PHOTOS: नम आंखों के साथ कांपते हाेंठों से निकली पुकार ''एक साथ चली गईं 7 होनहार बेटियां''
चित्रकूट बरगढ़-मऊ के बीच में बसे बोझ, मुर्का व अरवारी गांव का नजारा सुबह ऐसा था कि जो भी वहां पहुंचा उसकी आंखों में आंसू आ गए। सोमवार को झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के सुचेता कालोनी के पास डंपर की टक्कर से टेंपो सवार सात छात्राओं समेत नौ की मौत का मंजर देखने वाले आक्रोशित व भयभीत थे तो मंगलवार को यही लोग द्रवित हो उठे।
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महावीर का डेरा, कछारपुरवा व गडरियनपुरवा में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मृत छात्राओं कविता, सविता, सोनम, छाया, प्रमिला, रंगीला व साधना के अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले रातों-रात मुख्यालय में सभी नौ मृतकों का पोस्टमार्टम कराया गया।
आगे की स्लाइड में पढ़ेंः- सरकारी रवैये को लेकर हर एक के मन में गुस्सा...
सुबह पांच बजे शव परिजनों को सौंपे गए लेकिन साथ ही पुलिस बल भी गांव पहुंचा। एक साथ सात बेटियों की अंतिम विदाई देख हर चेहरे पर रुलाई ला रही थी तो हादसों की रोकथाम की कोशिशें बातों तक सिमट जाने के सरकारी रवैये को लेकर हर एक के मन में गुस्सा था।
आगे की स्लाइड में पढ़ेंः- हाइवे पर बढ़ते हादसे...
इसे लेकर परिवारों में ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग गम और गुस्से में नजर आए। आए दिन हाइवे पर बढ़ते हादसों के बावजूद प्रशासनिक अमले की पहल को ग्रामीणों ने नाकाफी बताया और इस पर रोकथाम के उपाय करने की बात करते रहे। उधर मृतक चालक दर्शन व उसके दोस्त मानिकचंद्र का भी उनके गांव में अंतिम संस्कार कराया गया।