो स्टेशनों (चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल) यात्रियों के लिए पानी, हवा, शौचालय, रोशनी, मोबाइल सिग्नल कनेक्टिविटी आदि व्यवस्थाएं कर ली हैं, जो गुरुवार को भी सुचारू रूप से चलती रहीं।

कानपुर मेट्रो
- फोटो : अमर उजाला
अब भूमिगत स्टेशनों में मिलेगी बेहतर डेटा, वायस कॉल कनेक्टिविटी
मेट्रो यात्रियों को अब भूमिगत स्टेशनों और सुरंगों के भीतर भी बेहतर डेटा और वायस कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी। यूपीएमआरसी और बीएसएनएल के अधिकारियों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। लखनऊ, कानपुर और आगरा में भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और सुरंगों में निर्बाध मोबाइल कनेक्टिविटी की दिशा में अहम कदम बताया गया, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी।
यूपीएमआरसी और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के बीच 7 मई को दिल्ली में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य भूमिगत मेट्रो स्टेशनों एवं सुरंग में यात्रा के दौरान मोबाइल कनेक्टिविटी के अनुभव को और बेहतर बनाना है। इस दौरान यूपीएमआरसी के निदेशक रोलिंग स्टॉक नवीन कुमार मौजूद रहे।
मेट्रो यात्रियों को अब भूमिगत स्टेशनों और सुरंगों के भीतर भी बेहतर डेटा और वायस कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी। यूपीएमआरसी और बीएसएनएल के अधिकारियों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। लखनऊ, कानपुर और आगरा में भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और सुरंगों में निर्बाध मोबाइल कनेक्टिविटी की दिशा में अहम कदम बताया गया, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी।
यूपीएमआरसी और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के बीच 7 मई को दिल्ली में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य भूमिगत मेट्रो स्टेशनों एवं सुरंग में यात्रा के दौरान मोबाइल कनेक्टिविटी के अनुभव को और बेहतर बनाना है। इस दौरान यूपीएमआरसी के निदेशक रोलिंग स्टॉक नवीन कुमार मौजूद रहे।

कानपुर मेट्रो
- फोटो : अमर उजाला
लखनऊ, कानपुर और आगरा मेट्रो नेटवर्क के भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और सुरंगों में उपलब्ध यूपीएमआरसी की इन-बिल्डिंग सॉल्यूशन (आईबीएस) इंफ्रास्ट्रक्चर को अब बीएसएनएल द्वारा उपयोग में लाया जाएगा। यह साझेदारी यूपीएमआरसी की तीनों परियोजनाओं के अंडरग्राउंड स्टेशनों और सुरंगों में मेट्रो यात्रियों के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी को और मजबूत बनाएगी।
मेट्रो यात्रियों के सफर को और बेहतर बनाने के हमारे साझा लक्ष्य में बीएसएनएल के साथ सहयोग करते हुए खुशी हो रही है। यह पहल हमारे यात्रियों के लिए एक स्मार्ट, निर्बाध और कनेक्टेड ट्रांजिट अनुभव प्रदान करने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। स्टेशनों और सुरंगों में निर्बाध मोबाइल कवरेज सुनिश्चित कर यूपीएमआरसी यात्रियों के समग्र अनुभव को बेहतर बना रहा है और शहरी सार्वजनिक परिवहन में डिजिटल पहुंच को आगे बढ़ा रहा है। - सुशील कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपीएमआरसी